Media Coverage

जीबीयू विदेशी नागरिकों को आकर्षित करने के लिए देशी-विदेशी संस्थानों के साथ साझेदारियों के माध्यम तैयार

SSR

जीबीयू ने विविध विषयों के पाठ्यक्रमों के लिए विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए देशी-विदेशी संस्थानों के साथ करार की एक रणनीतिक कदम बढ़ाया है जिससे की विदेशी छात्रों का अध्याय विश्वविद्यालय की ओर आकर्षित कर सकें। जैसे शिक्षा मंत्रालय के ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम के साथ उसके संबंध के माध्यम से सुविधाजनक बनाया गया है। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी सरकारी छात्रवृत्तियों के लिए एडमिशन 2 एलुम्नाई (ए2ए) पोर्टल में सूचीबद्ध की जाएगी, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अधिक आकर्षित करने में और भी मदद करेगा। इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम था, जो नई दिल्ली में ऑल इंडिया टेक्निकल एजुकेशन कौंसिल (एआईसीटीई) के मुख्यालय में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एचईआई से अधिक जानकारी प्राप्त करना था, जो शिक्षा मंत्रालय के एडमिशन पोर्टल के माध्यम से सहयोग करने के अवसरों और लाभों के बारे में संस्थानीय अधिकारियों को संवादित करना था। जीबीयु के डॉ अरविंद कुमार सिंह और डॉ जितेन्द्र सिंह राठौड़, जो विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के नामांकन की प्रक्रिया की देखरेख करते हैं, नई दिल्ली में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में जीबीयू का प्रतिनिधित्व किया है। उनकी मौजूदगी ने जीबीयू के वैश्विक साझेदारियों को बढ़ावा देने और विविध विदेशी छात्र से संबंधित संस्थानों से सहयोग से बिना किसी प्रकार की कठिनाई के छात्रों को जीबीयू में नामांकन के समर्पण को दर्शाता है। इस इस कार्यक्रम में यह भी सूचित किया गया है कि विदेशी छात्रों जो अपनी उच्च अध्ययन के लिए भारत में प्रवेश चाहते हैं, उनके लिए ‘स्टडी इन इंडिया’ पोर्टल पर पंजीकरण और इसकी आईडी अनिवार्य है, जो उन्हें नामांकन के पश्चात वीज़ा, बैंक अकाउंट एवं रेसिडेंट परमिट, आदि हासिल करने में मदद करेगी। जीबीयू अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसे स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी), और डॉक्टरल/अनुसंधान-केंद्रित पर विभिन्न विषयों हर स्तर पर छात्रों को आकर्षित करने पर ध्यान रखते हैं। ये कार्यक्रम पूर्वानुमानित छात्रों में, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों में महत्वपूर्ण रूचि पैदा कर चुके हैं। ‘स्टडी इन इंडिया’ कार्यक्रम के अलावा, जीबीयू ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और विदेश में छात्रों का सीधा प्रवेश (दासा) कार्यक्रम के साथ साझेदारियाँ की है। इन साझेदारियों के द्वारा विश्वविद्यालय की वैश्विक पहुँच और भारत में गुणवत्ता शिक्षा की तलाश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के आकर्षण को और भी बढ़ाते हैं। वर्तमान में जीबीयू में वियतनाम, म्यांमार, कम्बोडिया, लाओस पीडीआर, श्रीलंका, भूटान, थाईलैंड, मंगोलिया, ताइवान, अफगानिस्तान, नेपाल आदि से विदेशी छात्र हैं जो यहाँ अध्ययन कर रहे हैं। पिछले समय में इन सभी देशों के अलावा, कुछ अन्य देशों से विदेशी छात्र दक्षिण कोरिया, चीन, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, सूरीनाम आदि आए और अध्ययन कर वापस अपने देश में उच्च पदों पर आसीन हैं। हाल में हुई विदेशी संस्थाओं के साथ साझेदारियों ने जीबीयू की भरपूर संख्या में विदेशी राष्ट्रीयों को आकर्षित करने में विशेष बौद्ध अध्ययन के पाठ्यक्रमों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यहाँ यह भी बताना ज़रूरी है कि बौद्ध अध्ययन के अलावा बीटेक, एमबीए, बीबीए, आदि तकनीकी कार्यक्रमों में भी कुछ विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और विश्वविद्यालय के अन्य पाठ्यक्रमों जैसे बीटेक, एमटेक, एमबीए, बीबीए, बीए, एमए, बीएससी, एमएससी, और अन्य विशेषज्ञ कोर्सों के लिए भी विदेशी छात्रों को आकर्षित करने की तैयारी में जुटी हुई है। इन पहलों के परिणामस्वरूप, जीबीयू भारत में उच्च अध्ययन करने वाले विदेशी राष्ट्रीयों के लिए सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक के रूप में सामने आ रहा है। विश्वविद्यालय की शैक्षिक उत्कृष्टता के प्रति जीबीयू का समर्पण, इसकी वैश्विक दृष्टिकोण और विविध प्रस्तावों के साथ मिलकर, छात्रों के लिए एक परिवर्तनात्मक शैक्षिक अनुभव की खोज में एक पसंदीदा विकल्प बनाता है। प्रो रवीन्द्र कुमार सिन्हा, कुलपति, जीबीयु ने विश्वविद्यालय के द्वारा इसी क्रम में कहा कि जीबीयू अंतिमकृत सहयोग स्थापित करने की प्रक्रिया में है जो दुनिया भर में प्रसिद्ध कृत्रिम बुद्धिमत्ता एआई केंद्र ईटीएच जुरिच, स्विट्जरलैंड के साथ, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, एचसीएल, और सैमसंग जैसे अनेकांश बहुराष्ट्रीय अनुसंधान और विकास केंद्रों के साथ सीधा समर्थन प्राप्त कर रहा है, जो कि यूपी सरकार द्वारा प्राथमिक स्तर पर है जिनसे विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों को उत्कृष्ट प्रदान करने में होने वाली साझेदारी से सहयोग होगा।

