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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की एन एस एस टीम की सहायता से घरबरा गांव में निःशुल्क नेत्र जांच शिविर लगाया

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फ्यूचर लाइन टाईम्स- गौतमबुद्धनगर। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की एन एस एस टीम की सहायता से घरबरा गांव में निःशुल्क नेत्र जांच शिविर लगाया गया जिसमें एम्स के डॉक्टर उपस्थित थे। शिविर की शुरूआत डॉ. नवीन कुमार एवं डॉ जय प्रकाश मुयाल ने सभी लोगों का परिचय देकर की । साथ ही उन्होंने डॉ विकास का धन्यवाद किया। डॉ विकास एवं उनके पिता ने भी दो शब्द कहे। कार्यक्रम का सुचारु रूप से संचालन करवाने में डॉ. विभावरी, डॉ. सिद्धारामु और डॉ. प्रियंका गोयल का विशेष योगदान रहा. डॉ श्याम सुंदर एम्स, दिल्ली ने लोगो को मोतिया बिंद जैसी नेत्र रोग के बारे में जागरुक किया। शिविर में निःशुल्क दवाई एवं नेत्र जांच की गई। राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवको ने घर घर जाकर गांव वासियों को नेत्र जांच SLO के लिए प्रोत्साहित किया । यह शिविर असहाय लोगों के लिए अत्यंत लाभदायक रहा। विश्वविद्यालय के डीन छात्र कल्याण डॉ मनमोहन सिंह सिसोदिया एवं डॉ मंजू सिंह ( राष्ट्रीय सेवा योजना, लखनऊ) ने नेत्र जांच शिविर पर प्रसन्नता व्यक्त की। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना टीम ऐसे ही अपने गतिविधियों से लोगो की सहायता करती रहेगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविन्द्र कुमार सिन्हा तथा कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने GBU NSS की टीम को शुभकामनाएँ दीं.।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय आगामी सत्र 2024-25 के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज से प्रारंभ

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ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय अधिनियम, 2002 के तहत 2002 में की गई थी, जिसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के साथ व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना है। यह विश्वविद्यालय गौतम बुद्ध के नाम पर है, जो शांति, करुणा, और बुद्ध के सिद्धांतों को समावेश करते हुये शिक्षा प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा आधिकारिक रूप से छात्रों के लिए 2008 के शैक्षिक सत्र से शिक्षा प्रदान करने की शुरुआत की गई। विगत वर्षों में, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षिक कार्यकलापों से उल्लेखनीय वृद्धि और विविधता का प्रदर्शन किया है। प्रारंभिक एमबीए कार्यक्रम से लेकर, विश्वविद्यालय में लगभग 150+ से अधिक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं जैसे इंजीनियरिंग, प्रबंधन, जैव प्रौद्योगिकी, बौद्ध अध्ययन और सभ्यता, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, विधि न्याय एवं शासन, और व्यावसायिक अध्ययन, अनुप्रयुक्त विज्ञान, आदि है। विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम छात्रों को एक समग्र और उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए तैयार किए गए हैं ताकि अंत:विषयक शैक्षणिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा सके। जीबीयू शैक्षिक प्रगति और उत्कृष्टता के क्षेत्र में दिल्ली (NCR) में शोध एवं अनुसंधान का एक गतिशील केंद्र के रूप में उभरा है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय शोध और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय शिक्षकों और छात्रों को अलग-अलग क्षेत्रों में उन्नत शोध एवं अनुसंधान में रुचि के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस शैक्षिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता ने जीबीयू को एक नवाचार और ज्ञान सृजन के केंद्र के रूप में स्थापित किया है।

