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INDIA'S BEST 10 ARTIFICIAL INSTITUTE 2024

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भारतीय शिक्षा प्रणाली डिग्री व्यवसाय के बजाय व्यक्ति के समूल विकास पर केंद्रित : शुक्ला

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विश्वविद्यालय बौद्धधर्म-दर्शन एवं मूल्यपरक शिक्षा पर केंद्रित कार्यशाला के समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली डिग्री व्यवसाय के बजाय व्यक्ति के समूल विकास पर केंद्रित है। हमारे यहाँ ज्ञान और शिक्षा अलग हैं, जबकि पश्चिम मूल तत्व से दूर भोगवाद पर केन्द्रित है। श्री शुक्ला ने उधार की संस्कृति को छोड़ मूल पर जाने और सनातन परम्परा में बौद्ध धर्म के योगदान पर व्यापक काम करने का आव्हान किया। भारतीय ज्ञान प्रणाली के परिप्रेक्ष्य और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के संदर्भ में साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन द्वारा आयोजित कार्यशाला में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलगुरु प्रो वैद्यनाथ लाभ ने कहा कि 12-13वी शताब्दी के विमानन शास्त्र जैसी धरोहर को मैकाले प्रणाली ने हटा दिया। उन्होंने कहा कि बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के बाद समाज में लौटे और अपने शिष्यों को बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय का उपदेश देने भेजा। प्रो लाभ ने कहा कि बौद्ध धर्म विदेश में गया तो सनातन के चिन्ह भी साथ ले गया। जैसे श्रीलंका के मठों में गणेश की मूर्ति मिलती है जबकि थाइलैंड में सभी घरों में ब्रह्मा की मूर्ति होती है। उन्होंने आव्हान किया कि बौद्ध धर्म के उदारवादी विचार को दुनिया ने समझा और हमें भी इस दिशा में काम करने की जरुरत है।

जीबीयू में एससी श्रेणी के विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा पाने का अवसर

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया तेजी से चल रही है, सीयूईटी यूजी का प्रवेश परिणाम जल्द निकल जाता है तो विवि में 1 अगस्त से कक्षाएं शुरू कर दी जाएगी। विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र समय से कक्षाएं शुरू करने के लिए जेई मेन्स व एनटीए का परिणाम भी समय से निकलना जरुरी है, ताकि प्रवेश प्रक्रिया समय से पूरा हो सके। सीयूईटी का परीक्षा परिणाम देरी से निकलने से अन्य विश्व विद्यालयों पर असर पड़ रहा है। गौतम बुद्ध विवि के कुलपति रविन्द्र कुमार सिन्हा ने बताया कि विवि में इलेक्ट्रिकल, मकैनिकल और सिविल ब्रांच के लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है। इस ब्रांच के लिए विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई है। यह स्कॉलरशिप बारहवीं के अंक के आधार पर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गौतम बुद्ध विवि एससी श्रेणी के विद्यार्थियों से विश्वविद्यालय पहले से आधी फीस लेता है। समाज कल्याण । | इलेक्ट्रिकल, मकैनिकल और सिविल ब्रांच के विद्यार्थियों को मिलेगा स्कॉलरशिप उत्तर प्रदेश सरकार जीबीयू में स्थापित कर रहा है इंटेलिजेन्स केन्द्र एकेडमिक व उद्योग के बीच की दूरी समाप्त करने के लिए कई बड़े संस्थानों के साथ समझौता | माइक्रोसॉफ्ट व एचसीएल (एआई) प्रयोगशाला बनाने के लिए स्थान किया चिन्हित विभाग में आवेदन करने पर एससी के विद्यार्थियों को बाकी फीस छात्रवृत्ति के रुप में मिल जाता है, ऐसे में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निःशुल्क पढ़ने का अवसर मिल जाता है। आर्थिक रुप से कमजोर विद्यार्थियों को भी समाज कल्याण विभाग मदद करता है। जीबीयू में आर्टिफिसियल इंटलिजेन्स केन्द्र उत्तर प्रदेश सरकार बना रहा है, उसको देखते हुए प्रवेश के लिए विद्यार्थियों ने रुचि दिखायी है। जीबीयू में माइक्रोसाफ्ट व एचसीएल (एआई) प्रयोगशाला बनाने के लिए स्थान चिन्हित कर लिया है। रोबोटिक में एडवर्ड के साथ जीबीयू ने समझौता किया है, जिसमें विद्यार्थी रुचि दिखा रहे हैं। इस ट्रेनिंग के दौरान विद्यार्थियों को पच्चीस हजार रुपए प्रतिमाह मिलता है। इस ब्रांच में जो प्रवेश ले रहे हैं उन्हें उद्योग का ज्ञान शिक्षा के साथ मिल रहा है। इस तरह के कोर्स से विद्यार्थियों में उद्योग और एकेडमिक की दूरी समाप्त हो रही है। जीबीयू में शिक्षकों के नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है, जिसमें स्थायी व अस्थायी शिक्षक शामिल हैं। जीबीयू में डायरेक्ट मोड में प्रवेश वाले कोर्स के लिए बच्चों का प्रवेश जारी है।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में आगामी वर्ष में हुआ शत प्रतिशत प्लेसमेंट

