Media Coverage

जीबीयू में उधमशीलता जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।

SSR

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय और भारत सरकार के लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत में प्रबंधन विभाग के डॉ इंदू उप्रेती ने सभी का स्वागत किया और छात्रों को उद्यमिता में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरके सिन्हा ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा, “आज की आवश्यकता ऐसे उद्यमियों की है, जो भारत के लिए गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे उत्पाद तैयार करें। हमारे देश की बड़ी आबादी हमें व्यापार के नए अवसर प्रदान करती है। उद्यमिता के लिए रिस्क प्रबंधन और रचनात्मकता अनिवार्य है। हमें वित्तीय जागरूकता भी जरूरी है।” विशिष्ट अतिथि, एमएसएमई ओखला के संयुक्त निदेशक डॉ. आर के भारती ने छात्रों को भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी और उन्हें बताया कि सफलता के लिए जीवन को चार ‘डी’ से संचालित करना चाहिए – डिजायर, डायरेक्शन, डिसिप्लिन और डेडिकेशन। सह निदेशक डॉ. डीएस तोमर ने सूक्ष्म मंत्रालय की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।कार्यक्रम के संयोजक, डॉ. नवीन प्रबंधन विभाग) ने बताया, “भारत को विकसित बनाने के लिए हमें स्वरोजगार के रास्ते को अपनाना होगा। जितना अधिक छात्र उद्यमिता की दिशा में काम करेंगे, उतना ही देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।” इस कार्यक्रम में शारदा विश्वविद्यालय से डॉ. अमित सहगल, उद्यमी विवेक कुमार, इंदू जैसवाल(केनरा बैंक), प्रोफेसर श्वेता आनंद, डॉ. वर्षा दीक्षित, डॉ. सतीश मीतल, डॉ विनय लिटोरिया, डॉ लवी सारीक्वाल, रागिनी, अर्चना और सैकड़ों छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहें।इस शिविर ने छात्रों में उद्यमिता के प्रति जागरूकता उत्पन्न की और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में IEEE सम्मेलन IC3ECSBHI-2025 का उद्घाटन 16 जनवरी को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय IEEE अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "कॉग्निटिव कंप्यूटिंग इन इंजीनियरिंग, कम्युनिकेशंस,

