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जीबीयू में उधमशीलता जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।

गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय और भारत सरकार के लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।कार्यक्रम की शुरुआत में प्रबंधन विभाग के डॉ इंदू उप्रेती ने सभी का स्वागत किया और छात्रों को उद्यमिता में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरके सिन्हा ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा, “आज की आवश्यकता ऐसे उद्यमियों की है, जो भारत के लिए गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे उत्पाद तैयार करें। हमारे देश की बड़ी आबादी हमें व्यापार के नए अवसर प्रदान करती है। उद्यमिता के लिए रिस्क प्रबंधन और रचनात्मकता अनिवार्य है। हमें वित्तीय जागरूकता भी जरूरी है।” विशिष्ट अतिथि, एमएसएमई ओखला के संयुक्त निदेशक डॉ. आर के भारती ने छात्रों को भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी और उन्हें बताया कि सफलता के लिए जीवन को चार ‘डी’ से संचालित करना चाहिए – डिजायर, डायरेक्शन, डिसिप्लिन और डेडिकेशन। सह निदेशक डॉ. डीएस तोमर ने सूक्ष्म मंत्रालय की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।कार्यक्रम के संयोजक, डॉ. नवीन प्रबंधन विभाग) ने बताया, “भारत को विकसित बनाने के लिए हमें स्वरोजगार के रास्ते को अपनाना होगा। जितना अधिक छात्र उद्यमिता की दिशा में काम करेंगे, उतना ही देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।” इस कार्यक्रम में शारदा विश्वविद्यालय से डॉ. अमित सहगल, उद्यमी विवेक कुमार, इंदू जैसवाल(केनरा बैंक), प्रोफेसर श्वेता आनंद, डॉ. वर्षा दीक्षित, डॉ. सतीश मीतल, डॉ विनय लिटोरिया, डॉ लवी सारीक्वाल, रागिनी, अर्चना और सैकड़ों छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहें।इस शिविर ने छात्रों में उद्यमिता के प्रति जागरूकता उत्पन्न की और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।