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जर्नलिज़्म में सफलता के लिए स्वयं पर विश्वास करना जरूरी : राहुल महाजन

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विश्व टेलीविजन दिवस के अवसर पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंडिया डेली लाइव समाचार चैनल के प्रधान संपादक श्री राहुल महाजन ने कहा कि यदि आप स्वयं पर भरोसा करते हैं तो जर्नलिज़्म में सफल होने से आपको कोई नहीं रोक सकता। यह कार्यक्रम गुरुवार को विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित किया गया । इस अवसर पर टेलीविजन की विश्व यात्रा और उद्भव से संबंधित एक फिल्म भी विद्यार्थियों को दिखाया गया । मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता और जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बंदना पांडेय ने छात्र-छात्राओं को विश्व टेलीविजन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि श्री महाजन को मुख्य अतिथि के रूप में अपने विद्यार्थियों से रूबरू कराने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि टेलीविजन पत्रकारिता के व्यवहारिक पक्ष को यदि टेलीविजन जगत के एक वरिष्ठ पत्रकार और प्रधान संपादक से सुना जाए, तो आज के कार्यक्रम का उद्देश्य पूरा हो जाता है। प्रसार भारती समेत कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों को सुशोभित कर चुके इंडिया डेली लाइव चैनल के प्रधान संपादक श्री राहुल महाजन ने उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि टेलीविजन पत्रकारिता में सिर्फ एंकर और रिपोर्टर ही महत्वपूर्ण नहीं होता है बल्कि किसी टेलीविजन समाचार चैनल की स्क्रीन के पीछे भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाले समेत कई अन्य लोग भी कार्य कर रहे होते हैं। वहीं समाचार चैनलों में एंकर और रिपोर्टर के अलावे कई अन्य प्रकार के जॉब के अवसर जैसे ग्राफिक्स डिजाइनर बनने का भी मौका आपके पास होता है। इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारिता के विद्यार्थियों के मीडिया से संबंधित प्रश्नों के उत्तर भी राहुल महाजन ने बड़ी तन्मयता और स्पष्टता से दिया । कार्यक्रम का संचालन जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग की छात्रा प्रगति भारद्वाज और धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्रोफेसर डॉ. बिमलेश कुमार के द्वारा किया गया। इस अवसर पर जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. विनीत कुमार, डॉ. कुमार प्रियतम, डॉ. आशुतोष वर्मा, डॉ. प्रतिमा एवं मिस करुणा सिंह और हिंदी विभाग की डॉ. रेणु यादव, सोशल वर्क के डॉ. राहुल सहित कई अन्य विभागों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे और इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया ।

अभिव्यंजन-2024 जीबीयू का वार्षिक सांस्कृतिक फेस्टिवल का आगाज़ 22 नवम्बर को होगा

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा द्वारा आयोजित "अभिव्यंजन 2024" - विश्वविद्यालय का वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव 22 और 23 नवम्बर 2024 को विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में आयोजित किया जाएगा। यह महोत्सव न केवल कला और संस्कृति के रंगों से भरपूर होगा, बल्कि छात्रों को अपनी रचनात्मकता, कल्पना और बौद्धिकता के पंख देने का भी एक सशक्त मंच प्रदान करेगा। अभिव्यंजन का उद्देश्य सांस्कृतिक सीमाओं को समाप्त करना और एक नए विचारधारा का निर्माण करना है, जहां हर छात्र अपनी पहचान और मूल्यों के साथ-साथ दुनिया भर के विचारों से जुड़ सके। यह महोत्सव छात्रों को एकजुट कर, उनकी सृजनात्मकता को अभिव्यक्त करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा। अभिव्यंजन 2024 के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. राधा मोहन तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, स्पीक-मेके (सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग यूथ) उपस्थित रहेंगे। स्पीक-मेके, एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य, कला और संस्कृति को युवाओं के बीच प्रचारित करना है। यह संगठन छात्रों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराता है और उन्हें इस दिशा में रचनात्मकता और अभिव्यक्ति का एक मंच प्रदान करता है। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो रविन्द्र कुमार सिन्हा करेंगे। उन्होंने ने यह भी बताया कि 22-23 नवम्बर 2024 को विश्वविद्यालय के छात्र अपनी विविध प्रतिभाओं का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें संगीत, नाटक, कला प्रदर्शन, वाद-विवाद, फैशन शो और बहुत कुछ शामिल होगा। इस वर्ष यह महोत्सव पहले से कहीं बड़ा और बेहतर होगा, जिसमें विश्वविद्यालय समुदाय की ऊर्जा, रचनात्मकता और जोश को प्रदर्शित किया जाएगा। चाहे आप नाटक के शौक़ीन हों, संगीत के प्रशंसक हों, या फिर फैशन के कटिंग-एज रुझान के प्रति रुचि रखते हों, अभिव्यंजन 2024 आपके लिए एक बेहतरीन अवसर है। डॉ शक्ति साही, अध्यक्षा सांस्कृतिक परिषद ने कहा कि उद्घाटन सत्र के बाद विश्वविद्यालय के विभिन्न क्लबों द्वारा सांस्कृतिक और तकनीकी आयोजनों का सिलसिला शुरू होगा। आयोजित कार्यक्रमों में निम्नलिखित प्रमुख कार्यक्रम शामिल प्रस्तावित हैं जैसे सोलो संगीत और नृत्य प्रतियोगिता, मंच नाटक ‘वेदना’, लाइव रंगोली प्रतियोगिता, स्केच फोटो बूथ, विज्ञापन निर्माण प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, नाटक, युगल और समूह नृत्य प्रतियोगिता, रेट्रो डांस, जीबीयु बैंड प्रदर्शन, काव्य संगम, हैकाथॉन, और अन्य कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। विश्विद्यालय के कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने बताया कि इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में अनुमानतः 1000 से अधिक छात्र वॉलंटियर्स अथवा प्रतिभागी के रूप में सक्रिय रूप से विश्वविद्यालय के इस उत्सव में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम न केवल कला और संस्कृति का उत्सव है, बल्कि यह छात्रों के बौद्धिक विकास और सामाजिक सहभागिता का एक मंच भी है। विश्वविद्यालय के सभी छात्र-छात्रायें एक साथ मिलकर अभिव्यंजन 2024 का हिस्सा बनने जा रहे हैं और इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद उठायेंगें। कार्यक्रम में लगभग पाँच से छह हज़ार छात्र-छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। अभिव्यंजना, विश्वविद्यालय का वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक परिषद के दिशानिर्देश में होने जा रहा है।

युवा पीढ़ी के जीवन में बढ़ रही डिजिटल प्लेटफॉर्म की भूमिका : जीबीयू में डिजिटल इंडिया टॉक शो इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन

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द न्‍यूज गली, ग्रेटर नोएडा: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन के सहयोग से गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में डिजिटल इंडिया टॉक शो, विशेष इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारत में डिजिटल पहल के परिवर्तनकारी प्रभाव पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों, संकाय और छात्रों को एक साथ लाने के लिए किया गया। कार्यक्रम में विभिन्‍न स्‍थानों से आए विशेषज्ञों ने विषय पर अपना विचार रखा। युवाओं को प्रभावित कर रहा डिजिटल प्‍लेटफार्म गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके सिन्हा ने युवा पीढ़ी के जीवन में डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती भूमिका पर अपना विचार रखा। उन्होंने चर्चा बताया कि प्लेटफ़ॉर्म आज के युवाओं की शिक्षा, करियर और जीवनशैली विकल्पों को कैसे प्रभावित और आकार दे रहे हैं। इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे DigiLocker, APAAR ID और API Setu जैसे उपकरण तेजी से दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन रहे हैं। खासकर छात्रों के लिए, दस्तावेज़ प्रबंधन से लेकर सरकारी सेवाओं तक निर्बाध पहुंच तक सब कुछ सुविधाजनक बना रहे हैं। प्रणव उपाध्याय ने डिजिटल इंडिया पहल के चल रहे प्रभाव पर बात की और विस्तार से बताया कि कैसे ये प्रयास शासन में बदलाव ला रहे हैं। पारदर्शिता बढ़ा रहे हैं और पूरे देश में समावेशी विकास को सक्षम कर रहे हैं। उन्होंने भविष्य की अंतर्दृष्टि भी साझा की कि कैसे ये पहल विकसित होती रहेंगी और भारत के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाएंगी। कार्यक्रम में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों डाक्‍टर विदुषी शर्मा, एचओडी (ईसीई), डाक्‍टर नीता सिंह, एचओडी (आईटी), डाक्‍टर आरती सिंह दिनकर, सहायक प्रोफेसर, डाक्‍टर राजू पाल, सहायक प्रोफेसर, डाक्‍टर गौरव कुमार, सहायक प्रोफेसर, डाक्‍टर शिराज खुराना, सहायक प्रोफेसर, डाक्‍टर राहुल कुमार सहित अन्‍य लोग मौजूद थे।

वियतनाम बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी के स्थायी रेक्टर प्रो थिच नहत तु का गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का दौरा ‌।

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ग्रेटर नोएडा।गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय GBU में आज वियतनाम। बुद्धिस्ट यूनिवर्सिटी के स्थायी रेक्टर प्रो थिच नहत तु का अत्यंत सम्माननीय दौरा हुआ। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविन्द्र कुमार सिन्हा और रजिस्ट्रार डॉ. विश्वास त्रिपाठी से मुलाकात की। इसके बाद प्रो तु ने विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन और सभ्यता संकाय के शिक्षकों से संवाद किया। इस बैठक में लगभग 60 वियतनामी भिक्षु और भिक्षुणियाँ भी उपस्थित थीं, जो बौद्ध अध्ययन में बीए, एमए और पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं।बैठक के मुख्य बिंदु में वेनरेबल थिच नहत तु ने विश्वविद्यालय को भविष्य में एक 3 मीटर ऊंची बुद्ध प्रतिमा अर्पित करने का प्रस्ताव दिया। इस अवसर पर उन्होंने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और वियतनाम बौद्ध विश्वविद्यालय तथा वियतनाम बौद्ध अध्ययन संस्थान के बीच अकादमिक सहयोग पर भी चर्चा की। यह दोनों संस्थानों के मुख्यकर्ताधर्ता प्रो थिच नहत तु हैं और उन्हीं के नेतृत्व में काम कर रहे हैं।प्रो सिन्हा और डॉ. त्रिपाठी ने प्रो श्वेता आनंद, डीन, और बौद्ध अध्ययन स्कूल के संकाय सदस्यों के साथ वेनरेबल थिच नहत तु और उनके समूह का स्वागत किया। इस अवसर पर वेनरेबल थिच नहत तु ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन एमओयू पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव भी रखा जिसे सहस्र स्ववीकार करते हुए कुलपति प्रो सिंह ने करवाई करने के लिए विभाग ऑफ़ दिशा निर्देश दिये।बैठक के बाद, प्रो थिच नहत तु ने विश्वविद्यालय में स्थित डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा, बुद्ध की प्रतिमा और ध्यान केंद्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वहां पूजा अर्चना की और वॉकिंग मेडिटेशन भी किया।इसके अलावा, प्रो तु ने आगामी वर्ष 2025 में वियतनाम में आयोजित होने वाले ‘यूनाइटेड नेशंस डे ऑफ वेसाक’ सम्मेलन के लिए कुलपति और रजिस्ट्रार को निमंत्रण दिया। प्रो तु ने सम्मेलन के दौरान गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, बौद्ध अध्ययन स्कूल और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर एक वीडियो बनाया और इस वीडियो को उपर्युक्त सम्मेलन में प्रदर्शित किया जाएगा।अपने दौरे के दौरान प्रोफेसर थिच नहत तु ने आज गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में हमें जो अतिथि सत्कार और सहायता प्रदान की, उसके लिए अपने दिल से आभार व्यक्त किया। बौद्ध अध्ययन और सभ्यता स्कूल के प्रेरणादायक शैक्षिक वातावरण को देखने और सार्थक चर्चाओं में भाग लेने का अवसर वास्तव में समृद्धिदायक था।कृपया मेरे आभार को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और इसके संकाय सदस्यों, विशेष रूप से डॉ. अरविंद कुमार सिंह और उनके सहयोगियों, जिन्होंने हमारे दौरे को सहज और ज्ञानवर्धक बनाने में योगदान दिया। हमें उम्मीद है कि यह गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और हमारे संस्थानों के बीच फलदायी सहयोग की शुरुआत होगी, क्योंकि हम शांति, शिक्षा और आध्यात्मिक विकास के साझा लक्ष्यों की ओर मिलकर काम करेंगे।फिर से, आपकी गर्मजोशी से भरी मेहमाननवाजी के लिए धन्यवाद। मैं आगे भी जुड़ने और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के साथ और अधिक सहयोग के अवसरों की खोज करने के लिए तत्पर हूं। इस अवसर पर वेनरेबल थिच नहत तु के दौरे ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय और वियतनाम बौद्ध विश्वविद्यालयों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत का संकेत दिया है, जो भविष्य में अकादमिक और सांस्कृतिक सहयोग को और मजबूत करेगा।प्रो तू के इस मीटिंग में विभागाध्यक्ष डॉ चिंतल वेंकट सिवासई, डॉ प्रियदर्सिनी मित्रा, डॉ चंद्रशेखर पासवान एवं डॉ मनीष मेशराम के साथ डॉ अरविंद कुमार सिंह मौजूद थे।

विश्वविद्यालय स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, जीबीयू में आमंत्रित व्याख्यान।

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ग्रेटर नोएडा।”उस क्षेत्र की पहचान करें जिसके बारे में आप भावुक हैं, अपने सपनों का पालन करें और उद्यमिता के अवसरों का पता लगाएं”, राम यादव, एनएसआईसी।14 नवंबर, 2024 को यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय जीबीयू में एक दिलचस्प और जानकारीपूर्ण संबोधन में, राम कुमार यादव, डीजीएम, एनएसआईसी तकनीकी सेवा केंद्र, अलीगढ़ ने छात्रों को उस क्षेत्र की पहचान करने और उद्यमिता के विभिन्न अवसरों का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री यादव ने दर्शकों को भी अवगत कराया। जैव प्रौद्योगिकी विभाग और खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी विभाग के संकाय और छात्रों ने भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप्स के लिए विभिन्न वित्त पोषण और समर्थन पहलों, जैसे पीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम मुद्रा योजना, आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद नीति जैसे एमएसएमई को समर्थन देने पर भी प्रकाश डाला MSEs नीति के तहत, एमएसएमई को निम्नलिखित समर्थन तंत्र के साथ सरकारी अनुबंधों में प्राथमिकता दी जाती हैः 1. मूल्य वरीयता-सरकारी निविदाओं में बड़े बोलीदाताओं की तुलना में एमएसएमई 15% मूल्य वरीयता के लिए पात्र हैं।2. अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट ईएमडी एमएसएमई से छूट सरकारी निविदाओं में भाग लेने के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट ईएमडी का भुगतान करने से छूट दी गई है। इससे एमएसएमई पर वित्तीय बोझ कम होता है।3. पूर्व अनुभव/टर्नओवर मानदंडों में ढीलः कई मामलों में, एमएसएमई को बड़ी कंपनियों के समान पूर्व अनुभव या टर्नओवर के लिए समान कड़े मानदंडों को पूरा करने की आवश्यकता नहीं होती है, जो निविदाओं में उनकी भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है। श्री यादव के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में बायोप्रोसेस और किण्वन प्रयोगशाला के दौरे के अवसर पर जी. बी. यू. के कॉरपोरेट संबंध प्रकोष्ठ और जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने संयुक्त रूप से इस वार्ता का आयोजन किया। किण्वन, हालांकि हजारों वर्षों से उपयोग की जाने वाली एक प्राचीन तकनीक है, लेकिन आज जैव प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में इसका बहुत महत्व है। जैव प्रौद्योगिकी में, जैव ईंधन, फार्मास्यूटिकल्स, बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, एंजाइम और प्रोटीन के उत्पादन के लिए किण्वन महत्वपूर्ण है। खाद्य उद्योग में, इसका उपयोग खाद्य संरक्षण, स्वाद विकास, प्रोबायोटिक्स और किण्वित पेय पदार्थों और पौधे आधारित प्रोटीन के उत्पादन के लिए किया जाता है। किण्वन की बहुमुखी प्रतिभा खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ाने से लेकर पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने और चिकित्सा को आगे बढ़ाने तक नवाचारों की एक विस्तृत श्रृंखला की अनुमति देती है। यह ध्यान देने योग्य है कि जीबीयू, छात्रों को समग्र शिक्षा प्रदान करने के अपने प्रयासों में, उद्योग और शिक्षाविदों के वक्ताओं द्वारा इस तरह के संवादात्मक सत्रों का आयोजन करना जारी रखता है। छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास और ज्ञान वृद्धि के अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, जीबीयू ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ गठबंधन किया है, जिनमें से एक राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम एनएसआईसी है-जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित भारत सरकार का उद्यम है MSME. एनएसआईसी का उद्देश्य देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के विकास को बढ़ावा देना, सहायता करना और बढ़ावा देना है।

जीबीयू में चार दिवसीय विपस्सना कार्यशाला का हुआ उद्घाटन।

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ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में स्थित महात्मा जोतिबा फूले ध्यान केन्द्र में 15 नवम्बर 2024 को चारदिवसीय विपस्सना कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. एन. पी. मलकानिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ध्यान, विशेष रूप से विपस्सना, मानव शरीर को मानसिक और शारीरिक आराम प्रदान करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी बताया कि मानसिक स्वास्थ्य और सन्तुलन प्राप्त करने में विपस्सना का अभ्यास अत्यावश्यक है, जिससे व्यक्ति मानसिक तनाव से मुक्ति पाकर सुख एवं शांति पूर्ण जीवनयापन कर सकता है। कार्यक्रम में विशेष रूप से साऊथ कोरिया से पधारे कोरिया मेडीटेशन टीचर एसोसिएशन के प्रमुख, पूजनीय भन्ते धम्मदीप ने बौद्ध ध्यान साधना के विदेशों में प्रचार-प्रसार की ऐतिहासिक जानकारी साझा की। उन्होंने साऊथ कोरिया में बौद्ध ध्यान केन्द्रों की वर्तमान स्थिति पर भी प्रकाश डाला। भन्ते धम्मदीप ने अपने सम्बोधन में कहा कि विपस्सना का अभ्यास हमें मानसिक विकारों, चिन्ता और तनाव से मुक्ति दिलाने में मदद करता है। उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को आनापानसति का अभ्यास भी कराया। विपस्सना कार्यशाला के समन्वयक एवं बौद्ध अध्ययन के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. मनीष मेश्राम ने इस चारदिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। उद्घाटन सत्र के दौरान डॉ. चन्द्रशेखर पासवान, डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य एवं डॉ प्रियदर्शिनी मित्रा द्वारा बुद्धमूर्ति के समक्ष पुष्पार्पण और दीप प्रज्ज्वलन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. अरविन्द कुमार सिंह ने प्रो. मलकानिया का स्वागत किया, जबकि विभागाध्यक्ष डॉ. चिन्ताला वेंकटा सिवासाई ने भन्ते धम्मदीप का स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बौद्ध अध्ययन की शोध छात्रा कविता ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए भन्ते धम्मदीप का परिचय दिया। इस कार्यशाला में देश-विदेश से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य, छात्र-छात्राएँ, बौद्ध अनुयायी और साधक शामिल थे।कार्यक्रम की सफलता में कन्हैया, सचिन, अजय कुमार, संदीप ढाका, नवनीत मौर्य, निशा भारती, विनय कटारिया, धर्मराज, रेखा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया।

जीबीयू के नगर नियोजक विभाग ने पाया आरिका प्रथम अन्वेषक पुरुस्कार

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पिंकप्रिंट IIA ओड़िसा चैप्टर ने दिये प्रत्येक प्रदेश के महिला आर्किटेक्ट को आरिका अवार्ड। गौतम बुद्ध विश्वविढ्यालय कासना के शहरी व क्षेत्रीय नियोजक विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ निर्मिता मेहरोत्रा को आईएईए के यूपी चैप्टर ने नामित किया। कार्यक्रम का आयोजन भुवनेश्वर एवम् पुरी में किया गया। भारतीय वास्तुविद संस्थान (इण्डियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्किटेक्ट्स) की स्थापना 1917 में की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय महिला आर्किटेक्ट कांफ्रेंस 2024 का आयोजन IIA ओड़ीसा चैप्टर द्वारा भुवनेश्वर एवम् पुरी में सम्पन्न हुआ जिसमें देश विदेश के 1500 आर्किटेक्ट्स ने प्रतिभाग किया। जीबीयू के कुलपति प्रॉफेसर रवीन्द्र सिन्हा, स्रजिस्ट्रार डॉ विश्वास त्रिपाठी, स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग की डीन डॉ कीर्ति पाल, एव वास्तुकला विभाग के विभागाध्यक्ष आर्किटेक्ट अनंत सिंह ने इस सम्मान के लिए सबको बधाई दी।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के छात्रों की ऐतिहासिक सफलता: टीम ‘वेंकटेश्वर’ SIH 2024 फाइनल में

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की टीम ‘वेंकटेश्वर’ ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2024 में अपनी जगह बनाकर पूरे विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। इस वर्ष SIH में 54 मंत्रालयों, उद्योगों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSUs) और राज्य सरकारों द्वारा 254 समस्याओं को प्रस्तुत किया गया था। टीम ‘वेंकटेश्वर’ को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत चुनौती ‘विभिन्न कृषि उत्पादों के लिए जल पदचिह्न का डिजिटल तकनीक से आकलन’ (प्रॉब्लम स्टेटमेंट SIH1689) पर काम करने का अवसर मिला। इस समस्या पर देशभर से कुल 123 विचार प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें से शीर्ष 5 टीमों का चयन किया गया, और इनमें से एक टीम ‘वेंकटेश्वर’ है। म ‘वेंकटेश्वर’ में छह प्रतिभाशाली छात्र शामिल हैं: अक्षत गुप्ता (टीम लीडर), आरुषि संगल, अभिनव कुमार, कौशल जीत, यशस्वी शुक्ला, और शश्वत उपाध्याय। टीम के सदस्यों ने अपनी मेहनत, समर्पण और संकल्प के बल पर इस सम्मानजनक उपलब्धि को हासिल किया। विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला अवसर है जब SIH के राष्ट्रीय स्तर के फाइनल में कोई टीम पहुँची है। टीम ने अपनी यात्रा साझा करते हुए बताया कि पिछले वर्ष तक उनके पास तकनीकी ज्ञान का अभाव था, लेकिन उन्होंने कठिन परिश्रम और समर्पण के साथ असंभव को संभव कर दिखाया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कुलपति प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा, SIH कॉलेज SPOC डॉ. राजू पाल, CSE विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण सोलंकी, और SIH समन्वयक डॉ. विनय लितोरिया ने टीम के सदस्यों को बधाई दी और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना की। साथ ही, विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल ने भी इस सफलता में अपना अहम योगदान दिया है। विश्वविद्यालय ने छात्रों को हैकाथॉन और स्टार्टअप संस्कृति में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है, जिससे वे अपनी नवोन्मेषी क्षमताओं का विकास कर सकें।टीम ‘वेंकटेश्वर’ की इस अनोखी उपलब्धि से पूरे विश्वविद्यालय में खुशी का माहौल है। संस्थान को विश्वास है कि टीम SIH 2024 के फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेगी। इस उपलब्धि ने न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रोत्साहित किया है बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की यह जीत स्टार्टअप और नवाचार संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। SIH 2024 के फाइनल में टीम ‘वेंकटेश्वर’ का प्रदर्शन देखने के लिए सभी उत्सुक हैं, और उनके साथ पूरा संस्थान खड़ा है।।

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के आईसीटी स्कूल द्वारा वैज्ञानिक लेखन पर विशेषज्ञ व्याख्यान का हुआ सफलतापूर्वक आयोजन
जीबीयू रजिस्ट्रार डॉ विश्वास त्रिपाठी सहित सात फैकल्टी को मिला रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड 2023
जीबीयू में उधमशीलता जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में IEEE सम्मेलन IC3ECSBHI-2025 का उद्घाटन 16 जनवरी को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय IEEE अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "कॉग्निटिव कंप्यूटिंग इन इंजीनियरिंग, कम्युनिकेशंस,
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में IEEE सम्मेलन IC3ECSBHI-2025 का हुआ उद्घाटन ।