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क के सभी छात्र छात्राओं को आगामी वर्ष में कैंपस प्लेसमेंट प्राप्त हुआ है । छात्रों को नौकरी देने में कई नामचीन एन जी ओ और कारपोरेट आर्गेनाईजेशन शामिल हैं जैसे की स्माइल फाउंसशन, एम ए क्यू सॉफ्टवेयर, त्रिगुना एवं अन्य आर्गेनाईजेशनस । समाज कार्य विभाग छात्रों के लिए मास्टर ऑफ़ सोशल वर्क और बैचेलर ऑफ़ सोशल वर्क के कोर्स चलाता है और फील्ड वर्क के ज़रिये उन्हें कोर्स के बाद नौकरी करने के लिए सक्षम बनाता है । इसी के साथ गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में भी छात्रों को प्लेसमेंट मिले हैं । कई नामचीन कारपोरेटे आर्गेनाइजेशन आगामी वर्ष में छात्र छात्राओं को नौकरी देने कैंपस में आये हैं। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में इस बार उच्चतम सैलरी पैकेज 51 लाख का माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में बीटेक के छात्र ओम शर्मा ने प्राप्त किया तथा 8 छात्रों का कूपरहीट, सऊदी अरब में इंटरनेशनल प्लेसमेंट हुआ , ये 8 छात्र एम एस सी फिजिक्स, केमिस्ट्री और बीटेक इलेक्टिकल और मैकेनिकल ब्रांच से है। कूपरहीट सऊदी अरब की एक बड़ी कंपनी है गौतम बुद्धा विश्वविद्यालय के कुलपती महोदय प्रो रविंद्र कुमार सिन्हा ने सभी छात्र छात्राओं की सराहना की जिन्हे कैंपस प्लेसमेंट प्राप्त हुआ है और उन्हें अपनी शुभकामनायें दी । प्रोरविंद्र कुमार सिन्हा का कहना है की, ‘जी बी यू में हम विशेष प्रकार से ध्यान रखते हैं की हमारे छात्र छात्राओं को अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद नौकरी मिल सके जिससे की वह देश के अच्छे नागरिक बन पाए और देश और समाज कल्याण में अपना योग दान दे पाएं’ । विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने भी सभी छात्रों को शुभकामनायें दीं और उनके उज्जवल भविष्य के लिए छात्र छात्रों को प्रोत्साहन प्रदान किया । डॉक्टर त्रिपाठी ने बताया की, ‘जी बी यू अपने एल्युमनी से भी हमेशा जुड़ाव बनाये रखता है और उनके ज़रिये भी कई आगामी छात्रों का प्लेसमेंट होता है जिससे यूनिवर्सिटी का नाम रोशन होता है ।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय मिशन फॉर मेंटरिंग (NMM) और राष्ट्रीय पेशेवर मानक शिक्षकों के लिए कार्यशाला का आयोजन