GBU opens admissions, 16 new courses on offer

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GREATER NOIDA: The Gautam Buddha University (GBU) com- menced its admission process for the 2024-25 session on Tues- day, and introduced 16 pro- grammes, including two week- end programmes for working professionals. According to GBU's vice- chancellor professor RK Sinha, the university has started the admissions a bit earlier this year. "Instead of starting admissions in April, we have begun admis- sions in February to have more time for prospective applicants to apply for courses, especially those who are appearing for Class 12 exams this year," said Prof Sinha, who launched the online and offline admissions in a ceremony held at the GBU campus on Tuesday. The university is offering 155 programmes with 4,202 seats, which are 300 more than last session. The new courses include BTech in Robotics and Artificial Intelligence, BSc (Hons) in Forensic Science, BSc (Hons) in Environmental Sciences, MTech in Information Communication Technology, Masters in Library C The Gautam Buddha varsity faculty with the prospectus for admissions to the academic session 2024-25 on Tuesday. HTPHOTO and Information Sciences, MA in Human Rights and a new PhD program in Food Processing and Technology. Two weekend programmes have been introduced -- MTech in Mechanical Engineering, and MTech in Electrical Engineering with specialisation in Instru- mentation and Control. "With these two, the univer- sity now has five programmes for working professionals. We have an MBA, MTech in Civil Engineering and BTech in Civil Engineering in which classes are held in hybrid mode on week- ends," said the VC. The university will adopt two modes of admission - computer based test (CBT) and direct admission based on merit. The CBT will be held for all four year/lateral entry BTech, law, MBA, MSc, MPhil, and all PhD programmes. "Direct admission based on Merit will be prepared on the basis of marks obtained in the last qualifying degree for and will be applicable for all remain- ing programmes through offline counselling," said Sinha, adding that students can apply at www.gbu.ac.in. The last date for admissions is April 25, tentatively, said offi- cials.

बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर राष्ट्रीय जागरूकता कार्यकम का आयोजन।

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ग्रेटर नोएडा, गौतम बुद्ध नगर।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्तमान समय की मांग है जिसका प्रयोग हम जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के साथ साथ विधि के क्षेत्र में करके बहुत सारी समस्यायों का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। विधिक शोध के क्षेत्र और विधिक व्यवसाय में तो अनंत संभावनाएं हैं। किंतु तकनीकी के प्रयोग के संदर्भ में उतनी ही सावधानी की भी आवश्यकता है। उक्त बातें अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ) रविन्द्र कुमार सिन्हा ने कहा। साथ ही कुलपति महोदय ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में सुस्थापित करने हेतु अपनी प्रतिबद्धता ज्ञापित किया। उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में बौद्धिक संपदा अधिकार और कारपोरेट फर्म के मैनेजिंग पार्टनर श्री विक्रांत राना ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसका विधिक व्यवसाय पर प्रभाव विषय पर व्याक्यान प्रस्तुत किया। इसी अनुक्रम में ताइफैक के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की वैज्ञानिक एफ श्रेणी डा संगीता नागर ने बौद्धिक संपदा अधिकार के बदलते स्वरूप विषय पर अपना विचार व्यक्त किया। इसी अनुक्रम में एन आर डी सी, भारत सरकार के स्टार्टअप और आई पी कंसल्टेंसी के सीनियर मैनेजर डा संजीव कुमार मजूमदार ने एन आर डी सी: तकनीक और औद्योगिकरण विषय पर उद्बोधन दिया। द्वितीय सत्र के वक्ता के रूप में विधि विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ शैवाल सत्यार्थी ने कॉपीराइट और उसका संरक्षण: सुसंगतता और चुनौतिया विषय पर अपना विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि कापीराइट के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अपार संभावनाएं समेटे हुए है जिसका प्रयोग विधि विषय के अध्ययन अध्यापन के साथ ही साथ शोध के क्षेत्र में भी सुगमता प्रदान करेगा किंतु तकनीकी का प्रयोग भी उतनी ही सावधानी से करना होगा अन्यथा यह विधिक विवाद को भी जन्म देगा। अंतिम वक्ता के रूप में विधि विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अमरेंद्र कुमार अजीत ने जीव रुपो के पेटेंट: भूत, वर्तमान और भविष्य विषय पर अपना विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बौद्धिक संपदा अधिकार के क्षेत्र में शोध के विभिन्न आयामों और उनकी संभावनाएं विषय पर अपना विचार प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आयोजन आई पी आर सेल गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। उक्त अवसर पर आई पी आर सेल के सदस्य डा राजेश श्रीवास्तव, डा सन्तोष कुमार तिवारी, डा विनय कुमार लिटोरिया उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सेल का सदस्य डा तन्वी वत्स द्वारा किया गया। उक्त कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के संकायाधक्ष, शिक्षकगण , शोध छात्र तथा छात्र छात्रा उपस्थित रहे।