SSR

16 जनवरी को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय IEEE अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “कॉग्निटिव कंप्यूटिंग इन इंजीनियरिंग, कम्युनिकेशंस, साइंसेज एंड बायोमेडिकल हेल्थ इन्फॉर्मेटिक्स (IC3ECSBHI-2025)” का भव्य उद्घाटन किया गया । यह सम्मेलन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में तथा कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी के सहसंरक्षण में आयोजित किया जा रहा है । कुछ मुख्य अथिति प्रो.एस.एन.सिंह (डायरेक्टर, आईआईआईटीएम, ग्वालियर, भारत), विशिष्ट अतिथि प्रो.आई.आर. डॉ. वाई ई लिऑनग (उप-कुलपति, आई एनटी आई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मलेशिया) एवं प्रो. किशोर एस. त्रिवेदी (प्रोफेसर, ड्यूक कन्शन यूनिवर्सिटी, यूएसए), सम्मानित अतिथि प्रो. विनोद कुमार (पूर्व उपकुलपति, जेआईआईटी सोलन, भारत), प्रो. मैनुद्दीन (पूर्व उपकुलपति, डायरेक्टर, एन.आई.टी., जालंधर), प्रो. आशीष कुमार सिंह, पूर्व अध्यक्ष, आईईईई, यूपी सेक्शन, भारत) रहें । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा, “यह सम्मेलन IC3ECSBHI-2025 ऐतिहासिक महत्व रखता है, जो शोध के क्षेत्र में मानक तैयार करेगा और उत्तर प्रदेश क्षेत्र में आईईईई के प्रति जागरूकता और नेटवर्किंग को बढ़ावा देगा”। इस सम्मेलन में ‘समकालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रगति’ पर विस्तार से चर्चा की जायेगी । यह सम्मेलन कॉग्निटिव कंप्यूटिंग के एकीकृत समाधानों के माध्यम से इंजीनियरिंग, कम्युनिकेशंस, विज्ञान और स्वास्थ्य देखभाल के जटिल मुद्दों के समाधान पर केंद्रित है। इसमें प्रमुख वक्ता, सत्र अध्यक्ष, ट्रैक अध्यक्ष, अमेरिका, वियतनाम और अन्य देशों के अंतरराष्ट्रीय मेहमानों सहित 300 से अधिक लेखक, प्रतिनिधि, समीक्षक और प्रस्तुतकर्ता विश्वभर से भाग ले रहे हैं । अगले दो दिनों तक तकनीकी जगत की बेहत महत्त्वपूर्ण विषयों को शोध के माध्यम से 12 कॉन्फ्रेंस ट्रैक और 34 विशेष सत्र ट्रैक के साथ कई महत्वपूर्ण विषयों जैसे कि कॉग्निटिव कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), इंजीनियरिंग नवाचार और स्वास्थ्य देखभाल प्रगति पर विचार किया जायेगा तथा शोध पत्र प्रस्तुत किया जायेगा । कार्यक्रम की शुरूआत भगवान बुद्ध एवं सरस्वती माँ के पुष्प-अर्पण हुई तथा कार्यक्रम में उपस्थिति समस्त अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया । सम्मेलन के जनरल चेयर डॉ. एम.ए. अंसारी, समस्त संयोजक डॉ. कीर्ति पाल (अधिष्ठाता, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग), डॉ. ओम वीर (विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग), डॉ. ओमवीर सिंह (विभागाध्यक्ष, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग) सहित विश्वविद्यालय के समस्त संकायों के फेकल्टीज़ एवं छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम को सफल बनाया ।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में IEEE सम्मेलन IC3ECSBHI-2025 का हुआ उद्घाटन ।

SSR

ग्रेटर नोएडा। इंजीनियरिंग, संचार, विज्ञान और बायोमेडिकल स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग पर तीन दिवसीय IEEE अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (IC3ECSBHI-2025) का उद्घाटन 16 जनवरी को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में किया गया। सम्मेलन का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व और रजिस्ट्रार डॉ. विश्वास त्रिपाठी के सह-संरक्षण में किया जा रहा है। मुख्य अतिथि प्रो. एस. एन. सिंह (निदेशक, IIITM, ग्वालियर, भारत), विशिष्ट अतिथि प्रो. आई. आर. डॉ. वाई. ई. लियॉन्ग (कुलपति, INTI इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, मलेशिया) और प्रो. किशोर एस. त्रिवेदी (प्रोफेसर, ड्यूक कॉन्सन यूनिवर्सिटी, यूएसए), विशिष्ट अतिथि प्रो. विनोद कुमार (पूर्व कुलपति, JIIT सोलन, भारत), प्रो. रिहान (महानिदेशक, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने कहा,”यह सम्मेलन IC3ECSBHI-2025 ऐतिहासिक महत्व का है क्योंकि यह अनुसंधान के क्षेत्र में मानक स्थापित करेगा और उत्तर प्रदेश क्षेत्र में IEEE जागरूकता और नेटवर्किंग को बढ़ावा देगा”। इस सम्मेलन में ‘समकालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रगति’ पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यह सम्मेलन संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग के एकीकृत समाधानों के माध्यम से इंजीनियरिंग, संचार, विज्ञान और स्वास्थ्य देखभाल के जटिल मुद्दों को हल करने पर केंद्रित है। मुख्य वक्ता, सत्र कार्यक्रम में अमेरिका, वियतनाम, ब्रिटेन, मलेशिया और अन्य देशों के अंतर्राष्ट्रीय अतिथि, ट्रैक चेयर, प्रोफेसर मौजूद रहे