‘एनजीओ बनाने कि प्रक्रिया: व्यव्हारिक्ता और चुनौतियाँ’ पर गेस्ट लेक्चर का सफल हुआ आयोजन

SSR

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग ने अपने विभाग में गेस्ट लेक्चर के आयोजन क्रम में शारदा हॉस्पिटल के रुरल मार्केटिंग के डिप्टी जनरल मैनेजर श्री पंकज माथुर को ‘एनजीओ बनाने कि प्रक्रिया: व्यव्हारिक्ता और चुनौतियाँ’ विषय पर बोलने के लिये आमंत्रित किया. इस वक्तव्य में समाज कार्य विभाग छात्रों और फेकेल्टी के अलावा अन्य विभागों के छात्रों और फेकेल्टी ने शिरक़त की. इस कार्यक्रम के आयोजन में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा जी भी मौजूद रहे. उनके साथ ही मानविकी तथा सामजिक विज्ञान की डीन प्रोफसर बन्दना पांडेय, समाज कार्य विभाग के हेड डॉ. ओम्बीर सिंह और विभाग के सीनियर फैकेल्टी डॉ. सिद्धारामू भी कार्यक्रम का हिस्सा बने. कार्यक्रम के पहले चरण में विभाग के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. राहुल कपूर पूरे सभागार को आमंत्रित जन से परिचय कराया और सबने एक दूसरे का स्वागत किया. इसके बाद मानविकी तथा सामजिक विज्ञान की डीन प्रोफसर बन्दना पांडेय ने अपने वक्तव्य में गेस्ट लेक्चर की महत्ता पर अपने विचार प्रस्तुत किये और स्पीकर को अपने विषय पर बोलने के लिये आमंत्रित किया. गेस्ट लेक्चर के स्पीकर श्री पंकज माथुर ने इसके बाद विस्तृत तौर पर अपने विषय पर वक्तव्य दिया. इस वक्तव्य में उन्होंने एनजीओ बनाने की पूरी प्रक्रिया सबको बताई. इसके साथ ही साथ उन्होंने ज़रूरी सवालों के जवाब भी दिये. इसके बाद कार्यक्रम के समापन संदेश में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा जी इस तरह के विषय पर बातचीत की सराहना करते हुए समाज कार्य विभाग के साथ ही अन्य विभाग के लिये भी ऐसी जानकारी की महत्ता पर प्रकाश डाला. छात्रों के साथ उपस्थित विभाग सदस्यों की सराहना भी की. इस कार्यक्रम का समापन समाज कार्य विभाग के हेड डॉ. ओम्बीर सिंह द्वारा दिये गये धन्यवाद ज्ञापन द्वारा हुआ. इस अवसर पर फैकेल्टी मेंबर डॉ. अमन साहू, डॉ. रवि भारती, डॉ. ग़ीतेश कुमार, डॉ. जितेंद्र कुमार और डॉ. अनीता उपाध्याय भी उपस्थित रहे,