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीय मिशन फॉर मेंटरिंग (NMM) और राष्ट्रीय पेशेवर मानक शिक्षकों (NPST) के बारे में एक दिवसीय राष्ट्रीय संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित थे गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा, शिक्षा संस्थान के वाइस चांसलर प्रो. शाशिकला वंजारी, एनसीटीई की अध्यक्ष डॉ. मीना राजीव चंदावरकर, एनसीटीई के प्रमुख डॉ. दिवयज्योति महंता, एनसीटीई की सदस्य सचिव श्रीमती केसांग वाई शेर्पा। कार्यक्रम ने सरस्वती वंदना और प्रकाश प्रज्ज्वलन से शुरू हुआ, जिसमें उपस्थित विशिष्ट महानुभावों ने दीप प्रज्ज्वलित किए। प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में शिक्षा प्रणाली में NMM और NPST के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने शिक्षा और प्रशासन में अपने जीवन अनुभवों के आधार पर इसके महत्व को बताया और NEP 2020 के उद्देश्यों के साथ इसे जोड़ा। उन्होंने यह भी उजागर किया कि करियर में आगे बढ़ने के लिए केवल समय नहीं, बल्कि कौशल और ज्ञान का विकास भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उपस्थित अभियानर्थियों को इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान का अभ्यास करने की प्रेरणा दी। गर्वित मुख्य अतिथि ने NPST के मुख्य उद्देश्य को समझाया और शिक्षकों के लिए उन्नति और प्रेरणा के महत्व को उजागर किया। उन्होंने शिक्षकों के प्रयासों को मापने के लिए मानकों की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ मापा नहीं जा सकता, वह नहीं प्रबंधित किया जा सकता। उन्होंने शिक्षा के विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया। कार्यक्रम के समापन में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने एनसीटीई के सदस्य सचिव श्रीमती केसांग वाई शेर्पा, शिक्षा संस्थान के वाइस चांसलर प्रो. शाशिकला वंजारी, एनसीटीई की अध्यक्ष डॉ. मीना राजीव चंदावरकर, एवं एनसीटीई के प्रमुख डॉ. दिवयज्योति महंता को सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. विनोद शंवल और डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की उपाधिकारिता श्रीमती केसांग वाई शेर्पा द्वारा सभी महानुभावों, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के सदस्यों और प्रतिभागियों को धन्यवाद देकर समाप्त हुई।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेटों द्वारा वार्षिक शिविर में किया गया प्रतिभाग

