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जीबीयू में अभ्यास कर पैरालंपिक में जीता कांस्य (पैरा स्पोर्ट्स सेंटर में प्रशिक्षण लेती थीं प्रीति पाल, कोच ने कहा- जीत के लिए शुरू से थी प्रतिबद्ध)

गौतमबुद्ध नगर विश्वविद्यालय (जीबीयू) में अभ्यास करने वाली पैरा एथलीट प्रीति पाल ने पैरालंपिक में 100 मीटर रेस (टी-35) में कांस्य पदक जीता है। 23 साल की प्रीति पैरालंपिक गेम्स की ट्रैक स्पर्धा में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं।उन्होंने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय स्थित पैरा स्पोट्र्स एक्सीलेंस सेंटर में प्रदीप राज से प्रशिक्षण लिया है। एक्सीलेंस सेंटर के महासचिव प्रदीप राज कहते हैं कि मूलरूप से मुजफ्फर नगर निवासी प्रीति 2021 में जीबीयू आई थीं। वह अपने दादा के साथ खेल की बारीकियां सीखने आई थी। उन्होंने कहा कि प्रीति में शुरू से कुछ कर गुजरने का जज्बा था। इन्हीं गुणों की वजह से आज प्रीति ने कांस्य पदक जीत कर देश व परिवार का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि 2024 प्रीति पाल के लिए खेल भविष्य का सुनहरा पल लेकर आया है। इससे पहले उन्होंने मार्च में बंगलूरूउ में आयोजित छठवीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण पदक जीतकर साल का शानदार अंदाज आगाज किया था। वहीं मई में जापान में हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। इसी पदक की बदौलत प्रीति पाल पेरिस पैरालंपिक का टिकट हासिल करने में सफल रहीं। शुक्रवार को 100 मीटर रेस में कांस्य पदक जीत कर नया कीर्तिमान रच दिया है।