जीबीयू संग किया करार, बुद्धिस्ट और तकनीकी पाठयक्रमों में मिलेगी मदद माई सिटी रिपोर्टर ग्रेटर नोएडा । गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) और कोरिया की डोंग्गुक विश्वविद्यालय वाइज बुद्धिस्ट और तकनीकी कोर्सेज के शोध में सहयोग करेंगे। सोमवार को जीबीयू के कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी और डोंग्गुक विश्वविद्यालय वाइज के अध्यक्ष यी यंग क्यूंग ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। जीबीयू के कुलपति प्रोफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि भारत और दक्षिण कोरिया राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। समझौते का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण और आर्थिक लाभों की समझ को व्यापक बनाना है। इसके तहत शिक्षकों और छात्रों का शैक्षिक आदान-प्रदान, ऑनलाइन कोरियाई भाषा का कार्यक्रम, प्रबंधन विषय पर कांफ्रेंस एवं शिक्षकों में शोध के विषयों पर सहमति जीबीयू और कोरिया की डोंग्गुक यूनिवर्सिटी के समझौते पत्र को दिखाते अधिकारी। पर शोध परियोजना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने कहा कि दोनों संस्थानों में शोध प्रबंध, परियोजना, इंटर्नशिप, डॉक्टरेट अनुसंधान और बौद्ध अध्ययन, अनुप्रयुक्त विज्ञान, इंजीनियरिंग, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में संयुक्त कार्य किए जाएंगे। समझौते में मुख्य भूमिका निभाने वाले बुद्धिस्ट विभाग के डॉ. अरविंद सिंह के बताया कि समझौता उच्च शिक्षा के अलावा धर्म, संस्कृति और अनुसंधान सहित सभी दिशाओं में हुआ। इस मौके पर डॉ. इंदू उप्रेती, प्रो. वंदना पांडे, डॉ. नीति राणा, प्रो. संजय शर्मा, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. केके द्विवेदी, डॉ. सीएस पासवान, ली यू- क्यूंग, बाए ब्यूंग-गुक और चोई दोंग-उक मौजूद रहे।