‘एनजीओ बनाने कि प्रक्रिया: व्यव्हारिक्ता और चुनौतियाँ’ पर गेस्ट लेक्चर का सफल हुआ आयोजन

SSR

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग ने अपने विभाग में गेस्ट लेक्चर के आयोजन क्रम में शारदा हॉस्पिटल के रुरल मार्केटिंग के डिप्टी जनरल मैनेजर श्री पंकज माथुर को ‘एनजीओ बनाने कि प्रक्रिया: व्यव्हारिक्ता और चुनौतियाँ’ विषय पर बोलने के लिये आमंत्रित किया. इस वक्तव्य में समाज कार्य विभाग छात्रों और फेकेल्टी के अलावा अन्य विभागों के छात्रों और फेकेल्टी ने शिरक़त की. इस कार्यक्रम के आयोजन में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा जी भी मौजूद रहे. उनके साथ ही मानविकी तथा सामजिक विज्ञान की डीन प्रोफसर बन्दना पांडेय, समाज कार्य विभाग के हेड डॉ. ओम्बीर सिंह और विभाग के सीनियर फैकेल्टी डॉ. सिद्धारामू भी कार्यक्रम का हिस्सा बने. कार्यक्रम के पहले चरण में विभाग के कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. राहुल कपूर पूरे सभागार को आमंत्रित जन से परिचय कराया और सबने एक दूसरे का स्वागत किया. इसके बाद मानविकी तथा सामजिक विज्ञान की डीन प्रोफसर बन्दना पांडेय ने अपने वक्तव्य में गेस्ट लेक्चर की महत्ता पर अपने विचार प्रस्तुत किये और स्पीकर को अपने विषय पर बोलने के लिये आमंत्रित किया. गेस्ट लेक्चर के स्पीकर श्री पंकज माथुर ने इसके बाद विस्तृत तौर पर अपने विषय पर वक्तव्य दिया. इस वक्तव्य में उन्होंने एनजीओ बनाने की पूरी प्रक्रिया सबको बताई. इसके साथ ही साथ उन्होंने ज़रूरी सवालों के जवाब भी दिये. इसके बाद कार्यक्रम के समापन संदेश में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा जी इस तरह के विषय पर बातचीत की सराहना करते हुए समाज कार्य विभाग के साथ ही अन्य विभाग के लिये भी ऐसी जानकारी की महत्ता पर प्रकाश डाला. छात्रों के साथ उपस्थित विभाग सदस्यों की सराहना भी की. इस कार्यक्रम का समापन समाज कार्य विभाग के हेड डॉ. ओम्बीर सिंह द्वारा दिये गये धन्यवाद ज्ञापन द्वारा हुआ. इस अवसर पर फैकेल्टी मेंबर डॉ. अमन साहू, डॉ. रवि भारती, डॉ. ग़ीतेश कुमार, डॉ. जितेंद्र कुमार और डॉ. अनीता उपाध्याय भी उपस्थित रहे,

“स्वंतंत्रता, देश का विभाजन एवं एकीकरण: भारत में परिवर्तन की कहानी” विषय पर हुई चर्चा इतिहासकार ( इत

