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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय: पाली और बौद्ध अध्ययन को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान

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आरंभ 2024: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में टेक्नोलॉजी पर केंद्रित कार्यशाला में छात्रों ने दिखाया उत्साह

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में मीडिया के विद्यार्थियों के लिए प्लेसमेंट प्रक्रिया प्रारंभ 

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग में शुक्रवार को "प्लेसमेंट प्रक्रिया" का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इसके तहत जनसंचार विभाग के छात्र-छात्राओं के लिए प्रतिष्ठित समाचार पत्र "अमर उजाला" की ओर से लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया। इस परीक्षा में जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग के बीए एवं एमए जे.एम.सी. के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता और जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बंदना पांडेय ने प्लेसमेंट प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि हमारा विभाग समय-समय पर अपने विद्यार्थियों के लिए प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर उपलब्ध कराता रहता हैं। विभाग के सभी विद्यार्थियों के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम में मीडिया के सैद्धांतिक अध्ययन के साथ-साथ व्यवहारिक कुशलता को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यही कारण है कि हमारे जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग के विद्यार्थी आज प्रतिष्ठित समाचार चैनलों और मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनीत कुमार और अमर उजाला के संपादकीय एवं एचआर विभाग से आए लोगों ने इस प्रक्रिया के संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर इसे सफल बनाया ।

यशोधरा शिक्षा सेवा (YSS) द्वारा “आगाज़” कार्यक्रम का सफल आयोजन

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यशोधरा शिक्षा सेवा (YSS), जो की विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा संचालित होता है, ने हाल ही में “आगाज़” नामक एक कार्यक्रम का विश्वविद्यालय परिसर में महामाया सरोवर के निकट आयोजन किया, जो पूरी तरह से YSS की टीम के तहत श्री पंकज शर्मा के मार्गदर्शन में संचालित हुआ। इस कार्यक्रम का समन्वयन आयुष कुमार ने किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य YSS के बारे में जानकारी साझा करना, हमारे दृष्टिकोण और मिशन को उजागर करना था। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के कुछ शिक्षक भी शामिल हुए, जिनमें डॉ. अमित कुमार अवस्थी (सहायक प्रोफेसर, विश्वविद्यालय विद्यालय व्यावसायिक अध्ययन और अनुप्रयुक्त विज्ञान) और डॉ. विभावरी (सहायक प्रोफेसर, विश्वविद्यालय विद्यालय मानविकी और सामाजिक विज्ञान) शामिल हैं। कार्यक्रम में कई गतिविधियों का आयोजन किया गया, जैसे भाषण, नृत्य, TRX डांस क्रू द्वारा समूह नृत्य, जामिंग सत्र और YSS छात्रों द्वारा नृत्य प्रदर्शन। विभिन्न विभागों के छात्रों ने भी आगे बढ़कर “आगाज़” में भाग लिया और इसे एक विशाल सफलता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। YSS का यह कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों के लिए एक यादगार अनुभव रहा और यह हमारी संस्था के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

महात्मा गांधी का जीवन साहस और सत्य का जीवंत प्रतीक – प्रो. संजीव कुमार शर्मा  

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर 'गांधी दर्शन की प्रासंगिकता' विषय पर एक विद्वत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और राजनीति विज्ञान के प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि आज भी महात्मा गांधी का जीवन, साहस और सत्य का जीवंत प्रतीक है। प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने अपने व्याख्यान में कहा कि महात्मा गांधी साहस पूर्वक अपनी क्षमताओं और अक्षमताओं को स्वीकार करते थे और अपने सार्वजनिक जीवन में निरंतर स्वयं में परिष्कार करते रहते थे। उन्होंने महात्मा गांधी को आधुनिक भारत में भारतीय परंपरा, साहित्य, संस्कृति और वैचारिक अनुष्ठान का सबसे सशक्त संवाहक बताया। प्रो. शर्मा ने कहा कि यदि हम महात्मा गांधी के व्यक्तित्व के कुछ बिंदुओं को भी आत्मसात करें तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजली होगी। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि गांधी जी के द्वारा परस्पर अपने विरोधी विचारधाराओं को भी साथ लेकर चलने की क्षमता उन्हें और महान बनाती है। उनका यह विचार आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। प्रो. सिन्हा ने इस अवसर पर महात्मा गांधी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर फोटोग्राफी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार शैरिल, द्वितीय पुरस्कार सृष्टि ठाकुर एवं तृतीय पुरस्कार परिधि गुप्ता को दिया गया, ये तीन जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग की छात्राएं हैं। वहीं गांधी दर्शन की प्रासंगिकत विषय पर आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में पक्ष में राजनीति विज्ञान विभाग के उमेश शर्मा एवं विपक्ष में राजनीति विज्ञान विभाग की आरुषी शाक्य को प्रथम पुरस्कार दिया गया जबकि अंग्रेजी विभाग की अंशुनी प्रिया शर्मा और जनसंचार विभाग के हिमांशु को सांत्वन पुरस्कार प्रदान किया गया।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती का आयोजन

