ग्रेटर नोएडा, कार्यालय संवाददाता। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ज्ञान मिलेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर में एआई सेंटर स्थापित होने की कवायद तेज हो गई है। सेंटर की स्थापना के लिए शासन से 50 करोड़ रुपये का बजट भी प्रस्तावित हो चुका है। एआई सेंटर में देशभर की बड़ी कंपनियां भी आएंगी। कंपनी के वैज्ञानिक और इंजीनियर प्रत्येक सेमेस्टर में कक्षाएं भी लेंगे। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि एआई का उपयोग पैटर्न खोजने, नई तकनीकी खोजने, भविष्यवाणियां करने, मशीनों और भौतिक वातावरण के साथ बातचीत करने सहित अन्य कार्य में किया जा सकता है। एआई में नॉलेज, रीजनिंग, प्राब्लम साल्विंग, परसेप्शन, लर्निंग, प्लानिंग और ऑटोमेशन प्रोसेस के लिए प्रोग्रामिंग शामिल है। एआई शिक्षा से छात्रों को कई फायदे होंगे। वह कॉलेज के माध्यम से आगे बढ़ते हैं और अपने करियर की राह चुनते हैं। ऐसे में विभिन्न उद्योगों में एआई के बढ़ते एकीकरण के साथ, एआई ज्ञान रखने से छात्रों को नौकरी में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी। एआई शिक्षा का एकीकरण छात्रों को आलोचनात्मक सोच, समस्या- समाधान और रचनात्मकता विकसित करके सशक्त बनाएगा। चूंकि भविष्य की नौकरियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एआई प्रौद्योगिकियों पर निर्भर सेंटर स्थापित करने की विदेशी छात्रों के दाखिले बढ़ाने पर जोर | एआई से तेज हो गई है। विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के दाखिले बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम के तहत विदेशी छात्रों को दाखिला दे रहा है। इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए डासा प्रोग्राम भी शुरू किया गया है। इसके तहत जो लोग मूलतः भारतीय हैं, जबकि विदेशों में रह रहे हैं, उन्हें भी जीबीयू में पढ़ने का मौका दिया जा रहा है। ऐसे में एआई कौशल से लैस छात्र-छात्राओं को रोजगार और करियर की सफलता के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। विश्वविद्यालय विज्ञान में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए एआई सेंटर स्थापित करने जा रहा है, यह प्रदेश का पहला हाईटेक एआई सेंटर होगा, जिसमें छात्रों को नए कोर्स और तकनीकों के बारे में जानकारी मिलेगी। छात्रों को एआई में पारंगत करने के लिए देशभर की कंपनियों के साथ एकेडमिक समझौता कर रहा है, ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता शिक्षा प्रदान की जा सके । - प्रोसेफर आरके सिन्हा, कुलपति जीबीयू आईबीएम के विशेषज्ञ छात्रों को पढ़ाएंगे: बिजनेस एनालिटिक्स और कंप्यूटर सांइस के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय आईबीएम कंपनी का सहयोग लेगा। यह कंप्यूटर की सबसे बड़ी कंपनी है। इस कंपनी के वैज्ञानिक और इंजीनियर प्रत्येक सेमेस्टर में जीबीयू में पढ़ाएंगे। इन विषय की थ्योरी और उसका प्रेक्टिकल कराने के लिए कंपनी के साथ एकेडमिक समझौता किया गया है। छात्रों को एआई में पारंगत करने के लिए विश्वविद्यालय ने माइक्रोसाफ्ट, एचसीएल, सेमसंग आदि बड़ी कंपनियों के साथ भी एमओयू किया है। हाल में ही उत्तरप्रदेश के सचिव स्तरीय अधिकारियों के साथ माइक्रोसॉफ्ट के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक भी हुई थी।