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एनसीसी कैडेटों ने संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर (सीएटीसी-128) में प्रतिभाग किया। कैंप 18 जून 2024 से 27 जून 2024 तक ग्रेटर नोएडा (पश्चिम) के गौर इंटरनेशनल स्कूल में 31 यूपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी द्वारा आयोजित किया गया था। शिविर के पहले दिन, कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संजय सूद ने अपने प्रेरक शब्दों से कैडेटों को संबोधित किया। शिविर में स्कूल-कॉलेजों के 625 कैडेट्स शामिल हुए। शिविर के दौरान जीबीयू के कैडेटों का नेतृत्व सार्जेंट सुहानी और कॉरपोरल सुरुचि बालियान द्वारा किया गया । ग्रुप कमांडर, गाजियाबाद के स्वागत समारोह के दौरान कॉरपोरल कुहेली सरेन गार्ड ऑफ ऑनर और कैडेट विधि नागर पायलेटिंग टीम का हिस्सा रहीं । गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कैडेटों ने हथियार प्रशिक्षण, पेंटिंग, समूह नृत्य, समूह गीत, एकल गायन आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और साथ ही सीएटीसी शिविर के दौरान आयोजित विभिन्न थल सैनिक शिविर चयन गतिविधियों में भी भाग लिया । विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेटों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि आगे के थल सैनिक कैंप के लिए चयन होना रही। सार्जेंट आरुषि शर्मा और लांस कॉर्पोरल स्वाति तंवर का जजिंग डिस्टेंस श्रेणी में इंटर बटालियन टीएससी कैंप के लिए चयन हुआ । कैडेट विधि नागर का बाधा प्रशिक्षण श्रेणी में इंटर बटालियन टीएससी कैंप के लिए चयन हुआ। कर्नल संजय सूद और सूबेदार मेजर महावीर सिंह ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय की सीटीओ डॉ.भावना जोशी की उपस्थिति में सार्जेंट आरुषि शर्मा, लांस कॉर्पोरल स्वाति तंवर और कैडेट विधि नागर को प्रशंसा के प्रतीक के रूप में पदक देकर सम्मानित किया। जीबीयू के कैडेटों को ड्रिल प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर ट्रॉफी मिली। इस वार्षिक शिविर में सीटीओ डॉ भावना जोशी ने दस दिन साथ रह कर सभी एनसीसी कैडेटों का उत्साहवर्धन किया और कैडेटों ने भी एनसीसी के प्रति अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण को साबित किया। कैडेटों को प्रभारी छात्र कल्याण, डॉ मनमोहन सिंह शिशोदिया ने उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी ।

राष्ट्रीय मिशन फॉर मेंटरिंग (NMM) और राष्ट्रीय पेशेवर मानक शिक्षकों के लिए कार्यशाला

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय कैंपस, ग्रेटर नोएडा - गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीय मिशन फॉर मेंटरिंग (NMM) और राष्ट्रीय पेशेवर मानक शिक्षकों (NPST) के बारे में एक दिवसीय राष्ट्रीय संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित थे गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा, शिक्षा संस्थान के वाइस चांसलर प्रो. शाशिकला वंजारी, एनसीटीई की अध्यक्ष डॉ. मीना राजीव चंदावरकर, एनसीटीई के प्रमुख डॉ. दिवयज्योति महंता, एनसीटीई की सदस्य सचिव श्रीमती केसांग वाई शेर्पा। कार्यक्रम ने सरस्वती वंदना और प्रकाश प्रज्ज्वलन से शुरू हुआ, जिसमें उपस्थित विशिष्ट महानुभावों ने दीप प्रज्ज्वलित किए। प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में शिक्षा प्रणाली में NMM और NPST के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने शिक्षा और प्रशासन में अपने जीवन अनुभवों के आधार पर इसके महत्व को बताया और NEP 2020 के उद्देश्यों के साथ इसे जोड़ा। उन्होंने यह भी उजागर किया कि करियर में आगे बढ़ने के लिए केवल समय नहीं, बल्कि कौशल और ज्ञान का विकास भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उपस्थित अभियानर्थियों को इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान का अभ्यास करने की प्रेरणा दी।र्वित मुख्य अतिथि ने NPST के मुख्य उद्देश्य को समझाया और शिक्षकों के लिए उन्नति और प्रेरणा के महत्व को उजागर किया। उन्होंने शिक्षकों के प्रयासों को मापने के लिए मानकों की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने यह भी कहा कि जो कुछ मापा नहीं जा सकता, वह नहीं प्रबंधित किया जा सकता। उन्होंने शिक्षा के विकास में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर किया। कार्यक्रम के समापन में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने एनसीटीई के सदस्य सचिव श्रीमती केसांग वाई शेर्पा, शिक्षा संस्थान के वाइस चांसलर प्रो. शाशिकला वंजारी, एनसीटीई की अध्यक्ष डॉ. मीना राजीव चंदावरकर, एवं एनसीटीई के प्रमुख डॉ. दिवयज्योति महंता को सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. विनोद शंवल और डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की उपाधिकारिता श्रीमती केसांग वाई शेर्पा द्वारा सभी महानुभावों, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के सदस्यों और प्रतिभागियों को धन्यवाद देकर समाप्त हुई।

