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यूनिवर्सिटी गेम्स 23 से, पांच हज़ार खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

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एनबीटी न्यूज, ग्रेटर नोएडा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 के तीसरे संस्करण के कार्यक्रम की घोषणा हो गई है। ग्रेटर नोएडा में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के रोमांचक मुकावलों की शुरुआत कवड्डी से होगी। इसके मुकावले शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स स्टेडियम में होंगे। जिला उप खेल अधिकारी अनीता नागर ने बताया कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 में देशभर से 5000 एथलीट शामिल होंगे। शहीद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 23 से 26 मई तक कवड्डी प्रतियोगिता होगी। इसके साथ ही गौतमवुद्ध विश्वविद्यालय में 24 से 27 मई तक वास्केटवॉल, 26 से 29 के वीच तैराकी, 29 से 2 जून तक वॉक्सिंग के मुकावले होंगे। जबकि, वेट लिफ्टिंग में खिलाड़ी 30 मई से 3 जून के वीच भिड़ेंगे। इसके लिए तैयारियां अभी भी चल रही हैं, जिसमें जिला प्रशासन और ■शहीद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में होंगे खेल मुकाबले प्राधिकरण लगातार नज़र रख रहा है । इससे पहले खेलो इंडिया के आयोजन को लेकर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने आवश्यक निर्देश जारी किए थे। कहा है कि खेलो इंडिया नेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों की कोविड रिपोर्ट में नेगेटिव होने पर ही खेलने का मौका मिलेगा। गेम की तैयारियों को लेकर लगातार जिला खेल विभाग तैयारी कर रहा है। अब तक अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम और गौतमवुद्ध नगर यूनिवर्सिटी में खेल के आयोजन को हरी झंडी दी है जबकि शूटिंग का आयोजन कर्णी सिंह शूटिंग रेंज दिल्ली में होगा।

जीबीयू ने मानसिक स्वास्थ कैंप में बच्चों का का उपचार कर किया जागरुक

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ग्रेटर नोएडा, 3 मई (देशबन्धु) । मनोविज्ञान एवम मानसिक स्वास्थ विभाग, गौतम बुद्ध विवि ने ग्रेड्स इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों के लिए स्कूल मेंटल हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें मनोविज्ञान एवम् मानसिक स्वास्थ विभाग के चिकित्सा मनोवैज्ञानिकों की एक 20 सदस्यों की टीम ने स्कूल पहुंच कर सभी बच्चों से संपर्क किया एवम् उनका मनोविज्ञानिक परीक्षण किया गया। मनोवैज्ञानिक परीक्षण के अनुसार आवश्यकता अनुसार बच्चों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। मूल्यांकन के बाद सभी बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार अलग-अलग समूहों में बांटकर उनकी समस्याओं की निदान के लिए मनोवैज्ञानिक उपचार दिए गए। कुछ बच्चों को काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई जबकि कुछ बच्चों को कॉग्निटिव रिट्रेनिंग दी गई। बहुत सारे बच्चे जिनको एकेडमिक एंजाइटी की समस्या थी उनको एकेडमिक एंजाइटी की समस्या थी उनको मनोवैज्ञानिक मदद पहुंचा के उनकी एंजाइटी को कम किया गया। ऐसे बच्चे जिनको किसी तरह की इमोशनल प्रॉब्लम थी, उनको काउंसलिंग एवम मनोचिकित्सा थी, उनको काउंसलिंग एवम मनोचिकित्सा के माध्यम से लाभ पहुंचाया गया। स्कूल के माध्यम से लाभ पहुंचाया गया। स्कूल में एक सेक्शन स्पेशल नीड्स के बच्चों का है जिसमें बोहुत सारे न्यूरोडेवल अपमेंटल डिसेबिलिटीज के बच्चों को कंप्यूटर मनोवैज्ञानिक टीम ने बच्चों का काउंसलिंग कर समस्याओं के समाधान बताया सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रेनिंग देने की कोशिश की गई। कैंप को लेकर के बच्चों में काफी उत्साह का माहोल देखा गया। जीबीयू की टीम ने ग्रेड्स इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य, अदिति बसु को धन्यवाद किया कि उन्होंने यह अवसर प्रदान किया की बच्चों को एक मनोवैज्ञानिक मदद पहुंचाई जा सके। इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने के लिए विभागाध्यक्ष डॉक्टर ए.पी. सिंह ने स्कूल की डीन, प्रोफेसर बंदना पांडे एवम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. सिन्हा का आभार प्रकट किया। टीम में मनोविज्ञान एवम मानसिक स्वास्थ विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर ए पी सिंह, अदिति नागर, विजेयता चौहान, तनुश्री गोस्वास्मी, प्रज्ञा सिंह, शुभ गुलाटी, तनु मित्तल, वसुंधरा, हर्षिता, अन्निका, वंशिका, आस्था, संचिता, मेघा, दिव्यांशी, राजवी, उपस्थित रहे।

जीबीयू में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारम्भ

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ग्रेटर नोएडा, 29 अप्रैल (देशबन्धु)। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ जस्टिस एंड गवर्नेस द्वारा आयोजित राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ममता शर्मा, सहायक आचार्या, स्कूल ऑफलॉ जस्टिस एंड गवर्नेस ने आयोजित कार्यक्रम का संक्षिप्त में परिचय दिया। ततपश्चात डॉ. के के. द्विवेदी, अधिष्ठाता, स्कूल ऑफ लॉ जस्टिस एण्ड गवर्नेस ने सभी का स्वागत किया । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जस्टिस विनय कुमार माथुर (सेवानिवृत्त न्यायधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय) ने अपने विशेष वक्तव्य में कानूनी शिक्षा और कानूनी पेशे की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जीतना या हारना आवश्यक नहीं है, लेकिन छात्रों की सहभागिता महत्वपूर्ण है इसके उपरांत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आर. वेंकटरमानी, अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया, ने उद्घाटन भाषण में सम्प्रेषण और विश्लेषण क्षमता की महत्ता को रेखांकित करते हुए एवं संविधान का मूल बताते हुए कहा कि प्रत्येक और सभी के पास समानता और न्याय हो। उन्होंने आगे अपनी बात को जारी रखते हुआ कहा कि तब आप एक सच्चे वकील कहलाते हैं जब आप लोगों को भावनात्मक रूप मे समयते हैं। गौतम बाद विश्वविद्यालय के मुख्य अतिथि आर. वेंकटरमानी सभी को समानता और न्याय के महत्ता को किया रेखांकित नेतृत्व की गुणवत्ता का निर्माण भी करता है। उक्त अवसर पर सभी अथितियों को स्मृति चिन्ह और पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया गया। अंत में स्कूल ऑफ लॉ जस्टिस एंड गवर्नेस की विभाग्याध्यक्ष डॉ. रमा शर्मा ने सभी वक्ताओं के ज्ञान वर्धक वक्तव्य और इस कार्यक्रम को सम्पन्न कराने के लिए संकाय के अधिष्ठाता डॉ. के. के. द्विवेदी तथा शिक्षक गण डॉ. ममता शर्मा, डॉ. अक्षय सिंह, डॉ. सतीश चंद्रा, डॉ. प्रकाश चंद्र दिलारे, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. संतोष तिवारी डॉ पनम वर्मा का आभार प्रकट किया।

राष्ट्रीय मूट कोर्ट में 87 प्रतिभागी आए

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नोएडा। गौतम गौतम बुद्ध ग्रेटर नोएडा। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ जस्टिस एंड गवर्नेस द्वारा शुक्रवार को राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया। इसमें मुख्य अतिथि जस्टिस विनय कुमार माथुर और अटानी जनरल ऑफ इंडिया आर वेंकटरमानी मौजूद रहे। कुलपति प्रोफेसर रविन्द्र कुमार सिन्हा और स्कूल ऑफ लॉ जस्टिस एंड गवर्नेस की विभागाध्यक्ष डॉ. रमा शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिता में 29 टीम और 87 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। उन्होंने बताया कि फाइनल राउंड 30 अप्रैल को होगा। इसमें मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रामकृष्ण गवाई, न्यायमूर्ति जसमीत सिंह और न्यायमूर्ति अमित बंसल होंगे।

जीबीयू कैंपस में एनएसएस की टीम ने लगाया फी आई- चेकअप कैंप

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ग्रेटर नोएडा ( चेतना मंच) । स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) की टीम ने आई केयर, नेत्र अस्पताल नोएडा के साथ मिलकर मुफ्त आँखों की जांच शिविर लगवाया। जीबीयू कैंपस में पहली बार इस तरह का कैंप लगवाने का आयोजन किया गया। जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने आई-चेक कैंप का उद्घाटन किया। उन्होंने शिविर में अपनी आँखों की जाँच भी करवाई। इस कैंप में करीब 220 छात्र, फैकल्टी, स्टाफ और उनके परिवार के लोगों ने अपनी आंखों की जांच करवाई। कैंप का संचालन डॉ. जेपी मुयाल, समन्वयक, एनएसएस ने किया। कैंप में एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी जैसे डॉ. प्रियंका गोयल, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. प्रकाश दिलारे, डॉ. सिद्दारामू, और डॉ. अजय कंसल ने भी बढ़ चढ़ कर मदद की। एनएसएस टीम ने डीन, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, एचओडी (बायोटेक्नोलॉजी), डॉ. नागेंद्र सिंह और पीआरओ, डॉ. अरविंद कुमार सिंह को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। डॉ. मुयाल ने छात्रों ( शशांक सिंह, अभय श्रीवास्तव, प्रशांत तिवारी और हिमांशु सिंह), अशोक गुप्ता और आई-केयर टीम को इस मुफ्त आँखों की जांच शिविर में उपस्थित होने और इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर डीन एकेडमिक्स, प्रोफेसर मलकानिया, डीन स्टूडेंट अफेयर, डॉ. मनमोहन सिसोदिया, रजिस्ट्रार, डॉ. विश्वास त्रिपाठी और डीन, स्कूल ऑफ लॉ, डॉ. के. के द्विवेदी आदि भी मौजूद थे।

बाबा साहब अम्बेडकर उच्चतम ज्ञान और दलित आध्यात्मिकता और समानता के अग्रदूत थे प्रो आर. के. कुलपति

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गौतम बुद्ध नगर उल्लेखनिय है कि आज का दिन भारतीय इतिहास में बहुत महत्व रखता है, इसलिए इसे भारतीय लोगों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देश भर में मनाया जाता है। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष १४ अप्रिल २०२३, जो कि बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर का जन्म दिवस है, को भारत सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है जो दशाता है कि वो आज भी कितने पूजनीय है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर के जन्म दिवस पर उन्हें विश्वविद्यालय परिवार की ओर से श्रधांजलि अर्पित करने हेतु एक कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय में स्थित बाबा साहब दीक्षा स्थल जहां बाबा साहब और उन्हें दीक्षा देते हुए भिक्षु चन्द्रमणि और उनके तीन शिष्यों की अष्टधातु से बनी आदम कद की प्रतिमा है, पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो आर. के. सिन्हा, कुल सचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी, के अलावा बड़ी संख्या में विश्वव्विदयलय के पदाधिकारी, शिक्षकगण एवं कर्मचारीयों ने पुष्पित अर्पित कर अधांजलि दी। कार्यक्रम में 1080 अंबेडकर बाबासाहेब उपलब्धियों पर चर्चा की गयी और उस क्रम जो मुख्य बातें चर्चा रही वो थे कि बाबा साहब की प्रतिष्ठा एक महान विज्ञान और कानूनविद की थी और यही कारण था कि आजादी के बाद उन्हें देश का पहला कानून मंत्री बनाया गया। उन्हें भारतीय संविधान निर्माण की सबसे अहम जिम्मेदारी देते हुए संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया संविधान निर्माण के लिए उन्होंने कई देशों के संविधान का अध्ययन किया उन्हें संविधान का जनक व संविधान निमार्ता भी कहा जाता है। इसके अलावा वह एक महान अर्थशास्त्री थे आरबीआई की परिकल्पना उनके विचारों पर ही आधारित थी। अंत में कुलपति जीबीयू ने कहा कि अम्बेडकर उच्चतम ज्ञान और दलित आध्यात्मिकता दैनिक फ्यूचर लाइन टाईम्स और समानता के अग्रदूत थे। साथ ही यह भी कहा कि बाबा साहब अंबेडकर सिर्फ दलित वर्ग के लिए नहीं बल्कि महिलाओं व श्रमिकों के अधिकारों के लिए भी लड़े थे। वह चाहते थे कि महिलाओं को समाज में बराबरी का हक मिले। ये कहते थे कि मैं किसी समाज की प्रगति का आकलन यह देखकर करूंगा कि वहाँ की महिलाओं की स्थिति कैसी है। कार्यक्रम में प्रो एन. पी. मलकनिया, प्रो बंदना पांडेय, प्रो संजय शर्मा, डॉ कीर्ति पाल, डॉ मनमोहन सिंह, डॉ विवेक मिश्रा, डॉ प्रदीप तोमर, डॉ ओम प्रकाश, डॉ चंद्रशेखर पासवान, डॉ जेपी मुयाल, डॉ शुभोजीत बैनर्जी, इत्यादि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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