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती का समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस वर्ष देश अपने महान सपूतों गांधी जी की 155वीं एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की 120वीं जयंती मना रहा है। गांधी जयंती और लाल बहादुर शास्त्री जयंती का महत्व आज के संदर्भ में अत्यधिक प्रासंगिक है, जब शांति ईमानदारी और समर्पण के मूल्य अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। महात्मा गांधी, जो अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों के लिए जाने जाते हैं, नागरिक अधिकारों और सामाजिक न्याय के वैश्विक आंदोलनों को प्रेरित करते हैं। बढ़ती हिंसा और विभाजन के इस युग में, उनकी शिक्षाएँ संवाद और समझ की आवश्यकता को उजागर करती हैं, यह याद दिलाते हुए कि शांतिपूर्ण प्रतिरोध transformative परिवर्तन ला सकता है। इसी प्रकार, लाल बहादुर शास्त्री की सरलता, नेतृत्व और राष्ट्रीय प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता का महत्व आज भी कायम है। उनका प्रसिद्ध नारा "जय जवान, जय किसान" हमारे सैनिकों और किसानों के प्रति समर्थन के महत्व को उजागर करता है, जो आज के राष्ट्रीय सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के चर्चाओं में गूंजता है। जलवायु परिवर्तन के और आर्थिक विषमताओं जैसे चुनौतियों के बीच, शास्त्री का परिश्रम और आत्मनिर्भरता पर जोर हमें एकजुटता और सहनशीलता के लिए प्रेरित करता है। इन महापुरुषों की जयंती मनाना न केवल उनके योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि हमें उनके मूल्यों को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित करता है, ताकि हम एक अधिक न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण और मजबूत समाज का निर्माण कर सकें। उनके जीवन की विरासत हमें एक बेहतर भविष्य की दिशा में सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए चुनौती देती है, जिससे उनके जन्मदिन विचार और क्रिया के महत्वपूर्ण अवसर बन जाते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविन्द्र कुमार सिन्हा, अन्य अधिकारियों, शिक्षक सदस्यों और कर्मचारियों द्वारा महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करके की गई। स्वच्छता ही सेवा' विषय पर एक नाटक का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में 'स्वच्छता पखवाड़ा' अभियान के समापन के लिए किया गया। इस नाटक का उद्देश्य छात्रों और faculty के बीच स्वच्छता के महत्व को उजागर करना था। नाटक में विभिन्न पात्रों के माध्यम से स्वच्छता के लाभ, प्रदूषण की समस्या और हर किसी की जिम्मेदारी को दर्शाया गया । छात्रों ने अपने संवादों के जरिए यह संदेश दिया कि सफाई केवल सरकार या किसी संस्था का काम नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के अंत में, सभी प्रतिभागियों ने मिलकर परिसर को साफ-सुथरा रखने का संकल्प लिया। इस नाटक ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी ने मिलकर एक स्वच्छ और हरा-भरा विश्वविद्यालय बनाने का प्रण लिया। एनएसएस के सौजन्य से यह नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति निम्न छात्र एवं छात्राओं बी किया जिनके नाम हैं: सोलंकित, तृप्ति, शिखा, शशि शेखर, कमल, मितांशी, एवं अनन्या । इस अवसर पर कुलपति ने दोनों महान सपूतों के जीवन और विचारों पर प्रकाश डाला और उपस्थित शिक्षकों, छात्रों एवं कर्मचारियों को उनके अनुकरणीय जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की। उन्होंने कहा, "गांधी जी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत हमें आज भी प्रेरित करते हैं, जबकि शास्त्री जी का 'जय जवान, जय किसान' का नारा हमारे देश के विकास में महत्वपूर्ण है।" इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो सिन्हा के अलावा विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी एवं छात्र उपस्थित थे।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में स्वच्छता अभियान

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ग्रेटर नोएडा, गौतम बुद्ध नगर। निःशुल्क विधिक सहायता केंद्र, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के पैरा लीगल वॉलंटियर्स एवम् प्रो बोनो के छात्रों ने स्वच्छता पखवाड़ा 27 सितंबर से 02 के अंतर्गत विधि विभाग एवम् अन्य स्कूलों में स्वच्छता कार्यक्रम चलाया साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन एवम् विधि एवम् न्याय मंत्रालय के तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम के समन्वयक डा सन्तोष कुमार तिवारी रहे। कार्यक्रम में छात्रों में शिवांश, अंश, उत्कर्ष, आयुष, सुजाता, निष्ठा, मेधा, आस्था, पारीशा, पहल, आदि ने सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित किया।

प्रोफ़ेसर डॉ. रेनू को मिला अवॉर्ड

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एनबीटी न्यूज, ग्रेनो इंडिया हैबिटेट सेंटर में उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख संस्था इफको की तरफ से आयोजित श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको युवा साहित्य अवार्ड गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रफेसर डॉ. रेनू यादव को मिला। ये अवार्ड उनकी कहानी संग्रह 'काला सोना' के लिए प्रदान किया । इफको प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी के मार्गदर्शन में प्रोफेसर असग़र वजाहत, मानव संसाधन एवं विधि के निदेशक राकेश कपूर, संयुक्त प्रबंध निदेशक रेखा अवस्थी और वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी ने रेनू यादव को शॉल, एक प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और ढाई लाख रुपये का चेक प्रदान किया। डॉ. रेनू यादव भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

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