एनसीटीई की टीम ने किया जीबीयू का शैक्षिक भ्रमण*

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बुधवार को केशांग वाई शेरपा (आईआरएस, मेंबर सेक्रेटरी) के नेतृत्व में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की टीम ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का शैक्षिक भ्रमण किया। इस भ्रमण का उद्देश्य शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रारंभ किए गए एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम की गुणवत्ता का निरीक्षण करना था। भ्रमण के दौरान टीम ने विश्वविद्यालय के विभिन्न कक्षाकक्षों, कार्यक्रम की पाठ्यचर्या एवं प्रयोगशालाओं आदि का अवलोकन किया। भ्रमण के उपरांत एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम के विद्यार्थियों के साथ टीम के हैंड होल्डिंग सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि केशांग वाई शेरपा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसके उपरांत छात्राओं ने मनमोहक सरस्वती वंदना प्रस्तुत करी। कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा द्वारा मुख्य अतिथि को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। संकाय की डीन प्रो. बंदना पांडे ने संकाय की ओर से मुख्य अतिथि एवं उनकी टीम का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गौतम बुद्ध के सिद्धांत “अप्प दीपो भव” का पालन करते हुए हमें आत्म चेतन शिक्षकों का निर्माण करना है। पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार शानवाल ने विश्वविद्यालय में शिक्षा विभाग की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की शानदार यात्रा का वर्णन करते हुए इसकी उपलब्धियों को प्रस्तुत किया एवं एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम की स्वीकृति के लिए मुख्य अतिथि को धन्यवाद प्रस्तुत किया। डीन एकेडमिक्स प्रो. एनपी मलकानिया ने शिक्षक के दायित्वों को रेखांकित करते हुए आने वाले अवसर एवं चुनौतियां पर प्रकाश डाला। प्रो. आर.सी. पटेल (विशेषज्ञ सदस्य आईटीपी) ने नए कार्यक्रम को युवा मस्तिष्कों को शिक्षित करने के सुनहरे अवसर के रूप में बताया जिसकी 2047 तक विकसित भारत के स्वप्न को पूरा करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्य अतिथि केशांग वाई शेरपा ने विश्वविद्यालय की बहुविषयक प्रणाली की प्रशंसा करी। उन्होंने एकीकृत शिक्षा कार्यक्रम के निर्माण की यात्रा का वर्णन करते हुए इसके विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा ही किसी देश के विकास का आधार होती है। ऐसे में यह कार्यक्रम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके भावी शिक्षकों को तैयार करेगा। कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने अपने वक्तव्य में विश्वविद्यालय की ओर से एनसीटीई की टीम का स्वागत किया एवं आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा की। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जीवन में सफलता का शॉर्टकट नहीं होता। तत्पश्चात विद्यार्थियों के प्रश्नों के समाधान हेतु एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी विभिन्न शंकाओं का समाधान एनसीटीई की टीम द्वारा प्राप्त किया। अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं एनसीटीई द्वारा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को इस कार्यक्रम के संचालन हेतु चयनित करने पर आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विभाग की प्रवक्ता डॉ. श्रुति कंवर, डॉ. वैशाली, डॉ. नीलिमा आदि उपस्थित रहे।

