र्थशास्त्र, योजना और विकास विभाग, एसओएचएसएस ने इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय) के सभागार में 'तर्क संगत निर्णय की तकनीक' विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया। यह कार्यक्रम कुलपति आर के सिन्हा, डीन प्रोफेसर बंदना पांडे के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। एचओडी डॉ. ओमबीर सिंह, (अर्थशास्त्र, योजना और विकास विभाग), डॉ. सतीश मित्तल, डॉ. रूपाली श्रीवास्तव (कार्यक्रम समन्वयक), संकाय सदस्य डॉ. राहुल, डॉ. बबलू , अनमोल कुमार, सुश्री दिव्या तिवारी, श्री शुभम दुबे और 75 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया। विभाग ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. सुपर्ण कुमार शर्मा को आमंत्रित किया। डॉ. शर्मा का अर्थशास्त्र, योजना एवं विकास विभाग के एचओडी ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रो. शर्मा तर्क संगत निर्णय के प्रख्यात वक्ता हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र में उपभोक्ता एवं उत्पादन करता के तर्क संगत निर्णय के मान्यताओं पर जोर देते हुए छात्रों को विभिन्न परिस्थितियों में तर्क संगत निर्णय लेने की तकनीकों से अवगत करवाया। उन्होंने निर्णय लेते समय सुप्रसिद्ध विद्वान बोनो' द्वारा दिए गए ' छःसोच टोपियों' के महत्व पर प्रकाश डाला। हमारे कार्यों, निर्णयों की भूमिका से हमारे करियर और समग्र रूप से जीवन पर , जीवन भर प्रभाव पड़ता है, परंतु तर्क संगत निर्णय लेना आसान नहीं होता एवं एक अर्थव्यवस्था, संस्था, या व्यक्ति को इसमें विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। फिर भी इन परेशानियों को विभिन्न तकनीकों के माध्यम से कम किया जा सकता है। उन्होंने अपने विचारों से छात्रों और सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही प्रो. शर्मा ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
विशेषज्ञ अतिथि वक्ता को अर्थशास्त्र, योजना और विकास विभाग के एचओडी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया । यह कार्यक्रम डॉ. सिंह के छात्रों के प्रति दयालु और उत्साहवर्धक शब्दों के साथ शुरू हुआ, जिसमें कार्य जीवन में टीम वर्क, ईमानदारी और समर्पण की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। एचओडी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था और प्रत्येक नागरिक के लिए तर्क संगत निर्णय लेना अति आवश्यक है। .छात्रों को सभ्य नागरिकता पर गहरी अंतर्दृष्टि, अच्छा सीखने का अनुभव और नैतिक मूल्य प्राप्त हुए। कुल मिलाकर, कार्यक्रम सभी के लिए बहुत समृद्ध था।