ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में आज गहन कोहरे और ठंढ के बावजूद गणतंत्र दिवस को बड़े हर्षोल्लास के साथ शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों, एवं सुरक्षा कर्मियों की उपस्थिति में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स (गर्ल्स) ने मार्च पास्ट किया और साथ ही विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने भी परेड किया। जीबीयु के कुलपति प्रो आर के सिन्हा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी, शिक्षकगण, कर्मचारी और छात्र-छात्राओं के उपस्थिति में फहराया।प्रो सिन्हा ने इस अवसर पर विगत वर्ष हुई विभिन्न कार्यों में मिली उपलब्धियों का हासिल करने में सभी के सहयोग की प्रशंसाकी। कुछ विशेष उपलब्धियों को विशेष रूप से चर्चा की जो विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने में मददगार साबित हुई जैसे बौद्ध अध्ययन, बायोटेक्नोलॉजी, और अनुप्रयोगिक मनोविज्ञान जैसे विभागों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का सफल संचालन शामिल था। विश्वविद्यालय ने पिछले सत्र में ऐताहासिक नामांकन हुआ और साथ ही उन्होंने ने प्रवेश विभाग से अगले सत्र में इससे अधिक संख्या में नामांकन करने का लक्ष्य दिया है और एमबीए, एलएलएम, और एमटेक (सिविल इंजीनियरिंग) जैसी सप्ताहांतिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत होने से संतुष्टि प्रकार की।प्रोफेसर सिन्हा ने विश्वविद्यालय समुदाय के कल्याण के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया एवं विगत वर्ष हुए कार्यों को बताया किया। जिनमें शिक्षक सदस्यों की सफल विनियमन और पदोन्नति और कर्मचारी एवं छात्रों के लिए मेस और हॉस्टल सुविधाओं में सुधार, इत्यादि शामिल हैं।ध्वजारोहण के बाद, विश्वविद्यालय में परम्परानुसार क्रॉस-कन्ट्री रेस आयोजित की गई। इस रेस में शामिल होने वाले शिक्षक, कर्मचारी, और छात्रों ने एक मित्रता भरी प्रतियोगिता में भाग लिया।कार्यक्रम के अंत में देशभक्ति गीतों का एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति की। तत्पश्चात् कुलसचिव डॉ विश्वास त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एक जीवंत शैक्षिक समुदाय और इसकी गरिमा बनाये रखने में हम सभी को मिल कर विकाशोन्मुख कार्य करते रहना होगा और विश्वविद्यालय प्रशासन एक कदम बढ़ कर सभी के सहयोग से इसके विकास में अपना सामूहिक योगदान करेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुभोजीत बनर्जी एवंक्रॉस कंट्री रेस का डॉ प्रदीप यादव ने किया।