जीबीयू में एआई सेंटर स्थापित होगा

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ग्रेटर नोएडा, कार्यालय संवाददाता। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में प्रदेश का सबसे बड़े एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सेंटर स्थापित करने की तैयारी है। एआई सेंटर को स्विटजरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख के साथ मिलकर स्थापित किया जाएगा। यह सेंटर 50 करोड़ रुपये में स्थापित होगा। प्रदेश सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर के लिए बजट का आवंटन भी कर दिया है। सेंटर पर कम शुल्क में छात्र एआई से संबंधित कोर्स कर सकेंगे। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविंद्र सिन्हा ने बताया कि जीबीयू में देश के साथ ही दुनियाभर के देशों से छात्र आकर पढ़ाई कर रहे हैं। अत्याधुनिक युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का चलन तेजी से बढ़ा है। ऐसे में परिसर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है। छात्रों को होने वाले लाभ को देखते हुए मुख्यमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर खोलने की सहमति दे दी है। कुलपति ने बताया कि प्रदेश सरकार का बजट पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर के लिए पचास करोड़ रुपये का बजट आवंटित करने पर मुहर लगाई है। एआई सेंटर में विशेषज्ञों की तैनाती, विभिन्न प्रोग्राम, शुल्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर के लिए विश्वविद्यालय के अंदर नए भवन का निर्माण होगा या परिसर में बने किसी भवन में संचालन होगा, इस पर निर्णय करार के बाद लिया जाएगा। कुलपति ने बताया कि एआई का उपयोग पैटर्न खोजने, नई तकनीकी खोजने, भविष्यवाणियां करने, मशीनों और भौतिक वातावरण के साथ बातचीत करने सहित अन्य कार्य में किया जा सकता है। इसमें ज्ञान, तार्किक, समस्या निराकरण, धारणा, अधिगम, योजना और आटोमेशन प्रोसेस के लिए प्रोग्रामिंग शामिल होगी। उन्होंने कहा कि सेंटर की स्थापना से छात्रों को रोजगार के नए अवसरों के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी।

जीबीयू उत्तर प्रदेश में प्रमुख आर्टिफिसियल इन्टेलिजन्स हब के रूप में उभरने की तैयारी में है।

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गौतमबुद्धनगर।गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय जीबीयू) को उत्तर प्रदेश में आर्टिफिसियल इन्टेलिजन्स (एआई) के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में स्थायी रूप से स्थापित रहा है, जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश एवं चांसलर, जीबीयु योगी आदित्यनाथ ने जीबीसी 4.0 के चौथे संस्करण के दौरान की। चांसलर योगी आदित्यनाथ ने बताया कि जीबीयू, लखनऊ के साथ, राज्य के एआई पहलों के लिए महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में चयनित किया गया है, जो विश्वविद्यालय की नवाचार और शैक्षिक उत्कृष्टता के पथ में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का संकेत है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए एलान ने एक नई सहयोग और विकास की युग का आरम्भ किया है, जिससे गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को आर्टिफिसियल इन्टेलिजन्स में परिवर्तनात्मक उन्नतियों के लिए एक उत्तेजक के रूप में स्थान दिया गया है। यूनिवर्सिटी के एकमात्र संस्थान के रूप में एआई हब को एक नई आयाम देने के लिए चयन किया जाना इसकी शैक्षिक प्रतिष्ठा और इस क्रियात्मक क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए तैयारी को पुनः साबित करता है।जीबीयु के चांसलर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए एलान ने एक नई सहयोग और विकास की युग का आरम्भ किया है, जिससे गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को आर्टिफिसियल इन्टेलिजन्स में परिवर्तनात्मक उन्नतियों के लिए एक उत्तेजक के रूप में स्थान दिया गया है। यूनिवर्सिटी के एकमात्र संस्थान के रूप में एआई हब को आवास देने के लिए चयन का इस्तेमाल इसकी शैक्षिक प्रतिष्ठा और इस क्रियात्मक क्षेत्र में कट्टर अनुसंधान और विकास के लिए तैयारी को पुनः साबित करता है।इस महत्वपूर्ण निवेश और सरकारी समर्थन के साथ, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के पास एलान वृद्धि करने की शक्ति है, जिससे समाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए एआई की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है, आर्थिक विकास को गति दी जा सकती है, और नवाचारिक और नेताओं की अगली पीढ़ी को सशक्त किया जा सकता है। जीबीयू में एआई केंद्र एक विषय-संगठनात्मक सहयोग का केंद्र होगा, जो शैक्षणिक, उद्योग, और सरकार से विशेषज्ञों को एक साथ लाकर जटिल समस्याओं का सामना करने और विभिन्न क्षेत्रों में नई अवसरों को खोलने में सहायक होगा।विश्वविद्यालय के एआई परिदृश्य में यूनिवर्सिटी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बोलते हुए, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने इस पहल के परिवर्तनात्मक क्षमता के बारे में गहरी आशा व्यक्त की। “हमें गर्व है कि हमें उत्तर प्रदेश की एआई प्रयासों को नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह महत्वपूर्ण घोषणा केवल जीबीयू की शैक्षणिक उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में पुनः पुष्टि करती है, बल्कि हमारे तकनीक को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। एआई सेंटर की स्थापना के साथ, हम नवाचार को तीव्रता से आगे करने, अब तक के अनुसंधान को निर्देशित करने, और उन्नतता को पोषण देने का लक्ष्य रखते हैं, जो एआई के भविष्य को विश्वविद्यालय एवं प्रदेश को आकार देने में मददगार साबित होगी।“गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में एआई केंद्र की स्थापना, आईए के विश्वस्तरीय मंच में नवाचार द्वारा विकासशील वृद्धि और उत्तर प्रदेश को एक ग्लोबल एआई परिदृश्य में प्रमुख रूप से स्थापित करने के व्यापक दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है। राज्य की समृद्ध टैलेंट पूल और सहकारी पारिस्थितिकी का उपयोग करके, यह पहल विश्वसनीय आर्थिक विकास को प्रेरित करने, निवेश आकर्षित करने और उत्तर प्रदेश को एआई-प्रेरित नवाचार और उद्यमिता का केंद्र स्थानित करने के लिए तैयार है।प्रो. सिन्हा ने जोड़ा कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा और उत्तर प्रदेश में एक अग्रणी शैक्षणिक संस्थान है और इसे शैक्षिक उत्कृष्टता, अनुसंधान नवाचार, और सामाजिक विकास कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है और पूर्ण विकास की देखभाल करने के साथ नवाचार की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जीबीयू अपने शिक्षा और शिक्षण तकनीकों के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन को नेतृत्व करने के लिए एक कैटलिस्ट के रूप में काम करता है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय इस परिवर्तनात्मक यात्रा पर प्रस्थान करता है, वह उद्योग के हिस्सेदारों, शैक्षणिक संस्थानों, और नीति निर्माताओं से सहयोग और साझेदारी का आमंत्रण भेजता है, सामाजिक प्रभाव और दृढ़ विकास के लिए एआई की शक्ति को सामूहिक रूप से उपयोग करने के लिए।