आईटेप पर राष्ट्रीय संवेदनीकरण कार्यशाला शिक्षकों की शिक्षा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा

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जीबीयु, ग्रेटर नोएडा, 28 जून 2024 — आज, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय संवेदनशीलता केंद्र ने एक महत्वपूर्ण आयोजन किया: आईटेप (एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम) पर राष्ट्रीय संवेदनीकरण कार्यशाला। राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद (एनसीटीई) द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य शैक्षिक संस्थानों में आईटेप के गहरे बोध और कार्यान्वयन को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और प्रतिष्ठित महानुभावों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जैसे कि श्री शंजय कुमार, सचिव, शिक्षा और साक्षरता विभाग, भारत सरकार; प्रोफेसर रवींद्र कुमार सिन्हा, कुलपति, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय; प्रोफेसर पंकज अरोड़ा, एनसीटीई के अध्यक्ष; प्रोफेसर शशिकला वंजारी, कुलपति, नाईपा; और श्रीमती केसांग वांजरी, एनसीटीई की सदस्य सचिव। समारोहीय वातावरण में सभी महानुभावों का स्वागत किया गया। अपने स्वागत भाषण में, प्रोफेसर पंकज अरोड़ा ने आईटेप की परिवर्तनात्मक दृष्टि को जोर दिया, इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ संरेखित करते हुए कहा कि 2020 से आईटेप को 42 संस्थानों ने 4 वर्षीय एकीकृत बीएड कार्यक्रम के रूप में अपनाया है, जबकि 2024 में इसे और 22 संस्थानों में शुरू करने की योजना है। इस कार्यक्रम का मुख्य ध्यान समावेशी शिक्षा, भारतीय ज्ञान प्रणालियों और आधुनिक शिक्षण-शिक्षा विधियों पर है, जो शिक्षा के विकस्त दृष्टिकोण के लिए महत्वपूर्ण हैं। मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार ने एक विचार-जनक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को आधुनिक परिवर्तनों के साथ अनुकूलित करने और अनुभवात्मक शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने भारत के युवा जनसांख्यिकी विशेषाधिकार की प्रशंसा की और एनईपी 2020 में पूर्णता शिक्षा और अन्तर्विष्ठि पहलुओं पर जोर दिया। एनसीटीई की सदस्य सचिव श्रीमती केसांग वाय. शेरपा ने आईटेप में बहु-विषयक शिक्षा के महत्व को उजागर किया, इसे अपने सहयोग से रीहेविलिटेसन काउंसिल ऑफ इंडिया (आरसीआई) के साथ और शिक्षा का व्यापारिकरण नहीं होने देने के लिए जोर दिया। मान्य अतिथि प्रोफेसर रवींद्र कुमार सिन्हा, कुलपति, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में आईटेप का प्रस्तावित उपयोग की सराहना की और शिक्षा पेशेवरी को आकर्षक और विश्वसनीय बनाने के लिए विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति और बेहतर प्रोत्साहन प्रदान करने की सलाह दी। प्रो शशिकला वंजारी, नाईपा के उपाध्यक्ष, ने एनईपी 2020 के सिद्धांतों का पालन करते हुए अन्यता-सम्मिलित शिक्षा का महत्व और नीति के उद्देश्यों के साथ समर्थन दिया।उद्घाटन सत्र को एनसीटीई के शिक्षाविद सलाहकार श्री डीके चतुर्वेदी ने धन्यवाद दिया, सभी भागीदारों और सहयोगियों के योगदान के लिए। आईटेप पर राष्ट्रीय संवेदनीकरण कार्यशाला ने भारत में शिक्षक शिक्षा को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम मार्क किया, जो शिक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए समर्थन और सहयोग को बढ़ावा देता है।

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