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सभी को बिना भेदभाव मिल रहीं सुविधाएं

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जीबीयू में विद्यार्थियों को टेबलेट और स्मार्ट फोन वितरण के मौके पर बोले नंदी ग्रेटर नोएडा। स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तीकरण योजना में मंगलवार को छात्र- - D& गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में 650 छात्राओं को यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने टैबलेट और स्मार्ट फोन वितरित किए। बतौर मुख्य अतिथि मंत्री नंदी ने कहा कि इस योजना के सभी टेबलेट और स्मार्टफोन पर विद्यार्थी का नाम लिखा गया है। ऐसे ही पारदर्शी तरीके से योगी सरकार में सभी जरूरतमंदों और पात्रों को अधिकार मिल रहा है। टेबलेट व स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम में पहुंचे औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी। अमर उजाला कैबिनेट मंत्री ने कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान लोक कल्याण संकल्प- पत्र में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत पांच वर्ष में दो करोड़ स्मार्ट फोन और टेबलेट वितरण करने का संकल्प लिया था। वर्तमान वित्तीय वर्ष में चालीस लाख युवाओं को स्मार्ट फोन और टेबलेट बांटे जाने हैं। इनमें स्नातक, स्नातकोत्तर 478 टेबलेट और 172 स्मार्ट फोन होंगे वितरित कॉलेज में जीबीयू के नोडल अधिकारी प्रोफेसर मनमोहन सिंह ने बताया कि कुल 650 छात्र छात्राओं को स्मार्ट फोन एवं टेबलेट वितरित किए जाएंगे। इनमें इनमें से 172 स्मार्ट फोन स्नातक के सामान्य पाठ्यक्रम में अध्ययन कर छात्रों और 478 टेबलेट बीटेक, एमटेक, एमए, एमएससी के छात्रों में वितरित किए जाएंगे। तकनीकी, डिप्लोमा, कौशल विकास, पैरा मेडिकल और नर्सिंग के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। जीबीयू के इंफ्रास्ट्रक्चर की भी कैबिनेट मंत्री ने तारीफ की। विवि के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि इस योजना से युवाओं में उत्साह है। यहां कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी, प्रोफेसर मनमोहन सिंह, डॉ. शक्ति साही आदि मौजूद रहे। ब्यूरो

औद्योगिक विकासमंत्री नंदी ने जीबीयू में छात्रों को टैबलेट व स्मार्ट फोन किया वितरित

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ग्रेटर नोएडा, 14 मार्च (देशबन्धु) । गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने 650 छात्र- छात्राओं को स्मार्टफोन वितरित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत पांच वर्ष में दो करोड़ स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण करने के प्रस्ताव को बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी । वर्तमान वित्तीय वर्ष में चालीस लाख युवाओं को स्मार्ट फोन और टैबलेट बांटे जाने हैं जो स्नातकोत्तर तकनीकी, डिप्लोमा, कौशल विकास, पैरा मेडिकल और नर्सिंग के विद्यार्थियों को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित होने हैं। उन्होंने कहा कि जीबीयू उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्रालय के अन्तर्गत एक उत्कृष्ट विश्वविद्यालय है इसके विकास में यह मंत्रालय सदैव अपना योगदान देगा। स्नातक, देशबन्धु Influencing Public Opinion Since 1959 15 Mar 2023 Page 5 जीबीयू के कुलपति प्रो रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि स्मार्ट फोन और टैबलेट युवाओं के लिए बहुत ही लाभदायक योजना है जिससे युवाओं को काफी फायदा होगा। उन्होंने ने विशेषकर । गौतमबुद्ध विवि के 650 छात्र- छात्राओं को मिला लाभ कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ नाथ का विशेष आभार प्रकट किया, क्योंकि इस परियोजना के शुरुआत में जीबीयू को इस में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन जब इसकी जानकारी उन्हें हुई तो उन्होंने ने इसका संज्ञान अविलम्ब लिया और आज उन्हीं की विशेष प्रयास से जीबीयू के विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। कुलाधिपति के इस विशेष प्रयास के लिए पूरा विश्वविद्यालय परिवार उनका आभारी है। साथ ही इन्होंने मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने ने इस कार्यक्रम में अपनी अत्यंत व्यस्तता के बावजूद समय निकाल कर यहां आए और हमारे छात्र- Histma छात्राओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने स्मार्ट फोन और टैबलेट वितरित किए। कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना उत्तर प्रदेश सरकार की छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। 25 दिसम्बर 2021 को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में इस योजना का शुभारम्भ किया गया था। इन्ही टेबलेट और स्मार्टफोन पर लाभार्थियों को शैक्षिक व उनके करियर से सम्बन्धित समस्त जानकारी प्रदान की जाएगी। टैबलेट/स्मार्टफोन के लिए छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत बाहरी राज्यों के छात्र भी पात्र है अगर वो उत्तर प्रदेश के किसी शैक्षिक संस्थान में पढ़ रहे है इस योजना का लाभ उन्हें भी दिया जा रहा है।

कोरिया की डोंग्गुक यूनिवर्सिटी वाइज के साथ शैक्षिक शोध, छात्रों के शैक्षिक विकाश के लिए समझौता किया