Gautam Buddha varsity gets ₹50 cr from govt for AI hub, Galgotias get iOS lab

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GBU, alongside IIM-Lucknow, has been chosen as the hubs for the state’s AI initiatives, marking a significant milestone in the university’s trajectory of innovation and academic distinctionGreater Noida’s Gautam Buddha University (GBU) has been granted ₹50 crore by the Uttar Pradesh government for setting up a centre for artificial intelligence (AI) excellence, said officials on Thursday. The announcement was made by chief minister Yogi Adityanath during the groundbreaking ceremony held in Lucknow on Tuesday.“Work has begun on setting up the AI hub. Through this initiative, we aim to provide employment to millions of youths within their homes and districts,” Adityanath had said at the ‘Destination UP-Emerging Hub for AI in India’ conclave organised at Indira Gandhi Pratishthan, GBU, alongside IIM-Lucknow, has been chosen as the hubs for the state’s AI initiatives, marking a significant milestone in the university’s trajectory of innovation and academic distinction, officials said. During the event, three MoUs were exchanged between the government and Microsoft Corporation, HCL Software and Wadhwani Institute for Artificial Intelligence for the establishment of the AI centre. Vice-chancellor of GBU Prof RK Sinha said, “The UP government has earmarked a grant of ₹50 crore for the establishment of the AI Centre on our campus. These funds will be utilised to establish the centre and recruit experts in the field.”

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के छात्रों की ऐतिहासिक सफलता: टीम ‘वेंकटेश्वर’ SIH 2024 फाइनल में
भारत शिक्षा एक्सपो 2024 में जीबीयू की धमक
पीएचडी की 100 सीटों के लिए आवेदन आज से
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में "बौद्ध समाज निर्माण एवं आचार संहिता विमोचन समारोह" का आयोजन
माडर्न एजुकेशन हब बनने को तैयार गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय