बढ़ते साइबर क्राइम को ध्यान में रखते हुए कासना स्थित गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) में छात्र-छात्राओं के लिए साइबर फरेंसिक लैब बनकर तैयार हो गई है। इसके माध्यम से संस्थान में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को साइबर क्राइम से बचाव और अन्य कई चीजों से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जीबीयू के कुलपति प्रफ़ेसर रविंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि बाहर के लोग भी साइबर अपराध के बारे में जानने ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ आईसीटी के लिए यहां जानकारी ले सकते हैं। यहां छह महीने से लेकर एक साल वाले करीव शुरू किए जा रहे हैं। इसके लिए सात छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन भी कराया है। इसके अलावा शासन के आदेश पर एआई (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) सेंटर तैयार करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन और विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों ने डीपीआर (डिटेल प्रॉजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर ली है। इसके लिए शासन स्तर से फंड रिलीज होने का इंतजार है।कैंपस में बनाई गई है । जीबीयू के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान समय में साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। यहां संस्थान में साइबर फरेंसिक, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और ड्रोन टेक्नॉलजी की वारिकियां सिखाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। हर व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार हो रहा है। संस्थान में साइबर टेक कंपनी के साथ मिलकर स्कूल ऑफ आईसीटी में साइबर फरेंसिक लैब स्थापित कर दी गई है। कंपनी के प्रतिनिधियों ने साइबर क्राइम से जुड़ी चीजों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तरीके से लैव तैयार की है। जनवरी से अन्य कोर्सों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रकिया शुरू कर दी जाएगी। संस्थान में लैब के लिए 60 कंप्यूटर की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही सात मुख्य कंप्यूटर हैं लैब में पुलिस, सेना और आम नागरिक भी कोर्स में अपना रजिस्ट्रेशन कराकर साइवर अपराध से बचाव से जुड़ा कोर्स कर सकते हैं। इन कोर्स से जुड़ी फीस को फाइनल करने के लिए कुलपति प्रफेसर रविंद्र कुमार सिन्हा के साथ ही जल्द अन्य स्टाफ की मीटिंग होनी है। इसके बाद एडमिशन शुरू होंगे।