पंडित दीन दयाल उपाध्याय के दर्शन पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का शुभारंभ

SSR

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग और भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व राज्यसभा सांसद, मंत्री एवं एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एव विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष ने कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद में एकात्मकता का अर्थ है जो कि खंडित न हो, यानी जो भी ब्रह्मांड के तत्व हैं वो सभी तत्व मानव में समाहित है। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ. शर्मा ने इस विद्वत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति, समाज, प्रकृति और परमेश्वर की समग्र एकात्मकता को पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद के रूप स्थापित किया है। स अवसर पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि समाज की समस्याओं का समाधान एकात्म मानववाद में निहित है। इसमें संघर्ष की नहीं, बल्कि समन्वय की बात होती है। उन्होंने "ह्यूमन डेवलपमेंट एंड हैप्पीनेस इंडेक्स" का भी उल्लेख किया। भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के सचिव प्रो. सच्चिदानंद मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अनुसार सभी मानवों में एक ही आत्मा विद्यमान है क्योंकि मानव न सिर्फ व्यक्ति है और न ही सिर्फ समाज, बल्कि वह एक समग्र मानव है जिसमें सभी तत्व समाहित हैं। इस अवसर पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता और जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. वंदना पाण्डेय ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी एक ऐसे उत्कृष्ट मानवतावादी चिंतक रहे हैं जिनकी दूरदृष्टि को आधार बनाकर देश की केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू की है। उन्होंने आगे कहा कि उपाध्याय जी के अनुसार हर व्यक्ति, जाति और धर्म से ऊपर आत्मा के स्तर पर एक समान है। इस संगोष्ठी के प्रथम और द्वितीय सत्र की अध्यक्षता, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. रवीन्द्रनाथ मनुकोंडा एवं भारतीय जनसंचार संस्थान के प्रो. गोविंद सिह ने किया। इस अवसर पर प्रो. प्रशांत कुमार, डॉ. स्मिता मिश्रा एव श्री आशुतोष भटनागर, वैचारिक विमर्श के इस प्रतिस्थित मंच पर वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। संगोष्ठी के प्रथम दिवस के उद्घाटन समारोह में जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनीत कुमार ने इस वैचारिक संगोष्ठी को सफल बनाने के लिए सभागार में उपस्थित समस्त लोगों का आभार व्यक्त किया। अंग्रेजी विभाग की डॉ. मंजरी सुमन एवं डॉ. विपासा सोम ने मंच का सफलतापूर्वक संचालन कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम के आयोजन समिति में जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विमलेश कुमार, डॉ. कुमार प्रियतम, डॉ. प्रतिमा एवं मिस करुणा सिंह के साथ मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के अलग-अलग विभागों के विभागाध्यक्ष और असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल थे ।

विश्व हिंदी दिवस: 20 देशों के 300 छात्र सीख रहे हिंदी, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में लग रहीं अतिरिक्त कक्षाएं

SSR

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया वियतनाम, श्रीलंका, लॉउस, थाईलैंड, वर्मा के साथ दक्षिण एशिया के कई देशों के छात्र बुद्ध स्टडीज में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही पीएचडी भी कर रहे हैं। हिंदी वैश्विक स्तर पर तेजी से मौजूदगी दर्ज करा रही है। इसकी एक बानगी यूं है कि विवि में 20 से अधिक देशों के छात्रों के लिए विशेष कक्षाओं का संचालन किया जाता है। इसमें करीब 300 से अधिक बोलचाल की हिंदी सीखते हैं विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने बताया वियतनाम, श्रीलंका, लॉउस, थाईलैंड, वर्मा के साथ दक्षिण एशिया के कई देशों के छात्र बुद्ध स्टडीज में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही पीएचडी भी कर रहे हैं। इनमें 20 से 45 साल तक के आयुवर्ग के लोग शामिल हैं। इन सबके लिए हिंदी की विशेष कक्षाएं संचालित कराई जाती हैं। जिसमें उन्हें बोलचाल में प्रयोग होने वाली हिंदी सिखाई जाती है। हिंदी को सीखना रोचक है। दोस्तों के साथ हिंदी में ही बात करती हूं। -नगुयेन मोंग थाओ नगुयेन, छात्रा विदेशी छात्रों के लिए हिंदी की विशेष कक्षाएं विश्वविद्यालय संचालित की जाती हैं, जिससे उन्हें बोलचाल की हिंदी का ज्ञान हो सके। यह उन्हें पढ़ाई में मदद करता है। -डॉ. विश्वास त्रिपाठी, कुलसचिव, जीबीयू

