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जीबीयू के 160 पाठ्यक्रम पर प्रवेश शुरू, 10 नए पाठ्यक्रम जोड़े

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जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई। विद्यार्थियों को जीबीयू में संचालित 160 मनपसंद पाठ्यक्रम की 4,360 सीटों पर प्रवेश लेने का मौका मिलेगा। इस बार 10 नए पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह, कुल सचिव डा. विश्वास त्रिपाठी समेत अन्य प्रोफेसर ने प्रवेश पुस्तिका का विमोचन कर आनलाइन प्रवेश पोर्टल शुरू किया। कुलपति ने नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश प्रक्रिया समेत अन्य बिंदुओं की प्रेसवार्ता में जानकारी दी। जीबीयू की शैक्षणिक उत्कृष्टता और छात्रों में स्किल डेवलप कर करियर का मार्ग प्रशस्त करने पर जोर दिया। प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। कुलपति ने बताया जीबीयू से संबद्ध कालेजों के छात्रों के लिए शैक्षणिक शुल्क में 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसका लाभ जिले के महामाया बालिका इंटर कालेज, पंचशील बालक इंटर कालेज, सावित्री बाई फुले बालिका इंटर कालेज और गौतमबुद्ध बालक इंटर कालेज के छात्र-छात्राओं को मिलेगा। । इस मौके पर डीन अकादमिक प्रो. एनपी मेलकानिया, विश्वविद्यालय प्रवेश समिति के अध्यक्ष डा. प्रदीप तोमर, डा. राकेश कुमार श्रीवास्तव समेत अन्य मौजूद रहे।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, 10 नए पाठ्यक्रम किये शामिल

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भास्कर ब्यूरो ग्रेटर नेएडा गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबी) में शैक्षणिक सत्र 2025 26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस विश्वविद्यालय में 10 नए पाठ्यक्रम जोड़े गए हैं, जिससे कुल पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़कर 160 हे गई है। इन पाठ्यक्रमों के तहत कुल 4,360 सीटों पर नामांकन किया जाएगा। शुक्रवर को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कुलपति प्रोफेसर राणा प्रताप सिंह, कुलसचिव डॉक्टर विश्वास त्रिपाठी, अकादमेक स्कायध्यक्ष प्रोफेसर एन. पी. मेलकनिया, प्रवेश समिति के अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप तोमर और समन्वयक डॉक्टर राकेश कुमर श्रीवास्तव ने प्रवेश प्रक्रिया की विस्तृत जनकरी दी।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ ।

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता और छात्र कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया। अध्यक्ष प्रवेश समिति डॉ. प्रदीप तोमर ने प्रवेश प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। इसमें प्रवेश पुस्तिका का आधिकारिक विमोचन और ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल प्रारम्भ किया गया। प्रेस वार्ता में कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आठ स्कूलों के 160 पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया का संचालन कर रहा है। इसमें उधोग और अकादमिक क्षेत्र की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 10 नए पाठ्यक्रम शामिल हैं। शैक्षणिक उत्कृष्टता और समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ, GBU 8 स्कूलों में उपलब्ध 160 पाठ्यक्रम में कुल 4,360 सीटें ऑफ स्कूल इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइज़ेशन, स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज, स्कूल ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ लॉ, जस्टिस एण्ड गवर्नेस, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज में उपलब्ध हैं। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के नवाचार और अनुसंधान के प्रति समर्पण का प्रमुख उदाहरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर की स्थापना है। यह सेंटर AI की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करके समाज की चुनौतियों का समाधान करने, आर्थिक विकास को गति देने और अगली पीढ़ी के नवाचारियों को तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यह सेंटर शैक्षणिक, उधोग और सरकारी विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर विभिन्न क्षेत्रों में नई संभावनाओं की खोज करेगा। कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी, डीन अकादमिक प्रो. एन. पी. मेलकानिया, विभिन्न संकायों के डीन, और विश्वविद्यालय प्रवेश समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप तोमर एवं डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव (समन्वयक, प्रवेश) एवं प्रवेश समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने 2025-26 सत्र के लिए 160 पाठ्यक्रम में प्रवेश शुरू किया है, जिनमें 10 नए पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। ये कार्यक्रम उभरते उद्योग और अकादमिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं। बी.एससी. (ऑनर्स) क्लिनिकल साइकोलॉजी, मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स, एम.एससी. (ऑपरेशन रिसर्च एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन), एम.एस.डब्ल्यू (मेडिकल साइकियाट्रिक सोशल वर्क), मास्टर ऑफ डिजाइन (इंटीरियर डिजाइन), इंटीग्रेटेड बी.एससी. - एम.एससी. (आयुर्वेद बायोलॉजी), इंटीग्रेटेड बी. प्लान एम. प्लान, इंटीग्रेटेड एम.एससी- पीएचडी (लाइफ साइंसेज एंड सिस्टम मेडिसिन), बी.टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग वीकेंड ), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (साइको - सोशल रिहैबिलिटेशन, बी. ए., बी.एससी., बी.कॉम., बी.एड., एम. ए., एम.एससी., बी.टेक., और एम. टेक., साथ ही 2024 से आई.टी.ई.पी (बी.ए. बी.एड., बी.एससी. बी.एड., बी.कॉम. बी. एड.), बी.पी. ई. एस पाठ्यक्रम शामिल हैं। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2025-26 में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने 10 नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जो निम्नवत हैं। I. स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर नए पाठ्यक्रम (06) बी.एससी. (ऑनर्स) क्लीनिकल साइकोलॉजी मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स एम.एससी. (ऑपरेशंस रिसर्च और कंप्युटर एप्लीकेशंस) एम.एस.डब्ल्यू (मेडिकल साइकियाट्रिक सोशल वर्क) मास्टर ऑफ डिज़ाइन (इंटीरियर डिज़ाइन ) II . इंटीग्रेटेड एवं शोध पाठ्यक्रमों (02) इंटीग्रेटेड बी. एससी. - एम. एससी. (आयुर्वेद बायोलॉजी) इंटीग्रेटेड बी. प्लान - एम. प्लान इंटीग्रेटेड एम.एससी. पीएचडी (लाइफ साइंसेज एवं सिस्टम्स मेडिसिन) III . कार्यरत पेशेवरों के लिए नया पाठ्यक्रमों (01) बी.टेक. (मैकेनिकल इंजीनियरिंग वीकेंड) IV. डिप्लोमा पाठ्यक्रमों (01) पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (साइको-सोशल रिहैबिलिटेशन)

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कुल 4,360 सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी साझा करने के लिए एक पत्रकार वार्ता का आयोजन गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। प्रेस वार्ता में कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह, कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी, डीन अकादमिक प्रो. एन. पी. मेलकानिया, विभिन्न संकायों के डीन, और विश्वविद्यालय प्रवेश समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप तोमर एवं डॉ. राकेश कुमार श्रीवास्तव (समन्वयक, प्रवेश) एवं प्रवेश समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता और छात्र कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रेस वार्ता के दौरान, अध्यक्ष प्रवेश समिति डॉ. प्रदीप तोमर ने प्रवेश प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर प्रवेश पुस्तिका का आधिकारिक विमोचन और ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल प्रारम्भ किया गया, जिससे आगामी शैक्षणिक सत्र (2025-26) हेतु आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (GBU) शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आठ स्कूलों के 160 पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया का संचालन कर रहा है, जिसमें उधोग और अकादमिक क्षेत्र की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 10 नए पाठ्यक्रम शामिल हैं। शैक्षणिक उत्कृष्टता और समग्र विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ, GBU 8 स्कूलों में उपलब्ध 160 पाठ्यक्रम में कुल 4,360 सीटें - स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज एंड सिविलाइज़ेशन, स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज, स्कूल ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, स्कूल ऑफ लॉ,जस्टिस एण्ड गवर्नेंस, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज में उपलब्ध हैं। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के नवाचार और अनुसंधान के प्रति समर्पण का प्रमुख उदाहरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेंटर की स्थापना है। यह सेंटर AI की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करके समाज की चुनौतियों का समाधान करने, आर्थिक विकास को गति देने और अगली पीढ़ी के नवाचारियों को तैयार करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। यह सेंटर शैक्षणिक, उधोग और सरकारी विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर विभिन्न क्षेत्रों में नई संभावनाओं की खोज करेगा। नए पाठ्यक्रम और प्रवेश प्रक्रिया: गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने 2025-26 सत्र के लिए 160 पाठ्यक्रम में प्रवेश शुरू किया है, जिनमें 10 नए पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। ये कार्यक्रम उभरते उद्योग और अकादमिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं। • बी.एससी. (ऑनर्स) क्लिनिकल साइकोलॉजी, मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स, एम.एससी. (ऑपरेशन रिसर्च एंड कंप्यूटर एप्लीकेशन), एम.एस.डब्ल्यू (मेडिकल साइकियाट्रिक सोशल वर्क), मास्टर ऑफ डिजाइन (इंटीरियर डिजाइन), इंटीग्रेटेड बी.एससी.-एम.एससी. (आयुर्वेद बायोलॉजी), इंटीग्रेटेड बी. प्लान-एम. प्लान, इंटीग्रेटेड एम.एससी-पीएचडी (लाइफ साइंसेज एंड सिस्टम मेडिसिन), बी.टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग वीकेंड), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (साइको-सोशल रिहैबिलिटेशन) इसके अलावा, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय पारंपरिक पाठ्यक्रमों को भी चला रहा है, जिनमें बी.ए., बी.एससी., बी.कॉम., बी.एड., एम.ए., एम.एससी., बी.टेक., और एम.टेक., साथ ही 2024 से आई.टी.ई.पी (बी.ए. बी.एड., बी.एससी. बी.एड., बी.कॉम. बी.एड.), बी.पी.ई.एस आदि के तहत नए कार्यक्रम शामिल हैं। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2025-26 में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ने 10 नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, जो निम्नवत हैं। I. स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर नए पाठ्यक्रम (06) • बी.एससी. (ऑनर्स) क्लीनिकल साइकोलॉजी • मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स • एम.एससी. (ऑपरेशंस रिसर्च और कंप्युटर एप्लीकेशंस) • एम.एस.डब्ल्यू (मेडिकल साइकियाट्रिक सोशल वर्क) • मास्टर ऑफ डिज़ाइन (इंटीरियर डिज़ाइन) II. इंटीग्रेटेड एवं शोध पाठ्यक्रमों (02) • इंटीग्रेटेड बी. एससी. – एम. एससी. (आयुर्वेद बायोलॉजी) • इंटीग्रेटेड बी. प्लान - एम. प्लान • इंटीग्रेटेड एम.एससी.-पीएचडी (लाइफ साइंसेज एवं सिस्टम्स मेडिसिन) III. कार्यरत पेशेवरों के लिए नया पाठ्यक्रमों (01) • बी.टेक. (मैकेनिकल इंजीनियरिंग वीकेंड) IV. डिप्लोमा पाठ्यक्रमों (01) • पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (साइको-सोशल रिहैबिलिटेशन) प्रवेश प्रक्रिया और सीटें गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय इस शैक्षणिक सत्र (2025-26) कुल 160 पाठ्यक्रमों में प्रवेश देगा, जिसमें 4,360 सीटें उपलब्ध हैं। 1. प्रवेश मोड: • डायरेक्ट प्रवेश: आवेदकों द्वारा चयनित पाठ्यक्रमों की पात्रता परीक्षा में प्राप्त मेरिट के आधार पर डायरेक्ट प्रवेश दिया जाएगा, केवल एमबीए, पीएचडी, बी.एससी.(क्लीनिकल साइकोलॉजी एवं एमफिल इन क्लिनिकल साइकोलॉजी को छोड़कर। • GBU-ET 2025 (विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा) के माध्यम से चयनित पाठ्यक्रमों में प्रवेश। • राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय परीक्षाओं के माध्यम से प्रवेश (JEE, NATA, CLAT, GATE, CAT, MAT, UPJEE आदि)। • डायरेक्ट प्रवेश (मेरिट आधारित) कुछ पाठ्यक्रमों के लिए। विशेष घोषणाएँ • छात्रावास अनिवार्यता में छूट: गौतम बुद्ध नगर के छात्रों के लिए छात्रावास अनिवार्य नहीं हैं। • छात्रवृत्तियाँ एवं शुल्क छूट: 12वीं कक्षा में 80% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को बी.टेक. (सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) में 50% शुल्क छूट दी जाएगी। • SC/ST छात्रों के लिए 50% शुल्क छूट। • विश्वविद्यालय गौतम बुद्ध एजुकेशन सोसाइटी से संबद्ध स्कूलों के छात्रों के लिए शैक्षणिक शुल्क में 20% की छूट प्रदान करता है, जिसमें महामाया बालिका इंटर कॉलेज, पंचशील बालक इंटर कॉलेज, सावित्री बाई फुले बालिका इंटर कॉलेज और गौतम बुद्ध बालक इंटर कॉलेज शामिल हैं। पीएचडी प्रवेश में प्राथमिकता: • JRF उत्तीर्ण छात्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता। • GBU-ET उत्तीर्ण उम्मीदवारों को द्वितीय प्राथमिकता। • NET (पीएचडी योग्यता) उत्तीर्ण उम्मीदवारों को तृतीय प्राथमिकता। उधोग-अकादमिक सहयोग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को नवीनतम उद्योग आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित कर रहा है, जिससे छात्रों को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हो सकें। विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को अपनाकर शिक्षण में नैतिक मूल्यों और समग्र विकास को बढ़ावा दे रहा है। प्रवेश पुस्तिका एवं ऑनलाइन आवेदन पोर्टल अब उपलब्ध हैं। इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट:- फरवरी 2025 तक 60 से अधिक कंपनियों द्वारा GBU में प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित किया गया हैं, जिनमें होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड, ऐडवर्ब टेक्नोलॉजीज, TCS, सूर्या रोशनी लिमिटेड, नागारो सॉफ्टवेयर, HDFC लाइफ, डिक्सन टेक्नोलॉजीज, एक्सिस बैंक, और सोनालिका ट्रैक्टर्स शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, 8 छात्रों को कूपरहीट, सऊदी अरब में अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट प्राप्त हुआ है। • सर्वोच्च पैकेज: ₹24 लाख प्रति वर्ष, नाम-हर्ष, बी.टेक IT छात्र (Groww कंपनी) • उद्यमिता पहल: GBU इनक्यूबेशन सेंटर में 16 स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया गया

जीबीयू के नए कुलपति प्रो. राणा प्रताप के पास है 31 वर्षों के शोध का अनुभव

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जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं जीबीयू के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने जेएनयू के प्रो. राणा प्रताप सिंह को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) का नया कुलपति नियुक्त किया है। नए कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह के पास 24 वर्षों का शिक्षण और 31 वर्षों के शोध का अनुभव है। उन्होंने शैक्षणिक गतिविधियों के लिए आठ देशों का दौरा किया है। साथ ही 22 पीएचडी, 13 एमफिल का पर्यवेक्षण किया है। यही नहीं उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है। वह जेएनयू में 2017 से 22 तक प्रो- वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत रहे हैं। इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल के अध्यक्ष और जेएनयू में भर्ती, संपदा, बुनियादी ढांचे और अनुसंधान एवं विकास आदि के प्रभारी के रूप में कार्य का प्रशासनिक अनुभव भी है। नवनियुक्त कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने मंगलवार को पद संभाल लिया है। उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिकता एकेडमिक व रिसर्च को बढ़ावा देना होगा, जिसमें उनका लंबा अनुभव काम आएगा । प्रो. राणा प्रताप सिंह ने स्तन कैंसर पर एक पुस्तक भी लिखी है। साथ ही 100 से अधिक व्याख्यान दिए हैं। इनमें से विदेश में दिए गए 18 व्याख्यान भी शामिल हैं। 15 अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड के सदस्य के रूप में और कई अनुसंधान परियोजनाओं के लिए काम किया है। उनके नाम पर तीन पेटेंट दायर किए गए हैं। इविंग क्रिश्चियन कालेज इलाहाबाद से प्रो. राणा प्रताप सिंह ने बीएससी व एमएसी की। इसके बाद वर्ष 1993 में उन्होंने जेएनयू से जीव विज्ञान में डिग्री और वर्ष 2000 कैंसर जीव विज्ञान में पीएचडी की। फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग, कोलोराडो डेनवर विश्वविद्यालय अमेरिका में वर्ष 2003 में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे। वर्ष 2006 में जेएनयू में स्कूल आफ लाइफ साइंसज संकाय में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में सेवा दी। 2010 में केंद्रीय विश्वविद्यालय गुजरात में प्रतिनियुक्ति पर प्रोफेसर रहे और 2012 में दोबारा जेएनयू में वापसी हुई।

पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा घोषित करना एक महत्वी़पूर्ण कदम है, जो प्रधानमंत्री मोदी की भगवान बुद्ध की विरासत के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डॉ अनिर्बन गांगुली

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ग्रेटर नोएडा।गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन एवं सभ्यता विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला “सूत्त पिटक पाली में बौद्ध सामाजिक नैतिक दृष्टिकोण” का आज समापन हुआ। इस कार्यशाला में देशभर से प्रतिष्ठित विद्वानों ने भाग लिया और बौद्ध दर्शन, सामाजिक न्याय तथा समकालीन समाज में इसकी प्रासंगिकता पर विचार विमर्श किया।कार्यशाला के दूसरे दिन दो अकादमिक सत्र आयोजित किए गए। प्रथम सत्र: “सूत्त पिटक पाली में बौद्ध सामाजिक दर्शन” इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. प्रदीप घोकला पुणे विश्वविद्यालय ने की। उन्होंने डॉ. बी.आर. आंबेडकर के बौद्ध धर्म की ओर आकर्षण एवं बौद्ध धर्म में न्याय की अवधारणापर चर्चा की। इसके बाद, प्रो. एच.पी. गंगनेगी ने बौद्ध धर्म के विभिन्न मतों, महायान दर्शन एवं तांत्रिक बौद्ध परंपरा में विभिन्न प्रतिमाओं की व्याख्या की। प्रो. उमा चक्रवर्ती, जो एक प्रतिष्ठित बौद्ध विदुषी हैं, ने बौद्ध धर्म में महिलाओं की स्थिति पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।द्वितीय सत्र: “बौद्ध धर्म की वैश्विक प्रासंगिकता एवं सामाजिक सरोकार”इझझंस सत्र में प्रो. स्वरूपा रानी आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय ने दक्षिण एवं उत्तर भारत के उन सामाजिक बौद्ध नेछताओं पर प्रकाश डाला, जिनके योगदान को अपेक्षित पहचान नहीं मिली। इसके बाद, प्रो. एन. सुकुमार दिल्ली विश्वविद्यालय ने बुद्ध को सभी महान नेताओं का अग्रदूत बताया और यह प्रेरणादायक विचार प्रस्तुत किया कि महात्मा गांधी और डॉ. आंबेडकर ने बुद्ध की शिक्षाओं को ही आगे बढ़ाया। डॉ. प्रवीण कुमार सुभारती विवेकानंद विश्वविद्यालय ऐने महायान दर्शन की गूढ़ अवधारणाओं पर चर्चा की, जबकि डॉ. चंद्र कीर्ति ने डॉ. आंबेडकर के विचारों की वर्तमान सामाजिक संदर्भ में प्रासंगिकता पर बल दिया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. अनिर्बान गांगुली अध्यक्ष, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत और विश्व में भगवान बुद्ध की विरासत के संरक्षण और संवर्धन हेतु किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार एवं तीसरी बार शपथ ग्रहण के 10 दिनों के भीतर इसका उद्घाटन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसके अलावा, पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा घोषित करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो प्रधानमंत्री मोदी की भगवान बुद्ध की विरासत के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।डॉ. गांगुली ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल इन ऐतिहासिक मांगों को पूरा किया है, बल्कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्वप्न को भी साकार किया है। उन्होंने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और उनके पिता अशुतोष मुखर्जी के बौद्ध एवं पाली अध्ययन को बढ़ावा देने में दिए योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पाली भाषा वैश्विक आपसी संबंधों की भाषा है, और भारत का इसमें विशेष स्थान है। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यशाला पाली और बौद्ध अध्ययन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।समापन और धन्यवाद ज्ञापनका कर्यशाला का समापन डॉ. शिवसाई द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। समापन सत्र की अध्यक्षता प्रो. श्वेता आनंद ने की, और आयोजन समिति के सदस्यों को मुख्य अतिथि डॉ. गांगुली द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 100 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में प्रमुखता रूप से उपस्थित शिक्षकों में डॉ. अरविंद, डॉ. पासवान, डॉ. मित्रा, डॉ. शाक्य, डॉ. मेश्राम, श्री विक्रम, कन्हैया, संदीप और अजय शामिल थे।

