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Gautam Buddha varsity gets ₹50 cr from govt for AI hub, Galgotias get iOS lab

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GBU, alongside IIM-Lucknow, has been chosen as the hubs for the state’s AI initiatives, marking a significant milestone in the university’s trajectory of innovation and academic distinctionGreater Noida’s Gautam Buddha University (GBU) has been granted ₹50 crore by the Uttar Pradesh government for setting up a centre for artificial intelligence (AI) excellence, said officials on Thursday. The announcement was made by chief minister Yogi Adityanath during the groundbreaking ceremony held in Lucknow on Tuesday.“Work has begun on setting up the AI hub. Through this initiative, we aim to provide employment to millions of youths within their homes and districts,” Adityanath had said at the ‘Destination UP-Emerging Hub for AI in India’ conclave organised at Indira Gandhi Pratishthan, GBU, alongside IIM-Lucknow, has been chosen as the hubs for the state’s AI initiatives, marking a significant milestone in the university’s trajectory of innovation and academic distinction, officials said. During the event, three MoUs were exchanged between the government and Microsoft Corporation, HCL Software and Wadhwani Institute for Artificial Intelligence for the establishment of the AI centre. Vice-chancellor of GBU Prof RK Sinha said, “The UP government has earmarked a grant of ₹50 crore for the establishment of the AI Centre on our campus. These funds will be utilised to establish the centre and recruit experts in the field.”

उत्तर प्रदेश के युवाओं का कौशल विकास में अहम योगदान । प्रवीर कुमार

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गौतमबुद्धनगर।उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद के अध्यक्ष, श्री प्रवीर कुमार ने एक आयोजन के माध्यम से राज्य के युवाओं के कौशल विकास और राज्य के नए उत्तर प्रदेश के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान पर ध्यान केंद्रित किया। इस उपलब्धि को साझा करने के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। प्रवीर कुमार ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों पर प्रकाश डाला, जिन्हें माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्य मंत्री के नेतृत्व में चौगुनी रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश के महत्व को समझा गया है और इसके प्रदेश में हो रहे विकास में उनका अहम योगदान है। वे युवाओं के कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारिता को बढ़ावा देने की बात करते हैं।छात्रों एवं शिक्षकों को उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश पर एक फ़िल्म दिखाकर उत्तर प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों पर प्रकाश डाला गया जो माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्य मंत्री के नेतृत्व में दिन दूनी रात चौगुनी विकास की ओर अग्रसर हो रहा है।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रवीर कुमार ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विदेशी निवेश एवं और उससे प्रदेश में हो रहे विभिन्न विकास कार्यों में प्रकाश डाला और साथ ही “नये उत्तर प्रदेश का विकास, युवाओं का कौशल विकास” पर छात्रों को अपनी बातों को साझा किया। उनके वक्तव्य के मुख्य बिंदु थे: डेस्टिनेशन उत्तर प्रदेश और यह कैसे प्रदेश के लिए लाभकारी होगा, भविष्य में उत्तर प्रदेश और पिछले दिनों हुए विदेशी विनिवेश और उसकी वजह से होने वाले विकास कार्य, उद्योगों में हुए विनिवेश के बहुआयामी परिणाम होते हैं जिनमें मुख्य है रोजगार में वृद्धि, साथ ही उन्होंने ने बल पूर्वक भी कहा की विदेशी विनिवेश का एक बड़ा हिस्सा गौतम बुद्ध नगर में ही होने जा रहे हैं, इत्यादि।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में, उन्होंने उत्तर प्रदेश में हो रहे विदेशी निवेश एवं विभिन्न विकास कार्यों के प्रदर्शन किया। उनके भाषण में डेस्टिनेशन उत्तर प्रदेश के लाभकारी होने की बात थी, और उन्होंने उत्तर प्रदेश में हो रहे विदेशी निवेश के प्रभाव को भी हाल ही में हो रहे विकास कार्यों पर बताया।इसके अलावा, डॉ इंदु उप्रेती ने विश्वविद्यालय की कौशल विकास के क्षेत्र में कुछ विशेष उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वविद्यालय की वैश्विक पहचान, इनोवेटिव प्रैक्टिस, ड्रोन तकनीकी, और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में काम किया जा रहा है।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो निरंजन प्रकाश मलकानिया ने की, और कार्यक्रम का संचालन डॉ शक्ति शाही ने किया। कार्यक्रम में प्रो संजय शर्मा, प्रो बंदना पांडेय, डॉ विवेक मिश्रा, डॉ मनमोहन सिंह, डॉ सुभोजीत बनर्जी, डॉ दिनेश शर्मा, डॉ ओमवीर सिंह, डॉ विनय लिटोरिया, डॉ ममता शर्मा, डॉ सतीश मित्तल, डॉ भास्वती, डॉ अंसारी, डॉ विक्रांत नैन, डॉ नागेंद्र सिंह, डॉ प्रदीप तोमर, डॉ विमलेश रॉय, इत्यादि उपस्थित थे।

