गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर 'गांधी दर्शन की प्रासंगिकता' विषय पर एक विद्वत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और राजनीति विज्ञान के प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि आज भी महात्मा गांधी का जीवन, साहस और सत्य का जीवंत प्रतीक है। प्रख्यात शिक्षाविद प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने अपने व्याख्यान में कहा कि महात्मा गांधी साहस पूर्वक अपनी क्षमताओं और अक्षमताओं को स्वीकार करते थे और अपने सार्वजनिक जीवन में निरंतर स्वयं में परिष्कार करते रहते थे। उन्होंने महात्मा गांधी को आधुनिक भारत में भारतीय परंपरा, साहित्य, संस्कृति और वैचारिक अनुष्ठान का सबसे सशक्त संवाहक बताया। प्रो. शर्मा ने कहा कि यदि हम महात्मा गांधी के व्यक्तित्व के कुछ बिंदुओं को भी आत्मसात करें तो यह उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजली होगी। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवींद्र कुमार सिन्हा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि गांधी जी के द्वारा परस्पर अपने विरोधी विचारधाराओं को भी साथ लेकर चलने की क्षमता उन्हें और महान बनाती है। उनका यह विचार आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है। प्रो. सिन्हा ने इस अवसर पर महात्मा गांधी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस अवसर पर फोटोग्राफी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार शैरिल, द्वितीय पुरस्कार सृष्टि ठाकुर एवं तृतीय पुरस्कार परिधि गुप्ता को दिया गया, ये तीन जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग की छात्राएं हैं। वहीं गांधी दर्शन की प्रासंगिकत विषय पर आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में पक्ष में राजनीति विज्ञान विभाग के उमेश शर्मा एवं विपक्ष में राजनीति विज्ञान विभाग की आरुषी शाक्य को प्रथम पुरस्कार दिया गया जबकि अंग्रेजी विभाग की अंशुनी प्रिया शर्मा और जनसंचार विभाग के हिमांशु को सांत्वन पुरस्कार प्रदान किया गया।