SSR

गौतमबुद्धनगर।गौतमबुद्धविश्वविद्यालय के इतिहास विभाग ने छात्रों के ज्ञान वर्धन हेतु समय समय पर इतिहास के प्रमुख पहलुओं पर व्याख्यान का आयोजन किया जाता रहा है। उसी क्रम में आज दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहासकार डॉ. भुवन कुमार झा ने “स्वंतंत्रता, देश का विभाजन एवं एकीकरण: भारत में परिवर्तन की कहानी” विषय पर एक रोचक वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने भारत के इतिहास के महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर प्रकाश डाला जो 1946 के अंत से 1948 के अंत तक बीच हुए हुए थे। इस वक्तावधि में भारत ने राजनीति और भूगोल महत्वपूर्ण बदलाव हुई थी, जो आधुनिक दुनिया के लिए एक नये राष्ट्र के लिये अभूतपूर्व घटना क्रम थी। अपने वक्तव्य के दौरान, डॉ. झा ने इस काल के महत्वपूर्ण परिवर्तनों पर बल दिया, जो भारत के प्रगति के मार्ग को प्रभावित किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की प्राप्ति से लेकर एक प्राचीन सभ्यता वाले राष्ट्र के विभाजन, और 550 से अधिक रियासतों का एकीकरण जैसे महत्वपूर्ण घटनाचक्र पर विशेष प्रकाश डाला।डॉ. झा ने उपनिवेश में, विभाजन की प्रक्रियाओं और सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा एकीकरण की नितान्त आवश्यक यात्रा पर जोर दिया। उन्होंने यहां तक कि जिन्नाह द्वारा कल्पित दो राष्ट्र सिद्धांत को सफलतापूर्वक निर्देशित किया गया, जिससे वे ब्रिटिश विभाजक नीतियों और कांग्रेस के दूसरे विश्व युद्ध के दौरान के जिम्मेदार, लेकिन अमान्य निर्णयों के बीच के जटिल संवाद की ओर इशारा किया।डॉ. भुवन झा के वक्तव्य ने भारत के इतिहास के एक महत्वपूर्ण काल में मूल्यवान अवधारणाओं को साझा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रो बन्दना पांडेय ने किया और अपने अध्यक्षीय व्याख्यान में आज के कार्यक्रम के विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ राकेश कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य वक्ता का परिचय छात्रों से करवाया और साथ ही डॉ भुवन झा को सहर्ष आमंत्रण स्वीकार करने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं डॉ संगीता वाधवा ने डॉ झा का माल्यार्पण के साथ मंच पर स्वागत किया। मंच का संचालन डॉ रीतिका जोशी ने किया। इस कार्यक्रम में छात्रों के अलावा विभाग के प्राध्यापक मौजूद रहे जिनके नाम हैं डॉ उपेन्द्र सिंह, डॉ विवेक पचौरी, डॉ प्रकाश रंजन, डॉ आलोक कुमार, श्री चित्रांशु, इत्यादि।

महिला क्रिकेट मैच में रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास प्रथम स्थान पर

SSR

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता ‘शौर्योत्सव 2023-24’ के अंतर्गत विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में ‘इंटर-हॉस्टल महिला क्रिकेट मैच’ का आयोजन किया गया । जिसका पहला मैच 05 मार्च, 2024 को रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास बनाम सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास के बीच खेला गया, जिसमें रमाबाई अम्बेडकर छात्रावास की महिला टीम ने 17 रन के साथ जीत हासिल की, दूसरा मैच 7 मार्च, 2024 को रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास बनाम रानी लक्ष्मीबाई एवं छत्रपति साहूजी महाराज छात्रावास (संयुक्त) की टीम के बीच हुआ, जिसमें रमाबाई अम्बेडकर छात्रावास की टीम 30 रन से आगे रही तथा तीसरा फाइनल मैच अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास बनाम महामाया महिला छात्रावास के बीच हुआ, जिसमें रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास की टीम 16 रन के साथ प्रथम स्थान पर रही । यह ध्यातव्य है कि शौर्योत्सव में पहली बार महिला क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ है, जिससे छात्राओं में बेहद उत्साह रहा । इस मैच में श्रेया चौधरी ने सबसे अधिक रन बनाने का खिताब हासिल किया है । महिला छात्रावास की मुख्य अभिरक्षिका डॉ. विदुषी शर्मा ने सभी टीम का हौसला बढ़ाया तथा रमाबाई अम्बेडकर महिला छात्रावास की अभिरक्षिका डॉ. रेनू यादव ने टीम को बधाई दी । खेल विभाग के अध्यक्ष डॉ. नगेन्द्र, खेल अधिकारी प्रदीप यादव तथा पी.टी. दिव्या ने छात्राओं के बेहतर प्रदर्शन की प्रशंसा की ,

वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता ‘शौर्योत्सव 2023-024 के अंतर्गत विभिन्न खेल प्रतियोगिता का आयोजन