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परियोजना पर सहयोगात्मक अनुसंधान कार्य करना, संगोष्ठी/सम्मेलन/ कार्यशाला/संगोष्ठी/वेबिनार / विचार-मंथन सत्र की भागीदारी एवं आयोजन, और दोनों पक्षों की आपसी समझ से कोई अन्य मामला, इत्यादि। इस समझौते पर अपनी प्रतिक्रिया के दौरान जीबीयू के कुलपति प्रो रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा कि दोनो संस्थानों के बीच इस समझौते का मुख्य उद्देश्य संबंधित संस्थानों की शिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों में रुचि को बढ़ावा देना है और उनके बीच सहयोग के शैक्षणिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण और आर्थिक लाभों की समझ को व्यापक बनाना है। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों संस्थानों की शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों के लिए सक्रिय व्यावसायिक सहयोग के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है जो आपसी सहयोग में एक मील का पत्थर साबित होगा। कुलपति जीबीयू ने कहा कि दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने सैद्धांतिक तौर पर ऑनलाइन कोरियाई भाषा का कार्यक्रम, प्रबंधन विषय पर कांफ्रेंस, एवं शिक्षकों में शोध के विषयों पर आपसी सहमति पर शोध परियोजना, आदि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शैक्षिक अधिष्ठाता प्रो एन पी मलकनिया ने कहा कि यह अनुबंध आपसी समझ को मजबूत करेगा, और अनुकूल सहयोग को बढ़ावा देगा और साथ ही शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों के लिए आपसी आदान- प्रदान की सहूलियत प्रदान करेगा, जैसे कि शोध प्रबंध / परियोजना / इंटर्नशिप / डॉक्टरेट अनुसंधान और बौद्ध अध्ययन, अनुप्रयुक्त विज्ञान, इंजीनियरिंग, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, प्रबंधन में उन्नत अनुसंधान, जैव प्रौद्योगिकी, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, और छात्रों / शोध विद्वानों और संकाय / वैज्ञानिकों द्वारा विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री के लिए अग्रणी कानून और न्याय । राष्ट्रीय शा गौतमबुद्ध नगर । इस वर्ष भारत और दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के रूप में दोनों देश मना रहे हैं जो प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसी सम्बंध को आगे बढ़ाते हुए जीबीयू ने भी इसे प्रगाढ़ता प्रदान करने में अपनी एक छोटी से योगदान इस समझौते के द्वारा की है। समझौते पर आधिकारिक रूप से अमली जामा पहनाने हेतु हस्ताक्षर हुए जिसमें जीबीयू के कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी और डोंग्गुक विश्वविद्यालय वाइज के प्रेसिडेंट श्रीमान यी यंग-क्यूँग अपने अपने हस्ताक्षर किए। डॉ अरविंद सिंह जिन्होंने इस समझौते को साकार करने में एक मुख्य भूमिका निभाई है उनका कहना है कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय दक्षिण कोरिया में एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है । और यही वजह है कि विश्वविद्यालय ने पहले भी दक्षिण कोरिया के डोंगगुक विश्वविद्यालय के दो संस्थानों/कॉलेजों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस क्रम में आज तीसरा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने कहा कि इस समझौते की मदद से दोनो संस्थानों के बीच शैक्षिक शोध में सहयोग के उद्देश्य के लिए किया गया है। इस समझौते के अंतर्गत निम्न बिंदुओं पर सहमती हुई हैं जिसमें दोनों संस्थानों के छात्रों, संकाय सदस्यों के बीच आपसी आदान-प्रदान, अनुसंधान और प्रकाशनों के माध्यम से सूचना का आदान- प्रदान, आपसी हित के क्षेत्रों में समस्या समाधान में ज्ञान और अनुप्रयोग के सृजन के लिए संयुक्त

शोध में सहयोग करेगा कोरियाई विवि

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जीबीयू संग किया करार, बुद्धिस्ट और तकनीकी पाठयक्रमों में मिलेगी मदद माई सिटी रिपोर्टर ग्रेटर नोएडा । गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) और कोरिया की डोंग्गुक विश्वविद्यालय वाइज बुद्धिस्ट और तकनीकी कोर्सेज के शोध में सहयोग करेंगे। सोमवार को जीबीयू के कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी और डोंग्गुक विश्वविद्यालय वाइज के अध्यक्ष यी यंग क्यूंग ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि भारत और दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। समझौते का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण और आर्थिक लाभों की समझ को व्यापक बनाना है। इसके तहत शिक्षकों और छात्रों का शैक्षिक आदान-प्रदान, ऑनलाइन कोरियाई भाषा का कार्यक्रम, प्रबंधन विषय पर कांफ्रेंस एवं शिक्षकों में शोध के विषयों पर सहमति जीबीयू और कोरिया की डोंग्गुक यूनिवर्सिटी के समझौते पत्र को दिखाते अधिकारी। पर शोध परियोजना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने कहा कि दोनों संस्थानों में शोध प्रबंध, परियोजना, इंटर्नशिप, डॉक्टरेट अनुसंधान और बौद्ध अध्ययन, अनुप्रयुक्त विज्ञान, इंजीनियरिंग, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में संयुक्त कार्य किए जाएंगे। समझौते में मुख्य भूमिका निभाने वाले बुद्धिस्ट विभाग के डॉ. अरविंद सिंह के बताया कि समझौता उच्च शिक्षा के अलावा धर्म, संस्कृति और अनुसंधान सहित सभी दिशाओं में हुआ। इस मौके पर डॉ. इंदू उप्रेती, प्रो. वंदना पांडे, डॉ. नीति राणा, प्रो. संजय शर्मा, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. केके द्विवेदी, डॉ. सीएस पासवान, ली यू- क्यूंग, बाए ब्यूंग-गुक और चोई दोंग-उक मौजूद रहे।