विशेषज्ञ लेक्चर: "पावर मार्केट्स और बिजली टैरिफ्स" पर ई. संकेत श्रीवास्तव का विमोचन

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा: इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने एक विशेषज्ञ लेक्चर का आयोजन किया है, जिसमें "पावर मार्केट्स और बिजली टैरिफ्स" पर ज्ञानवर्धन के लिए इंजीनियर संकेत श्रीवास्तव, नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड के हेड (पावर पर्चेस) को आमंत्रित किया गया है। इस उत्कृष्ट लेक्चर में, श्रीवास्तव ने पावर मार्केट्स और बिजली टैरिफ्स के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया कि बिजली उत्पादन, वितरण, और मार्केटिंग में तेजी कैसे प्राप्त की जा सकती है और इससे बिजली टैरिफ्स पर कैसा प्रभाव पड़ता है।इस उत्कृष्ट लेक्चर ने छात्रों को व्यापक ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें बिजली क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकासों के साथ अवगत कराया। इस आयोजन ने छात्रों को एक बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण संदेश भी दिया। इस लेक्चर के दौरान, स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग कॉलेज कh डीन डॉ. कीर्ति पाल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के हेड डॉ. एम.ए. अंसारी, डॉ. ओमवीर सिंह और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के सभी शिक्षकों और छात्रों ने भी अपनी उपस्थिति दी। यह विशेषज्ञ लेक्चर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. ओमवीर सिंह और छात्र मयंक पँवार द्वारा आयोजित किया गया है। इस तरह के विशेषज्ञ लेक्चरो से छात्रों को अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने का सुनहरा अवसर मिलता है और इससे उनकी ज्ञान और करियर में वृद्धि होती है।

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में ऑटिज्म के बच्चों के लिए सुपर स्पेशलिटी सेंटर का उद्घाटन

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गौतमबुद्धनगर।, बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर गौतम बुद्ध विश्विद्यालय, ग्रेटर नोएडा के मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग के नवीन भवन एवं सुपर स्पेशियलिटी सेंटर फॉर ऑटिज्म रिसर्च एंड ट्रेनिंग का लोकार्पण माननीय कुलपति प्रोफेसर रविन्द्र कुमार सिन्हा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात फीता काट कर, सरस्वती वंदना एवं सरस्वती पूजन से हुई। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ विशवास त्रिपाठी, अधिष्ठाता शैक्षणिक, प्रोफेसर एन पी मलकानिया, मानविकी एवं समाज विज्ञान की अधिष्ठाता प्रोफेसर बंदना पांडेय, निदेशक कार्य विभाग डॉक्टर विवेक मिश्र एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर आनंद प्रताप सिंह के द्वारा आरंभ किया गया। सरस्वती पूजन कार्यक्रम के दौरान अधिष्ठाता एवं कुलसचिव महोदय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग विश्वविधालय एवं सामुदायिक स्तर पर अपना विशेष पहचान बनाए हुए हैं एवं विश्वविधालय की उन्नति में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। डॉ आनंद प्रताप सिंह ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी सेंटर फॉर ऑटिज्म रिसर्च एंड ट्रेनिंग, ऑटिज्म के बच्चों के मूल्यांकन एवं प्रशिक्षण के लिए एक उत्कृष्ट सेंटर की तरह काम करेगा जिसके माध्यम से गौतम बुद्ध नगर एवं आसपास के क्षेत्रों से ऑटिज्म के बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहायता एवं उपचार पहुंचाने में मदद मिलेगी। गौतम बुद्ध नगर जिले के सरकारी संस्थान में यह अपने आप में एक विशेस तरह का केंद्र स्थापित किया गया है जो की बहुत ही कम दरों पर आम लोगों को उचित सेवाएं उपलब्ध कराएगा । कार्यक्रम का समापन हवन एवं मां सरस्वती की आरती के साथ किया गया। इस अवसर पर विश्वविधालय के विभन्न विभागो के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष डॉक्टर आनंद प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं का आभार प्रकट किया । कार्यक्रम में विभाग के संकाय सदस्य डॉक्टर पूजा कुमारी, डॉक्टर नेहा शर्मा, डॉ अशफिया निशात, डाक्टर सुजाता सुखाला, डॉक्टर श्रद्धेश तिवारी, डॉक्टर अखिलेश सिंह, डॉक्टर शिवेंद्र विक्रम सिंह, मिस शिप्रा शर्मा, मिस श्रेया, मिस परिधि वत्स, मिस रोशनी सिंह एवं सभी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

गौतम बुद्ध विश्वविद्याल में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय रेडियो दिवस

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ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्याल के जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग ने 13 फ़रवरी को स्कूल ऑफ़ ह्युमानिटीज़ एंड सोशल साइंसेज़ में अंतर्राष्ट्रीय रेडियो दिवस मनाया गया। विभाग की विभागाध्यक्ष और संकाय की अधिष्ठाता प्रोफेसर बंदना पांडेय ने बच्चों को संबोधित करते हुए रेडियो के इतिहास और इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि, किस तरह से रेडियो ने देश कोने – कोने तक लोगों से संपर्क बनाया और रेडियो का देश के विकास और आज़ादी में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला । इस कार्यक्रम में मुख्य अथिति रेडियो जॉकी अंशु प्रिय ने ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को रेडियो की कार्य प्रणाली से जुड़ी जानकारियाँ साझकी , और साथ ही विद्यार्थियों के जिज्ञासपूर्ण सवालों का जबाब भी दिया। उन्होंने यह भी कहा कि रेडियो में आर जे बनने कि लिये आपकी शब्दों पर पकड़ मज़बूत होनी चाहिए, आपके पास स्थानीय भाषा की समझ होनी चाहिए, बढ़िया कम्युनिकेशन स्किल होनी चाहिए, और हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए, असफलता को रुकावट नहीं समझना चाहिए। इस कार्यक्रम में विभाग के सभी शिक्षक और बच्चे उपस्थित थे। अंत में असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत कुमार ने सभी को धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

जीबीयू के डॉक्टर आनन्द प्रताप सिंह को मिला साइको ओरेशन अवॉर्ड-2024।

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गौतमबुद्धनगर।इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल साइकोलाॅजिस्ट के राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन का स्वर्ण जयन्ती समारोह का आयोजन 9 से 11 फरवरी 2024 तक श्री अरविंदो विष्वविद्यालय, इंदौर में आयोजित किया गया।इसका उद्घाटन केरल के माननीय राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत के द्वारा किया गया। सम्मेलन में देश-विदेश से लगभग 700 लोगों ने भाग लिया और अपने शोधकार्यों को प्रस्तुत किया। सम्मेलन में विभिन्न वैज्ञानिकों, शिक्षाविद्ओं, मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों, डाॅक्टरों एवं शोधार्थी छात्रों ने भाग लिया।उक्त सम्मेलन में गौतम बुद्ध विष्वविद्यालय के मनोविज्ञान एवं मानसिक स्वास्थ्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅक्टर आनंद प्रताप सिंह को वर्ष 2024 के लिये इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल साइकोलाॅजिस्ट के द्वारा साइको ऑरेशन अवार्ड~ 2024 से सम्मानित किया गया। डाॅक्टर सिंह को पिछले वर्ष दिल्ली में संपन्न हुये चिकत्सा मनोविज्ञान के वार्षिक सम्मेलन में अवॉर्ड कमेटी के सदस्यों के द्वारा इस अवॉर्ड के लिए चुना गया था। डाॅक्टर सिंह को ये अवार्ड चिकित्सा मनोवैज्ञान के क्षेत्र में किये गये अभूतपूर्व योगदान के लिये दिया गया है।ज्ञात हो कि डाॅक्टर सिंह चिकित्सा मनोवैज्ञान के क्षेत्र में विगत 20 वर्षों से अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2011 में गौतम बुद्ध विष्वविद्यालय में मनोवैज्ञानिक चिकित्सा विभाग की शुरूआत की और तबसे मनोवैज्ञानिक चिकित्सा क्षेत्र में निरन्तर शिक्षण एवं प्रशिक्षण को प्रोत्साहित कर रहे हैं। डाॅक्टर सिंह मनोवैज्ञानिक चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देते हुये न्यूरोफीडबैक, न्यूरोकाॅग्नीशन, ब्रेन फिंगरप्रिंटिंग एवं एन०सी०पी०टी० जैसी चिकित्सा विधियों पर शोध कर चुके हैं और इस क्षेत्र में विशेष पहचान रखते हैं।पूर्व में डाॅक्टर सिंह को मनोवैज्ञानिक चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुये इनोवेटिव सांइटिस्ट अवार्ड, पाॅजिटिविटी अवार्ड, आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन इन फील्ड ऑफ क्लीनिकल साइकोलाॅजी अवार्ड, आउटस्टैंडिंग कंट्रीब्यूशन इन फील्ड ऑफ हेल्थ साइकोलाॅजी अवार्ड, यंग सांइटिस्ट अवार्ड एवं तारा नायडू अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।इंडियन एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल साइकोलाॅजिस्ट के द्वारा प्रदत्त साइको ऑरेशन अवार्ड के लिये डाॅक्टर सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन, अपने सहयोगी शिक्षकों, सभी छात्र छात्राओं, परिवार एवं मित्रों का आभार प्रकट किया।

भारतीय गुणता परिषद के यूथ फॉर क्वालिटी भारत महोत्सव में जीबीयू के छात्र शामिल

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ग्रेटर नोएडा, 10 फरवरी (देशबन्धु) । भारत के युवाओं के बीच गुणवत्ता चेतना और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयास में, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने गौतम बुद्ध विवि के यूपी द्वारा नई दिल्ली के मंडपम प्रगति मैदान में यूथ फॉर क्वालिटी भारत महोत्सव में गर्व से भाग लिया । कार्यक्रम में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट और इतिहास विभाग के एमबीए छात्रों ने संकायाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव के साथ भाग लिया। पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण प्रथाओं को बढ़ावा देने और राष्ट्र-निर्माण के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के उद्देश्य से आकर्षक और शैक्षिक गतिविधियों की एक श्रृंखला में भाग लेने के लिए देश भर के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण प्रथाओं को बढ़ावा देने और राष्ट्र-निर्माण के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के उद्देश्य से आकर्षक और शैक्षिक गतिविधियों की एक श्रृंखला में भाग लेने के लिए एक साथ लाया गया। ‘गुणवत्तापूर्ण भारत के लिए युवाओं को सशक्त बनाना' की थीम के साथ, उत्सव ने छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने, विचारों का आदान-प्रदान करने और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने वाली पहलों पर सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान किया। विभिन्न कार्यशालाओं, सेमिनारों, प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से, प्रतिभागियों को गुणवत्ता मानकों, स्थिरता, नवाचार और उद्यमशीलता के बारे में जानने का अवसर मिला। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के सीईओ ने इस आयोजन के प्रति अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि युवा हमारे देश के भविष्य के नेता और परिवर्तन-निर्माता हैं। यूथ फॉर क्वालिटी भारत महोत्सव जैसी पहल में उन्हें शामिल करके, हमारा लक्ष्य उन्हें सशक्त बनाना है । सकारात्मक परिवर्तन लाने और बेहतर भारत बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और मानसिकता के साथ। एसओएम, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एमबीए छात्रों के विकास के लिए इस तरह के आयोजन में भाग लेने के लिए प्रोफेसर आर के सिन्हा ( कुलपति) को उनके समर्थन, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद देता है।

बुद्ध धम्म को विकसित और प्रोत्साहित करने के लिए आईबीसी के साथ समझौता किया

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जीबीयू ने शैक्षिक गतिविधियों और विपश्याना अभ्यास के माध्यम से बुद्ध धम्म को विकसित और प्रोत्साहित करने के लिए आईबीसी के साथ समझौता किया। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) नोएडा, उत्तर प्रदेश, में स्थित एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है, जो बौद्ध धर्म, संस्कृति, और शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षा, और विकास को प्रोत्साहित करता है। यहाँ अनेक गतिविधियों, सेमिनारों, और कार्यक्रमों का आयोजन होता है जो बौद्ध धर्म और संस्कृति को प्रमोट करते हैं। आंतरराष्ट्रीय बौद्ध संघ (आईबीसी) एक विश्व स्तरीय संगठन है जो बौद्ध समुदाय की संरक्षा, प्रोत्साहन, और उसके सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध शैक्षिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को समर्थित करता है और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों और मूल्यों का प्रसार करता है। अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संघ के महानिदेशक श्री अभिजीत हालदर ने कहा कि यह एमओयू शैक्षिक आदान-प्रदान, अनुसंधान, कार्यशालाएं, सम्मेलन और धम्म संबंधित गतिविधियों के लिए हस्ताक्षर किया गया है ताकि संस्थानिक सहयोग को प्रोत्साहित किया जा सके और भारत में ही नहीं, बौद्ध देशों के बाहर भी बुद्ध धम्म को बढ़ावा दिया जा सके। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष, प्रोफेसर रवींद्र कुमार सिन्हा ने कहा है कि यह एमओयू हमें अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करने जा रहा है ताकि हम साथ में काम कर सकें, उनकी संगठन की ज़रूरतों को पूरा कर सकें, और आईबीसी द्वारा प्रबंधित एक या एक से अधिक कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों की क्षमता को बढ़ाने पर संयुक्त रूप से काम करें।

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जीबीयू के 160 पाठ्यक्रम पर प्रवेश शुरू, 10 नए पाठ्यक्रम जोड़े
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, 10 नए पाठ्यक्रम किये शामिल
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ ।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कुल 4,360 सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू
जीबीयू के नए कुलपति प्रो. राणा प्रताप के पास है 31 वर्षों के शोध का अनुभव