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में “इनोवेटर्स मीट” का आयोजन ।

SSR

आज गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन्स इनोवेशन काउंसिल IIC-GBU द्वारा “इनोवेटर्स मीट” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नवाचार, उद्यमिता, और स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग एवं ग्रांट्स के अवसरों पर चर्चा करना था। इस आयोजन का नेतृत्व गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में किया गया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंजीनियर नरिंदर सिंह जस्सल, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन, चंडीगढ़ थे। उन्होंने प्रिज्म योजना (Promoting Innovations in Individuals, Start-ups and MSMEs) के तहत स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए 10 लाख रुपये से 70 लाख रुपये तक की अशर्त अनुदान राशि के बारे में जानकारी दी।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा ने इनोवेटर्स को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत में स्टार्टअप्स के लिए एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र eco-system विकसित हो रहा है और युवा इनोवेटर्स को इसका लाभ उठाना चाहिए।कार्यक्रम की मुख्य बातें14 इनोवेटर्स ने अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें मुख्य रूप से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी, और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के क्षेत्र शामिल थे। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स से जुड़े विचार भी शामिल थे।इंजीनियर जस्सल ने इनोवेटर्स के विचारों की सराहना की और उन्हें प्रिज्म योजना के तहत अनुदान दिलाने का आश्वासन दिया।डॉ. विशाल सुरेश चंदाने, वैज्ञानिक, बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप, सीएसआईओ, और डॉ. नवदीप सिंह, निदेशक, वर्ल्ड स्पेस काउंसिल, कुरुक्षेत्र, ने भी इनोवेटर्स को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए मार्गदर्शन दिया।डॉ. शक्ति साही, प्रमुख, आईपीआर सेल, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ने भारत में पेटेंट के महत्व और उनके लिए उपलब्ध अनुदान अवसरों पर प्रकाश डाला।डॉ. सतीश के मित्तल, प्रमुख, एआईसी-जीबीयू इनक्यूबेशन सेंटर, ने उत्तर प्रदेश और भारत सरकार की विभिन्न अनुदान योजनाओं की जानकारी दी।सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति कार्यक्रम में डॉ. इंदु उप्रेती, डीन प्लानिंग एंड रिसर्च, डॉ. कीर्ति पाल, डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, डॉ. ओमबीर सिंह दहिया, प्रमुख, अर्थशास्त्र विभाग, और अन्य प्रतिष्ठित फैकल्टी सदस्यों एवं छात्रों ने भाग लिया।कार्यक्रम का समन्वय डॉ. निधि पाल सिंह, वरिष्ठ फैकल्टी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, जीबीयू द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।“इनोवेटर्स मीट” ने न केवल छात्रों और शोधार्थियों को नवाचार और उद्यमिता के लिए प्रेरित किया बल्कि उन्हें उपलब्ध सरकारी योजनाओं और अनुदान अवसरों के बारे में भी जागरूक किया।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन और एआई पर पांच दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

SSR

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय जीबीयू के स्कूल ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी यूएसआईसीटी और एसोसिएशन इंडियन यूनिवर्सिटीज एआईयू ने ऑनलाइन मोड में “साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन और एआई में अनुसंधान के रुझान” पर एक सप्ताह के संकाय विकास कार्यक्रम एफडीपी का आयोजन किया। जागरूकता फैलाने और संकायों और अनुसंधान विद्वानों को सुरक्षित डिजिटल वातावरण के महत्वपूर्ण महत्व को पहचानने के लिए खुद को अपडेट करने में मदद करने के लिए एआईयू के सहयोग से पहली पहल है और इसका उद्देश्य अपने विशाल ऑनलाइन समुदाय की सुरक्षा करना है। उद्घाटन सत्र में प्रमुख संरक्षक एआईयू की नोडल अधिकारी डॉ. निधि पाल, डीन यूएसआईसीटी डॉ. अर्पित भारद्वाज, प्रोफेसर संजय कुमार शर्मा, सीएसई के एचओडी डॉ. अरुण सोलंकी, आईटी की एचओडी डॉ. नीता सिंह, डॉ. बरखा, डॉ. और सुशील ने मां सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलित किया । प्रो. संजय शर्मा अपने शब्दों का ज्ञान देते हुये आज की दुनिया में इस एफडीपी के महत्व के बारे में प्रतिभागियों को प्रेरित किया और साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नवाचारों के महत्व के बारे में बात की। डॉ.अर्पित भारद्वाज प्रयासों की सराहना करते हैं और इस एफडीपी के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी। डॉ. निधि पाल एआईयू और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में संक्षेप में बताती हैं। इस एफडीपी के आयोजकों में से एक डॉ. आरती गौतम दिनकर ने एफडीपी के कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। यह एक सप्ताह का एफडीपी सत्र आयोजित करेगा और जो विशेषज्ञ इन सत्रों को लेंगे, वे डीआरडीओ, एनआईसी, सी-डैक, जेएनयू जैसे विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों से जुड़े हुए हैं। सीआईपीएल मुंबई, डीटीयू, जेएनयू और जीबीयू। इस एफडीपी में सत्र ऑनलाइन मोड में आयोजित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय परिसर में इस पहल में मदद करने और पहल करने के लिए एआईयू की नोडल अधिकारी डॉ. निधि पाल और डॉ इंदु उप्रेती को विशेष धन्यवाद। लिया। पहले दिन, कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 पर परिचयात्मक सत्रों सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। C-DAC के विशेषज्ञ रेखा सारस्वत ने विभिन्न प्रकार के साइबर हमलों के बारे में जानकारी प्रदान की, जिसमें मैलवेयर, इसके लक्षण और हमलावरों की मानसिकता शामिल थी। एनआईसी के विशेषज्ञ ने डॉस DoS और डीडीओएस DDoS हमलों जैसे विभिन्न हमलों, क्लाउड कंप्यूटिंग सुरक्षा पर चर्चा की गई, जिनमें उनके प्रभाव और निवारण तकनीकों पर प्रकाश डाला गया। अंत में इस एफडीपी के आयोजक डॉ. राजू पाल ने इस एफडीपी के सफल आयोजन के लिए शामिल सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों, संकाय आयोजक टीम, संकाय समन्वयकों, आईटी सहायता टीम, गैर-शिक्षण कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। की। इस प्रकार के आयोजन, शैक्षिक पेशेवरों को साइबर सुरक्षा के बढ़ते और बदलते संकटों का सामना करने के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस कार्यक्रम में छात्र वालंटियर और कई अन्य छात्रों ने भाग लिया।

Headlines

जीबीयू में पांच वर्षों के दौरान छात्रों के पंजीकरण दोगुना बढ़े
जीबीयू में बनेगी एनिमल लैब, गंभीर बीमारी के कारणों और इलाज की होगी खोज
एक पेड़ मां और गुरु के नाम" थीम पर गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में बाल वन की स्थापना, 5000 फलदार पौधों का रोपण
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय एशियाई पुस्तकालय सम्मेलन का भव्य आगाज़
जीबीयू के 160 पाठ्यक्रम पर प्रवेश शुरू, 10 नए पाठ्यक्रम जोड़े