जीबीयू का कोरिया की यूनिवर्सिटी संग शैक्षिक शोध पर समझौता

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जासं, ग्रेटर नोएडा: इस वर्ष भारत व दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसी संबंध को आगे बढ़ाते हुए गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) ने डोंग्गुक विश्वविद्यालय संग समझौते पर हस्ताक्षर किए। जीबीयू के कुलसचिव डा. विश्वास त्रिपाठी व डोंग्गुक विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट यी यंग- क्यूंग मौजूद थे। समझौते में शैक्षिक शोध व छात्रों के शैक्षिक विकास शामिल हैं। कुलसचिव ने कहा कि समझौते से दोनों संस्थानों में शैक्षिक शोध होंगे। दोनों संस्थानों के छात्रों, संकाय सदस्यों में आपसी आदान-प्रदान, अनुसंधान व प्रकाशन आदि शामिल हैं। कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि समझौते का मुख्य उद्देश्य संबंधित संस्थानों की शिक्षण व अनुसंधान गतिविधियों में रुचि को बढ़ावा देना है। दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने सैद्धांतिक तौर पर आनलाइन कोरियाई भाषा का कार्यक्रम, प्रबंधन विषय पर कान्फ्रेंस एवं शिक्षकों में आपसी सहमति पर शोध परियोजना आदि पर विशेष जोर होगा। डा. अरविंद, प्रो. एनपी मलकनिया, डा. इंदु, प्रो. वंदना, डा. नीति, प्रो. संजय, डा. ओम प्रकाश, डा. केके द्विवेदी, डा. सीएस पासवान, ली यू- क्यूंग, बाए ब्यूंग-गुक, चोई दोंग-उक आदि मौजूद थे।

GBU ने कोरियन विवि से किया समझौता

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एनबीटी न्यूज, ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध नगर विश्वविद्यालय (GBU) ने सोमवार को कोरिया की डोंग्गुक यूनिवर्सिटी वाइज के साथ शैक्षिक शोध एवं छात्रों के शैक्षिक विकास के लिए समझौता किया। यह वर्ष भारत और दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के रूप में मना रहे हैं। इसी को आगे बढ़ाते हुए जीबीयू के कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी और डोंग्गुक विश्वविद्यालय वाइज की प्रेसिडेंट यी यंग क्यूंग ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। जीबीयू के कुलपति प्रो रवींद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि दोनों स्थानों के बीच इस समझौते का मुख्य उद्देश्य संबंधित संस्थानों की शिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों में रुचि को बढ़ावा देना है।

पत्रकारिता व राष्ट्र निर्माण एक-दूसरे के पूरक : पांडेय

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राजू लामा ने कहा कि लुंबिनी में जन्मे गौतमबुद्ध के नाम पर विश्वविद्यालय नेपाल में नहीं है। नेपाल में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा की शाखा बननी चाहिए। कहा, सार्क देशों में प्रेस स्वतंत्रता के लिए भारत को प्रयास करना चाहिए। अफगानिस्तान में महिला जासं, ग्रेटर नोएडा: भारत चिंतन मनन का देश है। पहले शास्त्रार्थ होते थे, अब सेमिनार होते हैं। पत्रकारिता और राष्ट्र निर्माण एक दूसरे के पूरक हैं। सरकार को सचेत करना भी राष्ट्र निर्माण का भाग है। यह बातें भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री डाक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में सार्क जर्नलिस्ट फोरम के सहयोग से राष्ट्र निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में कही। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के प्रो. बंदना पांडे GAUTAM BUDDINGVERSIT UGBOP 10 NATIO DISCUMPERIN 42 ARURA सौ. विश्वविद्यालय प्रबंधन गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, वीसी प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा व अन्य ने कहा कि पत्रकारिता जनहित के लिए होती है। बेजुबान को जुबान देती है। वेदों में राष्ट्र की धारणा और संवाद का विमर्श प्रचुर रूप में है। संचार और संवाद की भारतीय धारणा बहुत व्यापक है। सार्क जर्नलिस्ट फोरम के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पत्रकार बुर्का पहन कर समाचार पढ़ती हैं। यह बहुत दुखद स्थिति है, इसका विरोध होना चाहिए । इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा, प्रोफेसर स्मिता मिश्रा, डाक्टर ओमप्रकाश आदि मौजूद रहे।

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पीएचडी की 100 सीटों के लिए आवेदन आज से
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