जीबीयू के कुलपति बने प्रो. राणा प्रताप सिंह ने संभाला पदभार

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टर नोएडा, [तारीख] – गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि प्रो. राणा प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में पदभार संभाल लिया है। प्रो. सिंह एक प्रख्यात शिक्षाविद, शोधकर्ता और प्रशासक हैं, जिनके पास शिक्षण का 24 से अधिक वर्षों का अनुभव और 31 वर्षों का शोध अनुभव है, विशेष रूप से कैंसर जीवविज्ञान, ट्यूमर थेरेप्यूटिक्स और समग्र चिकित्सा के क्षेत्र में। इस पद पर नियुक्ति से पहले, प्रो. सिंह ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली में प्रो-वाइस चांसलर (रेक्टर) के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने अकादमिक और प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में JNU में 2020-21 में स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टम्स मेडिसिन की स्थापना और आयुर्वेद बायोलॉजी (BSc-MSc) कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इलाहाबाद के इविंग क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक करने के बाद, उन्होंने 1993 में JNU से M.Sc. और 2000 में कैंसर बायोलॉजी में Ph.D. पूरी की। इसके बाद, उन्होंने AMC कैंसर रिसर्च सेंटर और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो हेल्थ साइंसेज सेंटर, अमेरिका में पोस्ट-डॉक्टोरल प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके शोध कार्य का मुख्य क्षेत्र ट्यूमर हेटेरोजेनिटी, कैंसर स्टेम सेल्स, रेडियोथेरेपी प्रतिरोध और सेल सिग्नलिंग रहा है। प्रो. सिंह ने अब तक 190 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, जिनके 15,800 से अधिक उद्धरण हैं और उनका H-इंडेक्स 78 है। उन्होंने 22 पीएचडी और 13 एमफिल छात्रों का मार्गदर्शन किया है, 100 से अधिक आमंत्रित व्याख्यान दिए, और 22 अंतरराष्ट्रीय कैंसर सम्मेलन आयोजित किए। उनकी वैश्विक शोध साझेदारियों में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव कैंसर बायोलॉजी एंड थेरेप्यूटिक्स की स्थापना शामिल है।

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को मिला नया कुलपति, प्रो. राणा प्रताप सिंह संभालेंगे कमान

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गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, गौतमबुद्धनगर को नया कुलपति मिल गया है। प्रतिष्ठित कैंसर वैज्ञानिक प्रो. राणा प्रताप सिंह को विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। वे आगामी तीन वर्षों तक इस पद पर कार्य करेंगे। वैज्ञानिक से प्रशासक तक का सफर प्रो. राणा प्रताप सिंह वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली में स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। वे शिक्षा और अनुसंधान प्रशासन में एक अनुभवी हस्ती हैं और उन्होंने भारत में कई नए विभागों, स्कूलों और शोध केंद्रों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कैंसर रिसर्च में बड़ा नाम उनका शोध स्टेम सेल, ऑर्गेनोइड्स, डीएनए रिपेयर मैकेनिज्म और माइक्रोग्रैविटी के रेडियोबायोलॉजी पर प्रभाव जैसे विषयों पर केंद्रित है। कैंसर की प्रगति और उपचार पर उनके व्यापक अनुसंधान के चलते उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। उनके 100 से अधिक शोधपत्र Nature, Oxford Academic, Harvard Catalyst और American Association for Cancer Research Journal जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। शैक्षणिक यात्रा और अनुभव प्रो. सिंह ने जेएनयू से कैंसर बायोलॉजी में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इविंग क्रिश्चियन कॉलेज से बी.एससी. और जेएनयू से एम.एससी. किया। वे कोलोराडो विश्वविद्यालय में शोधकर्ता और सहायक प्रोफेसर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। नई उम्मीदें, नए आयाम गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में उनके नेतृत्व से शैक्षणिक और शोध क्षेत्र में नए आयाम जुड़ने की उम्मीद की जा रही है। उनकी नियुक्ति को विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

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जीबीयू के 160 पाठ्यक्रम पर प्रवेश शुरू, 10 नए पाठ्यक्रम जोड़े
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, 10 नए पाठ्यक्रम किये शामिल
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ ।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कुल 4,360 सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू
जीबीयू के नए कुलपति प्रो. राणा प्रताप के पास है 31 वर्षों के शोध का अनुभव