SSR

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता ‘शौर्योत्सव 2023-24’ के अंतर्गत विभिन्न खेल प्रतियोगिता का आयोजन चल रहा है। इस उत्सव में छात्रों ने उत्कृष्टता की उदाहरण प्रस्तुत किया और खेल की रूचि को बढ़ावा दिया। इसी के अंतर्गत फुटबॉल प्रतियोगिता में फुटबॉल इवेंट में 14 टीमों ने प्रतिभाग किया। लीग मैच के बाद, स्कूल ऑफ बौद्ध अध्ययन विभाग और स्कूल ऑफ मानविकी और सामाजिक विज्ञान के बीच फाइनल मैच हुआ, जबकि हारने सेमीफ़ाइनल में हारनेवाली टीमें स्कूल ऑफ मैनेजमेंट और स्कूल ऑफ आईसीटी के बीच तीसरी स्थान के लिए मैच खेले गये। बौद्ध अध्ययन की टीम ने 1-0 के स्कोर लाइन के साथ फाइनल मैच जीता। जीतने वाला गोल ह्यून थे बाओ ने किया, जो टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी घोषित किए गये वहीं सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर वो थांग हिएन को घोषित किया गया। फुटबॉल टूर्नामेंट में संस्कार बुटोला ने 5 गोलों से शीर्ष गोल स्कोरर रहा प्राप्त जबकि शिवम मल्ल सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर और अर्पित शर्मा और वंश भाटी सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर घोषित किए गए। बौद्ध अध्ययन की टीम विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों से गठित थी और फुटबॉल इवेंट में वे हमेशा शीर्ष तीन स्थानों में रहे हैं, और अधिकांश समय वे विजेता ही होते थे। इस साल फिर से उन्होंने शौर्योत्सव के फुटबॉल टूर्नामेंट का विजेता बना और अपनी विरासत को क़ायम रखने में इस वर्ष भी सफल रहे।

आईसीजीएसजी – 2024 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सफलता पूर्वक हुआ आयोजन विकास, (स्थिरता और वैश्वीकरण प

SSR

:महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर, एक अभूतपूर्व पहल में, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र, योजना और विकास विभाग ने 8-9 मार्च, 2024 को विकास, स्थिरता और वैश्वीकरण (आईसीजीएसजी – 2024) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया। वर्चुअल रूप से आयोजित इस सम्मेलन में वैश्विक विकास, स्थिरता और तेजी से विकसित हो रही परस्पर जुड़ी दुनिया की चुनौतियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों का पता लगाने और संबोधित करने के लिए दुनिया भर के करीब 100 प्रसिद्ध विद्वान, शोधकर्ता और विशेषज्ञ एक साथ आए। सम्मेलन की शुरुआत प्रमुख और संयोजक डॉ. ओमबीर सिंह के गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई, जिन्होंने वैश्विक परिदृश्य की जटिलताओं से निपटने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर देकर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की, जिसके बाद मुख्य संरक्षक प्रोफेसर का संबोधन हुआ। रवींद्र कुमार सिन्हा, मुख्य संरक्षक और कुलपति, जिन्होंने अत्याधुनिक अनुसंधान और वैश्विक सहयोग के माध्यम से सतत विकास के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और संरक्षक, प्रोफेसर का संबोधन। एसओएचएसएस की संरक्षक और डीन बंदना पांडे ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अंतःविषय दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। सम्मेलन पहले दिन ऑनलाइन मोड में और दूसरे दिन ऑफ़लाइन मोड में आयोजित किया गया था। पहले दिन मुख्य वक्ता डॉ. ऐलेना रौनकोवा थीं, जिन्होंने विकास और स्थिरता के वैश्विक निहितार्थों पर चर्चा की। सम्मेलन में यूसाक से प्रो. एरकन ओज़ेन को शामिल करके सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय, तुर्की, मुख्य अतिथि के रूप में। प्रोफेसर ओज़ेन ने वैश्विक आर्थिक रुझानों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की। दूसरे दिन मुख्य वक्ता राजस्थान विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर एसएस सोमरा थे, जिन्होंने स्थायी भविष्य को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक मित्तल थे। पूर्व कुलपति, डॉ. भीमरोआ अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, उत्तर प्रदेश, जिन्होंने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सम्मेलन में आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता, लिंग सशक्तिकरण और वैश्वीकरण से उत्पन्न चुनौतियों सहित विषयों के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल किया गया। प्रतिनिधि विकास के उत्प्रेरक, भारत में सीएसआर योगदान, ग्रामीण महिलाओं के निवेश व्यवहार और रोजगार के अवसरों की संभावना सहित विभिन्न विषयों पर विचारोत्तेजक प्रस्तुतियों के साथ-साथ हमारे वैश्विक समाज के सामने आने वाले जटिल मुद्दों पर जीवंत चर्चा, अंतर्दृष्टि और समाधान साझा करने में लगे हुए हैं। भारत में। सम्मेलन समन्वयक डॉ. रूपाली श्रीवास्तव ने हुई प्रभावशाली चर्चाओं के लिए आभार और आशावाद व्यक्त किया।डॉ. संदीप राणा और उनकी टीम ने सम्मेलन को सफल बनाने में आईटी सहायता प्रदान की। आयोजक टीम के सदस्यों में डॉ. राहुल, डॉ. ममता, श्रीमान शामिल थे। अनमोल, श्री करण और सुश्री वैशाली जिनके सहयोग से सम्मेलन को सफल बनाने में मदद मिली। कुल मिलाकर, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने वैश्विक स्तर पर सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भविष्य के सहयोग और पहल की नींव रखी और यह अभूतपूर्व विचारों, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और आगे आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता जगाने के लिए एक मंच साबित हुआ,

वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता ‘शौर्योत्सव 2023-24′ खेल प्रतियोगिता का आयोजन

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय का वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता ‘शौर्योत्सव 2023-24’ के अंतर्गत विभिन्न खेल प्रतियोगिता का आयोजन चल रहा है। इस उत्सव में छात्रों ने उत्कृष्टता की उदाहरण प्रस्तुत किया और खेल की रूचि को बढ़ावा दिया। इसी के अंतर्गत फुटबॉल प्रतियोगिता में फुटबॉल इवेंट में 14 टीमों ने प्रतिभाग किया। लीग मैच के बाद, स्कूल ऑफ बौद्ध अध्ययन विभाग और स्कूल ऑफ मानविकी और सामाजिक विज्ञान के बीच फाइनल मैच हुआ, जबकि हारने सेमीफ़ाइनल में हारनेवाली टीमें स्कूल ऑफ मैनेजमेंट और स्कूल ऑफ आईसीटी के बीच तीसरी स्थान के लिए मैच खेले गये। बौद्ध अध्ययन की टीम ने 1-0 के स्कोर लाइन के साथ फाइनल मैच जीता। जीतने वाला गोल ह्यून थे बाओ ने किया, जो टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी घोषित किए गये वहीं सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर वो थांग हिएन को घोषित किया गया। फुटबॉल टूर्नामेंट में संस्कार बुटोला ने 5 गोलों से शीर्ष गोल स्कोरर रहा प्राप्त, जबकि शिवम मल्ल सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर और अर्पित शर्मा और वंश भाटी सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर घोषित किए गए। बौद्ध अध्ययन की टीम विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों से गठित थी और फुटबॉल इवेंट में वे हमेशा शीर्ष तीन स्थानों में रहे हैं, और अधिकांश समय वे विजेता ही होते थे। इस साल फिर से उन्होंने शौर्योत्सव के फुटबॉल टूर्नामेंट का विजेता बना और अपनी विरासत को क़ायम रखने में इस वर्ष भी सफल रहे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के खेल अधिकारी डॉ प्रदीप यादव मौजूद रहे और फाइनल मैच के पश्चात गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रोंज जीतने वाले सभी टीमों को बधाई दी और उनकी खेल भावना से खेलने के लिए उनकी सराहना की और जीतने वाली टीमों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मैच के दौरान फुटबॉल ग्राउंड में बौद्ध अध्ययन टीम के समन्वयक डॉ अरविंद सिंह एवं डॉ चंद्रशेखर पासवान मौजूद थे,

Headlines

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के छात्रों की ऐतिहासिक सफलता: टीम ‘वेंकटेश्वर’ SIH 2024 फाइनल में
भारत शिक्षा एक्सपो 2024 में जीबीयू की धमक
पीएचडी की 100 सीटों के लिए आवेदन आज से
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में "बौद्ध समाज निर्माण एवं आचार संहिता विमोचन समारोह" का आयोजन
माडर्न एजुकेशन हब बनने को तैयार गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय